
पटना: बिहार की सियासत इन दिनों उबाल पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के खिलाफ कथित अभद्र टिप्पणी को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने बड़ा ऐलान किया है। एनडीए ने कल पूरे बिहार में बिहार बंद का आह्वान किया है। इस बंद का मुख्य उद्देश्य विपक्षी दलों के नेताओं की भाषा और राजनीतिक मर्यादाओं को लेकर जनता के सामने विरोध दर्ज कराना है।
एनडीए के नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री की मां पर की गई टिप्पणी सिर्फ व्यक्तिगत अपमान नहीं है, बल्कि पूरे देश की माताओं का अपमान है। वहीं, विपक्ष का कहना है कि भाजपा और एनडीए इस मुद्दे को राजनीतिक लाभ के लिए भुना रहे हैं।
बिहार बंद: किन मुद्दों पर विरोध?
एनडीए की ओर से जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर की गई टिप्पणी भारतीय संस्कृति और सामाजिक मर्यादाओं का अपमान है। एनडीए ने इसे ‘मां के सम्मान’ का सवाल बताते हुए जनता से अपील की है कि वे बंद को सफल बनाएं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समेत कई एनडीए नेताओं ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह सिर्फ मोदी जी का मामला नहीं है। जब देश के प्रधानमंत्री की मां के खिलाफ अपशब्द बोले जा सकते हैं, तो यह पूरे समाज की माताओं का अपमान है।

विपक्ष का पलटवार

विपक्ष का पलटवार
विपक्षी दलों का कहना है कि एनडीए मुद्दों से भटकाने के लिए ऐसे बंद करा रहा है। राजद और कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए संवेदनशील विषयों का इस्तेमाल कर रही है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद विपक्ष पर अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में भाजपा को नैतिकता का पाठ पढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जनता महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से परेशान है, लेकिन भाजपा इन मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भावनात्मक राजनीति कर रही है।
बंद के असर की आशंका
कल बुलाए गए बिहार बंद का असर व्यापक होने की संभावना है। खासकर पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और दरभंगा जैसे बड़े शहरों में एनडीए कार्यकर्ताओं के सड़क पर उतरने की योजना है।
कई व्यापारिक संगठन और परिवहन संघों ने बंद का समर्थन किया है।
वहीं, स्कूल-कॉलेज और सरकारी दफ्तरों में उपस्थिति पर भी असर पड़ सकता है।
पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से कहा गया है कि बंद के दौरान किसी भी तरह की हिंसा या उपद्रव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी जिलों में अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है।
पीएम मोदी का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस पूरे विवाद पर कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी मां साधारण गृहणी थीं और उनका अपमान करना किसी भी तरह से उचित नहीं है। पीएम ने कहा कि वे राजनीतिक हमलों से घबराते नहीं हैं, लेकिन मां का अपमान किसी भी भारतीय को स्वीकार नहीं होगा।
जनता की राय
सोशल मीडिया पर यह मुद्दा ट्रेंड कर रहा है। ट्विटर (X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोग अपनी राय रख रहे हैं।
भाजपा समर्थक इस मुद्दे को “मां के सम्मान” से जोड़कर प्रचारित कर रहे हैं।
वहीं विपक्षी समर्थक लिख रहे हैं कि भाजपा भावनाओं को भड़काकर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है।
बंद के राजनीतिक मायने
बिहार में होने वाला यह बंद आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों पर भी असर डाल सकता है।
एनडीए इसे अपनी राजनीतिक एकजुटता का प्रदर्शन बताएगा।
वहीं विपक्ष इसे “जनता को गुमराह करने की साजिश” बताएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे बंद का सीधा असर जनता के दैनिक जीवन पर पड़ता है। आम लोग यातायात बाधित होने और दुकानों के बंद होने से परेशान होते हैं।
कल का बिहार बंद सिर्फ एक राजनीतिक विरोध नहीं बल्कि भारतीय राजनीति में बढ़ती कटुता और मर्यादाओं के टूटने की निशानी भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के अपमान को लेकर एनडीए का आक्रोश और विपक्ष का पलटवार बिहार की सियासत में नई गर्माहट लेकर आया है।
कल पूरे दिन बिहार की सड़कों पर बंद का असर देखने को मिलेगा। अब देखना यह है कि जनता इस मुद्दे पर किसके साथ खड़ी होती है – एनडीए के ‘मां के सम्मान’ वाले नारे के साथ या विपक्ष के ‘जनता के असली मुद्दों’ वाले तर्क के साथ।