
देवघर (झारखंड) — आज, [सटीक दिनांक डालें जैसे “31 अगस्त 2025”] को देवघर शहर की प्रमुख चौराहों पर भाजपा की आक्रोश रैली आयोजित की गई, जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे। रैली का शुभारंभ शिवलोक से कर वीआईपी चौक तक यह प्रदर्शन जारी रहा, जहाँ भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस विरोधी नारे लगाए और पूर्व विधायक नारायण दास ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला।
रैली सुबह [सटीक समय डालें, जैसे “सुबह 10 बजे”] शुरू हुई, जब शिवलोक क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता एकत्र हुए। साथ में झंडें, बैनर और मोदी-ममता एक थेमेटिक पेंटिंग भी नजर आई। कार्यकर्ताओं ने “कांग्रेस होश में आओ”, “माफी मांगो” जैसे नारे लगाए।
पूर्व विधायक नारायण दास ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता के बारे में की गई “अभद्र टिप्पणी” पूरे देश का अपमान है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा:
> “यह हमारी संस्कृति पर हमला है। कांग्रेस को तुरंत माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा जनता उन्हें नहीं बख्शेगी।”
नारायण दास ने भाजपा समर्थकों को भरोसा दिलाया कि यह रैली सिर्फ देवघर तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह पूरे राज्य और देश में फैलाकर कांग्रेस के खिलाफ निरंतर आंदोलन जारी रहेगा।
राजनीतिक पृष्ठभूमि व विवाद
पिछले कुछ सप्ताह से कांग्रेस और भाजपा के बीच बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप तेज हुआ है। पिछले दिनों कांग्रेस के कुछ नेताओं ने प्रधानमंत्री की माता के संबंध में विवादित टिप्पणी की थी, जो भाजपा और उसके कार्यकर्ताओं के अनुसार अक्षम्य और अपमानजनक थी। भाजपा ने इसे भारतवर्ष की संस्कृति और नारी सम्मान पर हमला बताया।
— नारायण दास का तर्क:
“प्रधानमंत्री मोदी ने देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने में अथक योगदान दिया है—भारत का नाम विश्व पटल पर रौशन किया है। ऐसी टिप्पणी उनकी माता के लिए अपमानजनक होने के साथ-साथ भारतीय सभ्यता की अवमानना है।”
— भाजपा का संदेश:
रैली में भाजपा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि कांग्रेस ने समय सीमा के भीतर माफी नहीं मांगी, तो आगामी दिनों में और भी बड़े आंदोलन, धरना-प्रदर्शन और आक्रोश कार्यक्रम पूरे प्रदेश और देश स्तर पर आयोजित किए जाएंगे।
रैली की जन भागीदारी और माहौल
भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे, जिनमें पार्टी के महिला और युवा मोर्चा के सदस्य, स्थानीय संगठनों के प्रतिनिधि और आमजन शामिल थे। नारेबाजी के बीच “न्याय”, “सम्मान” और “माफी” की मांग प्रमुख थी। कार्यकर्ता अत्यंत उत्साहित और गुस्से से भरे नजर आए, कई ने कहा कि “हम अपनी भावनाओं का सम्मान चाहते हैं और कांग्रेस को जनता के सामने खड़ा कर देंगे।”
स्थानीय व्यापारी, राहगीर व आम लोग भी इस प्रदर्शन को देखने पहुँचे—कुछ ग्रामीणों ने कहा कि वे “देशहित” में भाजपा के पक्ष में खड़े हैं, जबकि कुछ लोगों ने इसे “राजनीतिक असहिष्णुता” करते बताया।
भाजपा नेताओं ने संकेत दिए हैं कि यह रैली केवल शुरुआत है। आने वाले दिनों में:
प्रदेश स्तर पर आंदोलन (जैसे रैली, धरना, जन-सम्मेलन),
राष्ट्रीय स्तर पर सौंपे जाने वाले ज्ञापन-प्रदर्शनों की योजना है,
भाजपा प्रदेश नेतृत्व संभवतः पूरे राज्य में इसी स्वरूप में अन्य रैलियाँ आयोजित करेगा।
उधर, कांग्रेस की ओर से प्रतिक्रिया अभी तक सीमित रही है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि कांग्रेस जल्द ही कोई बयान या माफी जारी कर सकती है।
देवघर की यह आक्रोश रैली भाजपा द्वारा कांग्रेस को चेतावनी भरा संदेश है—जहाँ “सम्मान” और “संस्कृति” के नाम पर आरोप लगाने की सीमा को भाजपा ने एक नए स्तर पर ले जाने का संकेत दिया है। राजनीतिक लड़ाई अब केवल बयानबाजी तक सीमित नहीं; यह बड़े स्तर पर जन आंदोलन और असहमति की राजनीति का रूप लेती जा रही है। आने वाले सप्ताह और महीनों में इसके प्रभाव और विस्तार पर नजर रहेगी।