
नई दिल्ली। ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (TGT) भर्ती से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। हाईकोर्ट ने इस मामले पर अहम फैसला सुनाते हुए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के गठन का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि शिक्षा विभाग को लंबित पड़े 2034 पदों की नियुक्ति जल्द से जल्द पूरी करनी होगी। इस फैसले को हजारों अभ्यर्थियों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है, क्योंकि लंबे समय से भर्ती प्रक्रिया विवादों और देरी के कारण अटकी हुई थी।
नियुक्तियों में गड़बड़ी पर सवाल
बीते कुछ वर्षों में TGT भर्ती प्रक्रिया को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। कई उम्मीदवारों ने शिकायत की थी कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी रही है और मेरिट लिस्ट तैयार करने में अनियमितताएं हुई हैं। याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि इस पूरी प्रक्रिया की गहन जांच होनी चाहिए।
इसी को देखते हुए हाईकोर्ट ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित करने का आदेश दिया। यह कमेटी पूरे चयन प्रकरण की समीक्षा करेगी और यह तय करेगी कि प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी थी या उसमें गड़बड़ी की गई।
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की भूमिका
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का मुख्य उद्देश्य है–
चयन प्रक्रिया की सत्यता और पारदर्शिता की जांच करना।
शिकायतों की गहराई से जांच करना।
भर्ती प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता या पक्षपात की पुष्टि करना।
अपनी रिपोर्ट निर्धारित समय सीमा के भीतर हाईकोर्ट को सौंपना।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल मौजूदा विवाद को सुलझाएगा बल्कि भविष्य की भर्तियों के लिए भी एक पारदर्शी रोडमैप तय करेगा।
2034 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षा विभाग को लंबित पड़े 2034 TGT पदों की भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करना होगा। इसका सीधा फायदा उन अभ्यर्थियों को मिलेगा जो वर्षों से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं।
शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इन पदों के भरने से न केवल बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता भी सुधरेगी क्योंकि अभी कई विषयों में शिक्षक पद रिक्त पड़े हैं।
अभ्यर्थियों में खुशी की लहर
फैसले के बाद अभ्यर्थियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। उनका कहना है कि हाईकोर्ट का यह कदम न्याय और पारदर्शिता की दिशा में बड़ा बदलाव साबित होगा। कई छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए कहा कि यह आदेश उन अभ्यर्थियों की मेहनत और संघर्ष की जीत है जो सालों से न्याय की राह देख रहे थे।
नियुक्तियों में पारदर्शिता की चुनौती
हालांकि विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि सिर्फ फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बन जाने से समस्या पूरी तरह खत्म नहीं होगी। इसके लिए जरूरी है कि भर्ती प्रक्रिया को भविष्य में पूरी तरह डिजिटल और ट्रांसपेरेंट बनाया जाए।
मेरिट लिस्ट ऑनलाइन सार्वजनिक की जाए।
चयन प्रक्रिया के हर चरण में जवाबदेही तय हो।
उम्मीदवारों को उनकी परफॉर्मेंस और स्कोर का पूरा ब्यौरा मिले।
शिक्षा विभाग की तैयारी
शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा है कि वह फैसले का पालन करने के लिए तैयार है। विभाग ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही नियुक्तियों की प्रक्रिया को गति दी जाएगी और खाली पड़े 2034 पद भरे जाएंगे।
बेरोजगारी पर असर
अगर भर्ती प्रक्रिया समय पर पूरी होती है तो इससे न केवल अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी बल्कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा और लंबे समय से खाली पड़े पदों पर योग्य शिक्षकों की नियुक्ति होगी।
भविष्य की राह
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही यह साफ होगा कि पिछली भर्ती प्रक्रिया में कितनी गड़बड़ी हुई थी और उसके लिए कौन जिम्मेदार था। लेकिन इतना तय है कि इस फैसले ने आने वाले समय में भर्ती की पारदर्शिता और शिक्षा व्यवस्था की मजबूती का रास्ता साफ कर दिया है।