
रांची: झारखंड की राजधानी रांची में खाद्य आपूर्ति विभाग ने बड़ा खुलासा किया है। जिले के लगभग 43,000 राशनकार्डधारी लंबे समय से सरकारी योजना के तहत मिलने वाला अनाज नहीं ले रहे हैं। विभाग ने ऐसे सभी कार्डधारियों को एक हफ्ते की मोहलत दी है। तय समय सीमा में अगर उन्होंने अपना अनाज नहीं उठाया, तो उनके राशनकार्ड रद्द कर दिए जाएंगे।
क्यों नहीं ले रहे अनाज?
खाद्य आपूर्ति विभाग के अनुसार, अधिकांश कार्डधारक या तो दूसरे राज्यों में काम करने चले गए हैं या फिर योजनाओं का लाभ नहीं उठा रहे। कुछ मामलों में पाया गया कि कार्डधारक आर्थिक रूप से सक्षम हो चुके हैं और उन्हें अब राशन की आवश्यकता नहीं है।
विभाग की सख्त कार्रवाई की तैयारी
जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि जिन कार्डधारकों ने पिछले कई महीनों से अनाज नहीं लिया है, उनकी सूची तैयार कर ली गई है।
ऐसे कार्डधारकों को एसएमएस और नोटिस के माध्यम से सूचित किया गया है।
एक सप्ताह की अंतिम मोहलत दी गई है।
समय सीमा समाप्त होने के बाद राशनकार्ड रद्द कर दिए जाएंगे और सूची से नाम हटा दिए जाएंगे।
इसका असर किन पर पड़ेगा?
इस कदम से राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आएगी। फर्जी या निष्क्रिय कार्डों को हटाने से:
जरूरतमंदों को अधिक लाभ मिलेगा।
खाद्यान्न की बर्बादी रुकेगी।
सरकारी योजनाओं का सही लाभ सही हाथों तक पहुंचेगा।

सरकार की पहल – “पात्र को मिलेगा हक”

सरकार की पहल – “पात्र को मिलेगा हक”
झारखंड सरकार लंबे समय से राशन वितरण प्रणाली में सुधार के लिए काम कर रही है।
आधार कार्ड और मोबाइल नंबर से राशनकार्ड लिंक किए जा रहे हैं।
बायोमेट्रिक सत्यापन को अनिवार्य किया गया है।
पोर्टेबिलिटी के तहत अन्य जिलों से भी राशन लेने की सुविधा दी गई है।
लोगों की प्रतिक्रिया
कई कार्डधारकों ने बताया कि वे बाहर काम करने के कारण राशन नहीं उठा पा रहे थे। कुछ लोगों ने कहा कि नोटिस मिलने के बाद वे जल्द ही अपना राशन ले लेंगे। वहीं, जरूरतमंद लोगों ने इसे “सकारात्मक पहल” बताया और कहा कि इससे फर्जी लाभार्थियों को हटाने में मदद मिलेगी।
आगे क्या होगा?
7 दिन की मोहलत खत्म होते ही विभाग कार्रवाई शुरू करेगा।
रद्द किए गए कार्डों के स्थान पर नए पात्र परिवारों को जोड़ा जाएगा।
हर माह की समीक्षा रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी।