
पटना। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज पटना पहुंचकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से उनके आवास पर शिष्टाचार भेंट की। यह मुलाकात राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाने वाली साबित हो रही है। दोनों नेताओं की इस बैठक को लेकर राजनीतिक विश्लेषक कई तरह के कयास लगा रहे हैं। मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब बिहार और झारखंड की राजनीति में गठबंधन समीकरण लगातार बदलते दिख रहे हैं।
राजनीतिक महत्व: क्या है मुलाकात का असली मकसद?
इस मुलाकात को सिर्फ शिष्टाचार भेंट मानना आसान नहीं होगा। झारखंड में झामुमो (JMM) और कांग्रेस गठबंधन की सरकार है, जबकि बिहार में राजद, जेडीयू और कांग्रेस के बीच महागठबंधन की राजनीति चल रही है। ऐसे में हेमंत सोरेन और लालू प्रसाद यादव की यह बातचीत आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों की दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस मुलाकात में गठबंधन को मजबूत करने और भाजपा को चुनौती देने के लिए साझा रणनीति पर चर्चा हो सकती है।
हेमंत सोरेन और लालू यादव के रिश्तों की पृष्ठभूमि
हेमंत सोरेन के पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन और लालू प्रसाद यादव के बीच दशकों से अच्छे रिश्ते रहे हैं। दोनों ही नेता समाजवाद और सामाजिक न्याय की राजनीति के प्रतीक माने जाते हैं। हेमंत सोरेन भी उसी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
इस मुलाकात को इन पुराने संबंधों की कड़ी के रूप में देखा जा सकता है।
चुनावी दृष्टिकोण से क्यों अहम है यह मुलाकात?
1. लोकसभा चुनाव 2029 की तैयारी:
झारखंड और बिहार दोनों ही राज्यों में भाजपा अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रयास में है। ऐसे में हेमंत सोरेन और लालू यादव की नजदीकियां विपक्षी दलों के लिए एकजुट होने का संकेत देती हैं।
2. सीट शेयरिंग पर मंथन:
झारखंड और बिहार में महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर पहले से ही चर्चाएं चल रही हैं। इस मुलाकात को उसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।
3. ओबीसी और आदिवासी वोट बैंक पर फोकस:
दोनों ही नेता अपने-अपने राज्यों में ओबीसी, मुस्लिम और आदिवासी समुदाय के बीच मजबूत पकड़ रखते हैं। एकजुट होकर ये भाजपा को चुनौती देने का मंथन कर सकते हैं।
मुलाकात के दौरान क्या हुई चर्चा?
सूत्रों के अनुसार, हेमंत सोरेन और लालू प्रसाद यादव के बीच राजनीतिक हालात, गठबंधन के भविष्य और विपक्षी एकता जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। हालांकि, दोनों नेताओं ने मुलाकात के बाद मीडिया से बात नहीं की, जिससे राजनीतिक अटकलों को और हवा मिल गई है।
लालू प्रसाद यादव की सेहत पर भी ली जानकारी
इस अवसर पर हेमंत सोरेन ने लालू प्रसाद यादव की तबीयत का हालचाल भी जाना। ज्ञात हो कि लालू यादव लंबे समय से बीमार चल रहे हैं और उनका इलाज दिल्ली से लेकर सिंगापुर तक हुआ है।
भाजपा पर हमले की रणनीति भी हो सकती है तैयार
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि विपक्षी दल भाजपा के खिलाफ साझा रणनीति तैयार करने में जुटे हैं। हेमंत सोरेन की यह मुलाकात भी उसी का हिस्सा हो सकती है। खासकर झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई की कार्रवाई को लेकर हेमंत सोरेन लगातार भाजपा पर निशाना साधते रहे हैं।
मुलाकात का असर दोनों राज्यों पर कैसे पड़ेगा?
1. झारखंड में महागठबंधन मजबूत होगा।
2. बिहार में राजद और झामुमो के रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे।
3. कांग्रेस को भी इससे लाभ मिल सकता है, क्योंकि दोनों राज्यों में वह घटक दल है।
4. भाजपा को कड़ी चुनौती मिलने की संभावना।
सोशल मीडिया पर चर्चा तेज
जैसे ही हेमंत सोरेन और लालू प्रसाद यादव की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं, राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। ट्विटर (X), फेसबुक और व्हाट्सएप पर इस मुलाकात को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और लालू प्रसाद यादव की यह मुलाकात सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि आने वाले दिनों की राजनीति का रोडमैप तय करने वाली हो सकती है। झारखंड और बिहार दोनों ही राज्यों की राजनीति में इस बैठक के दूरगामी परिणाम देखने को मिल सकते हैं।