
देवघर। उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देशानुसार आज जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) देवघर के नेतृत्व में विद्यालय बसों का विशेष जांच अभियान चलाया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा विद्यालय बसों में मोटर वाहन अधिनियम, सड़क सुरक्षा नियमों एवं सीबीएसई गाइडलाइन का अनुपालन कराना था।
इस दौरान डिवाइन पब्लिक स्कूल और दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) देवघर में संचालित कुल 10 बसों की जांच की गई। जांच में सामने आया कि कई वाहन आवश्यक दस्तावेजों और सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रहे थे।
जांच में उजागर हुई गंभीर खामियां
जिला परिवहन विभाग द्वारा जांच के दौरान निम्नलिखित कमियां पाई गईं –
बिना परमिट संचालित वाहन
बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के वाहन
बिना इंश्योरेंस (बीमा) वाले वाहन
प्रदूषण प्रमाण पत्र (PUC) की कमी
चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस का अभाव
टैक्स बकाया वाले वाहन
बसों में जालीदार खिड़की का अभाव
साइड लाइट और डीपर लाइट की समस्या
प्रेशर हॉर्न का अवैध उपयोग
फर्स्ट एड किट की अनुपस्थिति
इन गंभीर खामियों को देखते हुए 08 वाहनों पर कुल ₹90,850 का जुर्माना लगाया गया। मौके पर ही सभी विद्यालय प्रबंधन से राशि वसूल की गई
विद्यालय प्रबंधन को मिले निर्देश
जिला परिवहन पदाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि विद्यालय संचालक अपने सभी वाहनों के दस्तावेज समय पर अद्यतन रखें। साथ ही मोटर वाहन अधिनियम, सड़क सुरक्षा नियमों और सीबीएसई गाइडलाइन के अनुसार ही बसों का संचालन करें।
DTO ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। यदि आगे भी नियमों की अनदेखी की गई, तो और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नियमित जांच अभियान जारी रहेगा
परिवहन विभाग की ओर से यह भी कहा गया कि आने वाले दिनों में इस तरह के नियमित जांच अभियान लगातार चलाए जाएंगे। किसी भी वाहन में अगर दस्तावेज या सुरक्षा मानकों में कमी पाई जाती है, तो संबंधित विद्यालय प्रबंधन और वाहन मालिक के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जिम्मेदार अधिकारी रहे मौजूद
इस जांच अभियान में प्रशिक्षु मोटर यान निरीक्षक श्री अमित कुमार झा और सड़क सुरक्षा प्रबंधक श्री शिव कुमार राय भी उपस्थित थे। दोनों अधिकारियों ने बसों की तकनीकी जांच के साथ-साथ चालक और परिचालकों को सड़क सुरक्षा से जुड़े आवश्यक निर्देश दिए।
सड़क सुरक्षा और बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि
यह कार्रवाई न केवल विद्यालय बसों की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कई बार बच्चों की जान खतरे में डालकर विद्यालय प्रबंधन नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।
परिवहन विभाग की इस पहल से अभिभावकों में भी संतोष है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन सजग है और समय-समय पर जांच अभियान चला रहा है।
देवघर जिला प्रशासन का यह कदम विद्यालय बसों की सुरक्षा और बच्चों की जान की हिफाजत के लिए सराहनीय है। जुर्माने के साथ-साथ चेतावनी ने विद्यालय प्रबंधन को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि अब किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।