
लखनऊ: राजधानी लखनऊ में पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो खुद को IAS अधिकारी बताकर सरकारी विभागों और आम जनता को ठग रहा था। आरोपी के पास से पुलिस ने 6 लक्जरी गाड़ियां, एक महंगा अपार्टमेंट और कई नकली पहचान पत्र व पास बरामद किए हैं। यह मामला प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचाने वाला है, क्योंकि आरोपी लंबे समय से उच्च पद का रौब दिखाकर सरकारी ठेकों और लाभ लेने में सक्रिय था।
कैसे हुआ फर्जी IAS का पर्दाफाश?
सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ पुलिस को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि एक व्यक्ति खुद को आईएएस अफसर बताकर सरकारी कामों में हस्तक्षेप करता है, अधिकारियों पर दबाव बनाता है और ठगी करता है। पुलिस की विशेष टीम ने आरोपी पर नजर रखी और जब उसके खिलाफ ठोस सबूत मिले, तो जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
छापेमारी के दौरान पुलिस को आरोपी के पास से कई विभागों के फर्जी आईडी कार्ड, मंत्रालयों के नकली पास, वीआईपी स्टिकर और कई संवेदनशील दस्तावेज भी मिले।
लक्जरी लाइफस्टाइल का खेल
आरोपी ने अपने फर्जी IAS पद का इस्तेमाल कर अपनी पहचान एक प्रभावशाली अधिकारी के रूप में बनाई। पुलिस जांच में पता चला कि वह 6 महंगी गाड़ियों का मालिक है, जिनमें फॉर्च्यूनर, बीएमडब्ल्यू, ऑडी और मर्सिडीज जैसी गाड़ियां शामिल हैं।
इसके अलावा लखनऊ के पॉश इलाके में उसका एक करोड़ों रुपये कीमत का फ्लैट भी मिला, जिसकी खरीद के लिए उसने फर्जीवाड़े से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल किया।
पुलिस की बड़ी कार्रवाई
लखनऊ पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी से पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी के तार कई राज्यों तक फैले हो सकते हैं और उसने किन-किन लोगों से ठगी की है, इसकी विस्तृत जांच की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी पर फिलहाल धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी मुहर का दुरुपयोग करने के तहत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
सोशल मीडिया पर भी था सक्रिय
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी खुद को एक सक्रिय आईएएस अफसर के रूप में सोशल मीडिया पर प्रमोट करता था। वह अपने प्रोफाइल पर बड़े नेताओं और अधिकारियों के साथ फर्जी तस्वीरें लगाता और जनता को भरोसे में लेकर काम करवाने का दावा करता।
क्या कहती है पुलिस?
लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने कहा,
“यह एक गंभीर अपराध है जिसमें सरकारी पद का फर्जीवाड़ा कर लोगों को गुमराह किया गया। हम जांच कर रहे हैं कि उसने कितने लोगों को ठगा और उसका नेटवर्क कहां-कहां फैला है। जनता से अपील है कि ऐसे किसी भी व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।”
फर्जी IAS की गिरफ्तारी क्यों महत्वपूर्ण?
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे फर्जी पहचान और सत्ता का डर दिखाकर समाज में ठगी की जा रही है। ऐसे मामलों से सरकारी तंत्र की साख को भी धक्का लगता है और आम जनता को नुकसान पहुंचता है।
भविष्य में ऐसे फर्जी अफसरों से कैसे बचें?
किसी भी अधिकारी की पहचान को सरकारी पोर्टल या आधिकारिक स्रोत से सत्यापित करें।
अज्ञात व्यक्तियों को पैसा या व्यक्तिगत जानकारी देने से बचें।
सरकारी कार्यों में किसी भी तरह की सिफारिश या शॉर्टकट के चक्कर में न पड़ें।
संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
लखनऊ पुलिस की यह कार्रवाई न सिर्फ एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि कानून के लंबे हाथों से कोई भी अपराधी नहीं बच सकता। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।