
देवघर। झारखंड के देवघर जिले में झौसागढ़ी के पास शराब दुकान खोलने के प्रस्ताव पर स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। बड़ी संख्या में मोहल्ले के महिला-पुरुष, बुजुर्ग और युवा सड़कों पर उतरकर जोरदार विरोध दर्ज कराए। ग्रामीणों का कहना है कि जिस स्थान पर प्रशासन शराब दुकान खोलने की योजना बना रहा है, वह जगह धार्मिक, सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील है। यही कारण है कि पूरा मोहल्ला प्रशासन के फैसले के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा है।
महिलाओं ने सबसे आगे बढ़कर किया विरोध
विरोध प्रदर्शन में सबसे अधिक संख्या महिलाओं की थी। उन्होंने साफ कहा कि यह स्थान उनके घर-आंगन जैसा है। यहां शराब दुकान खुलने से न केवल सामाजिक माहौल बिगड़ेगा, बल्कि बच्चों और महिलाओं का सुरक्षित आना-जाना भी प्रभावित होगा। महिलाएं रोजाना इसी रास्ते से मंदिर, बाजार और विद्यालय की ओर जाती हैं। ऐसे में शराब दुकान खुलने से असामाजिक तत्वों का जमावड़ा होगा और मोहल्ले में असुरक्षा की स्थिति बन जाएगी।
ग्रामीण महिलाओं ने चेतावनी दी कि किसी भी हालत में वे अपने इलाके में शराब दुकान नहीं खुलने देंगी। उन्होंने कहा—“हम अपने बच्चों के भविष्य और मोहल्ले की शांति के लिए किसी भी स्तर तक संघर्ष करने को तैयार हैं।”
मुख्य मार्ग पर है प्रस्तावित दुकान
ग्रामीणों ने बताया कि शराब दुकान खोलने का प्रस्तावित स्थान झौसागढ़ी का वह मुख्य मार्ग है, जहां से रोजाना हजारों श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर के दर्शन के लिए गुजरते हैं। बाबा मंदिर का रास्ता देवघर की आस्था और धार्मिक पहचान से जुड़ा हुआ है। इस पथ पर शराब दुकान खोलना श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसा होगा।
इसके अलावा इस मार्ग पर कई शैक्षणिक संस्थान भी स्थित हैं, जहां बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने आते हैं। अभिभावकों का मानना है कि शराब दुकान खुलने से शिक्षा का माहौल प्रभावित होगा और बच्चों पर गलत असर पड़ेगा।
युवाओं और बुजुर्गों ने भी जताया विरोध
प्रदर्शन में युवाओं और बुजुर्गों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। उनका कहना था कि मोहल्ले के लोग अक्सर इसी मार्ग के किनारे बैठकर आपसी बातचीत करते हैं। यहां सामाजिक माहौल बेहद शांत और सौहार्दपूर्ण रहता है। अगर शराब दुकान खुलती है तो यह माहौल पूरी तरह बिगड़ जाएगा।
ग्रामीणों ने कहा कि असामाजिक तत्वों की आवाजाही बढ़ेगी, झगड़े-फसाद होंगे और आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। बुजुर्गों ने कहा कि सरकार और प्रशासन को जनभावनाओं का सम्मान करना चाहिए, न कि आम जनता पर शराब दुकान थोपनी चाहिए।
प्रशासनिक टीम का घेराव
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान मद्य निषेध विभाग के पदाधिकारी भी स्थल पर पहुंचे थे। वे वहां सर्वेक्षण करने आए थे, लेकिन स्थानीय लोगों ने उनका घेराव कर कड़ा विरोध जताया। लोगों ने अधिकारियों से कहा कि वे जनभावनाओं को समझें और इस जगह शराब दुकान खोलने की योजना को तुरंत रद्द करें।
उपायुक्त को सौंपा आवेदन
प्रदर्शनकारियों ने उपायुक्त को आवेदन सौंपते हुए स्पष्ट कहा कि यदि प्रशासन ने इस स्थान पर शराब दुकान खोलने का निर्णय वापस नहीं लिया तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। लोगों ने कहा कि शराब दुकान खुलने से न केवल धार्मिक और शैक्षणिक वातावरण प्रभावित होगा बल्कि मोहल्ले का सामाजिक ताना-बाना भी टूट जाएगा।
संघर्ष की चेतावनी
ग्रामीणों ने साफ संदेश दिया कि वे अपने क्षेत्र की शांति, सुरक्षा और बच्चों के भविष्य से कोई समझौता नहीं करेंगे। यदि प्रशासन ने जनभावनाओं की अनदेखी की तो आंदोलन को और भी बड़ा रूप दिया जाएगा।
स्थानीय लोगों की प्रमुख बातें
प्रस्तावित स्थान बाबा मंदिर जाने का मुख्य मार्ग है।
यहां घनी आबादी और शैक्षणिक संस्थान स्थित हैं।
शराब दुकान खुलने से असामाजिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर खतरा मंडराएगा।
धार्मिक और सामाजिक माहौल प्रभावित होगा।
देवघर के झौसागढ़ी क्षेत्र में शराब दुकान खोलने को लेकर मोहल्लेवासियों का विरोध लगातार बढ़ रहा है। महिलाओं से लेकर युवाओं और बुजुर्गों तक, सभी एक स्वर में प्रशासन से यही मांग कर रहे हैं कि इस स्थान पर शराब दुकान खोलने का निर्णय वापस लिया जाए।
लोगों का कहना है कि सरकार को जनहित और सामाजिक शांति को ध्यान में रखते हुए जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस जनविरोधी कदम पर क्या निर्णय लेता है।