
30 अगस्त 2025 को, यमन की राजधानी सना (Sanaa) में हुए एक इजरायली हवाई हमले में हूथी गृहिणी सरकार के प्रधानमंत्री अहमद गालिब अल-रहवी की मृत्यु हो गई, साथ ही कई वरिष्ठ मंत्रियों का भी निधन हुआ।
आईडीएफ (इजरायल रक्षा बल) ने कहा कि यह एक जटिल, इंटेलिजेंस-संचालित ऑपरेशन था, जिसमें रक्षा मंत्री, मुख्य स्टाफ और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निशाना बनाया गया।
रिपोर्ट्स का अनुमान है कि पूरी हूथी कैबिनेट में शामिल मंत्री इस हमले में मारे गए हो सकते हैं—हालांकि यह पुष्टि अभी पूरी तरह नहीं हुई है।
“इजरायली हवाई हमले में हूथी सरकार के प्रधानमंत्री और वरिष्ठ मंत्रियों की मौत, पूरी कैबिनेट के सफाए की आशंका”
30 अगस्त 2025 को यमन की राजधानी सना में एक क्रूर लेकिन सटीक इजरायली हवाई हमले ने हूथी गृहिणी सरकार को जबड़ा—जिसमें प्रधानमन्त्री अहमद गालिब अल-रहवी और कई वरिष्ठ मंत्री मारे गए। यह हमला एक इंटेलिजेंस-संचालित, जटिल ऑपरेशन था, जिससे हूथी शासन की शीर्ष पंक्ति क्षत-विक्षत हुई है। इस ऐतिहासिक घटना ने क्षेत्रीय तनाव में नई आग लगा दी है, जो पहले से ही गाजा युद्ध और अतीत की इजरायल-हूथी तनाओं से भरा हुआ है।
घटना का विवरण (Incident Details)
सूत्रों के अनुसार, हूथी ने 2024 अगस्त से प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत अहमद गालिब अल-रहवी और कई कैबिनेट मंत्रियों को एक रूटीन सरकारी कार्यशाला के दौरान निशाना बनाया गया। हमला एक बड़ी बैठक के दौरान हुआ, जहाँ मंत्रियों ने पिछली वर्ष की समीक्षा कर रहे थे।
रायटर की रिपोर्ट बताती है—सना के अल-मशात की घोषणा में कहा गया कि रक्षा, ऊर्जा, विदेशी मामलों और सूचना जैसे विभिन्न मंत्रालयों के प्रमुखुधां हुए हैं।
इस्राइल रक्षा बल (IDF) ने इसे “जटिल, इंटेलिजेंस-संचालित ऑपरेशन” बताया। उन्होंने विशेष रूप से कवायद का हिस्सा रहे रक्षा मंत्री, मुख्य स्टाफ, और अन्य वरिष्ठ राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व को निशाना बताया।
व्यापक नुकसान और अनुमान (Wider Casualties & Estimate)
उल्लेखनीय है कि कुछ स्रोतों ने अनुमान लगाया है कि पूरी हूथी कैबिनेट—जिसमें प्रधानमंत्री और लगभग 12 अन्य मंत्रियों शामिल थे—हमले में मारे गए हो सकते हैं। हालांकि यह पुष्टि नहीं है, लेकिन यह अनुमान इस हमले की गंभीरता को दर्शाता है।
विकिपीडिया के अनुसार, 8 अतिरिक्त शीर्ष अधिकारियों के नामों में न्याय, कृषि, विदेशी मामलों, अर्थव्यवस्था, सार्वजनिक संबंध मंत्री आदि शामिल हैं जो हताहत हो सकते हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया (Political Fallout)
हूथी नेतृत्व—महदी अल-मशात (Mahdi al-Mashat)—ने हमला स्वीकार करते हुए कहा:
“हम बदला लेंगे और घावों की गहराइयों से हमें विजय मिलेगा।”
उन्होंने दृढ़ता व्यक्त की कि यह केवल शुरुआत है और लड़ाई तब तक चलेगी जब तक यह “विरोध समाप्त न हो जाए और घेराबंदी हट न जाए।”
इजरायली रक्षा मंत्री इज़रायल कात्ज़ ने इसे “एक अभूतपूर्व क्रूर हमले” के रूप में वर्णित किया और चेतावनी दी कि यह सिर्फ शुरुआत है।
पृष्ठभूमि और रणनीतिक पहलू (Background & Strategic Context)
यह हमला गाजा में जारी संघर्ष और इजरायली हमलों के बीच एक नई मोड़ लेकर आया है। हूथी समूह ने गाजा में फिलिस्तीनियों के प्रति एकजुटता में इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले बढ़ा दिए थे, इसके चलते इजरायल ने अब उनकी लीडरशिप को निशाना बनाना शुरू किया।
इससे पहले हूथी ने रेड सी जहाजों और तेल मार्गों पर भी हमले किए थे, जिससे क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा पर भी खतरा बढ़ा था।।
संभावित प्रभाव (Potential Impact)
1. हूथी नेतृत्व पर बड़ा झटका –
प्रधानमंत्री सहित वरिष्ठ मंत्रियों का सफाया रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव लाता है।
2. क्षेत्रीय तनाव में वृद्धि –
इजरायल और ईरान समर्थित हूथी समूह के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
3. प्रतिशोधी कार्रवाई की आशंका –
हूथी ने बदले की चेतावनी दी है; इससे इलाके में हिंसा की संभावना बनी रहेगी।
4. इजरायल की रक्षा रणनीति में बदलाव –
ऐसे हाई-प्रोफाइल आंकड़ों को निशाना बनाकर इजरायल एक नया राजनीतिक रणनीतिक रुख अपना सकता है।
यह हमला एक रणनीतिक मोड़ की ओर इंगित करता है। इजरायल ने अब तक की कार्रवाईयों से आगे बढ़ कर हूथी नेतृत्व को सीधे निशाना बनाया है। इसका असर पूरे क्षेत्र की राजनीतिक, सैन्य और मानवीय दिशाओं पर दिखाई देगा।