
पटना। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को एक विशेष राजनीतिक और प्रशासनिक कार्यक्रम के तहत पटना पहुंचे। जैसे ही उनका काफिला पटना एयरपोर्ट पहुंचा, कार्यकर्ताओं और समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं के साथ उनका जोरदार स्वागत किया गया। कार्यकर्ताओं ने ‘हेमंत सोरेन जिंदाबाद’ और ‘झारखंड मुर्दाबाद नहीं, झारखंड जिन्दाबाद’ जैसे नारे लगाए।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य
सूत्रों के अनुसार, हेमंत सोरेन इस दौरे पर बिहार के मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। चर्चा का मुख्य एजेंडा झारखंड और बिहार के बीच विकास योजनाओं को लेकर सहयोग बढ़ाने और पूर्वी भारत में संयुक्त रूप से औद्योगिक विकास की रणनीति तैयार करना है। बताया जा रहा है कि इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और बुनियादी ढांचा विकास से जुड़े कई अहम प्रस्तावों पर विचार होगा।
कार्यकर्ताओं में उत्साह की लहर
हेमंत सोरेन के पटना आगमन को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के स्थानीय कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिला। पार्टी के जिला अध्यक्ष, युवा मोर्चा के सदस्य और महिला विंग की पदाधिकारी बड़ी संख्या में एयरपोर्ट पर मौजूद थे। जगह-जगह बैनर-पोस्टर और स्वागत द्वार बनाए गए थे। समर्थकों ने फूल बरसाकर और हाथों में पार्टी का झंडा लहराकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया।
संभावित राजनीतिक संदेश
हेमंत सोरेन का यह दौरा सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 2025 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह दौरा गठबंधन राजनीति और क्षेत्रीय एकजुटता को मजबूत करने का हिस्सा है। बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों राज्यों के कई विधायकों और सांसदों के बीच भी बैठक होगी।
आर्थिक और विकास परियोजनाओं पर चर्चा
मुख्यमंत्री के पटना दौरे में झारखंड-बिहार के बीच सीमा क्षेत्रों में सड़क निर्माण, उद्योगों के लिए भूमि आवंटन, खनिज संपदा के साझा दोहन और पर्यावरणीय संतुलन को लेकर भी विचार-विमर्श होना तय है। शिक्षा के क्षेत्र में दोनों राज्यों के विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों के बीच शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने पर भी चर्चा होने की संभावना है।
कार्यकर्ताओं की उम्मीदें और मांगें
पटना में आयोजित इस दौरे के दौरान कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री से रोजगार सृजन, पलायन रोकने, राज्य के युवाओं को बेहतर तकनीकी शिक्षा देने और उद्योगपतियों को आकर्षित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग रखी। महिलाओं ने मुख्यमंत्री से सुरक्षा और स्वरोजगार योजनाओं के विस्तार की मांग की, वहीं किसानों ने सब्सिडी, सिंचाई और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने को लेकर ज्ञापन सौंपा।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए पटना पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। एयरपोर्ट से लेकर कार्यक्रम स्थल तक पुलिस बल की विशेष तैनाती की गई। ड्रोन से निगरानी और सीसीटीवी कैमरों से रियल-टाइम मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई थी।
स्थानीय राजनीति में नई हलचल
इस दौरे के बाद स्थानीय राजनीतिक समीकरणों में भी हलचल मच गई है। कई विपक्षी दल इस दौरे को झारखंड के राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाने का प्रयास बता रहे हैं। वहीं, JMM कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह दौरा विकास को लेकर सकारात्मक पहल है और दोनों राज्यों के लिए लाभकारी साबित होगा।
हेमंत सोरेन का संबोधन
कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा,
“हमारा लक्ष्य सिर्फ सत्ता में बने रहना नहीं है, बल्कि राज्य के लोगों के जीवन में बदलाव लाना है। झारखंड और बिहार ऐतिहासिक रूप से जुड़े हुए हैं। हमें मिलकर विकास की नई गाथा लिखनी होगी।”
उन्होंने युवाओं से रोजगार योजनाओं में भागीदारी की अपील की और किसानों को आश्वस्त किया कि सरकार कृषि को प्राथमिकता दे रही है।
भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आने वाले समय में झारखंड और बिहार के बीच औद्योगिक गलियारा विकसित करने की योजना है, जिससे हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने पटना में झारखंड भवन के विस्तार और दोनों राज्यों के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की भी घोषणा की।