
जयपुर। गुलाबी नगरी जयपुर में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे शहर को दहला दिया। सुभाष चौक इलाके में स्थित एक 4 मंजिला पुरानी हवेली अचानक भरभराकर गिर गई। इस हादसे में पिता और उनकी मासूम बेटी की मौत हो गई, जबकि 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों की पहचान प्रभात और उनकी 6 वर्षीय बेटी पीहू के रूप में हुई है। वहीं, प्रभात की पत्नी सुनीता गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज एसएमएस अस्पताल में चल रहा है।
हादसा कैसे हुआ?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह करीब 9 बजे अचानक जोरदार धमाका हुआ और देखते ही देखते चार मंजिला इमारत जमीनदोज हो गई। मलबे के नीचे कई लोग दब गए और इलाके में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और आपदा प्रबंधन दल को सूचना दी। कुछ ही देर में NDRF और SDRF की टीमें मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
मलबे में दबे लोगों को निकालने में लगी मशक्कत
बचाव दल ने जेसीबी मशीन और अन्य उपकरणों की मदद से मलबे को हटाकर लोगों को बाहर निकाला। सबसे पहले एक महिला और एक बच्ची को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी। कुछ ही देर बाद पिता प्रभात का शव भी मलबे से बरामद हुआ। उनकी पत्नी सुनीता गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिलीं, जिन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया।
घायलों की स्थिति
इस हादसे में कुल 5 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से दो की हालत नाजुक बताई जा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक, घायलों को सिर, पैर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई हैं। अस्पताल प्रशासन ने अतिरिक्त डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ तैनात कर दिया है।
पुरानी हवेली बनी हादसे का कारण
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह हवेली करीब 70 साल पुरानी थी और लंबे समय से जर्जर हालत में थी। कई बार नगरपालिका और प्रशासन को इसकी मरम्मत या गिराने की मांग की गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। आखिरकार इस लापरवाही ने दो जिंदगियां निगल लीं और कई लोग घायल हो गए।
प्रशासन की कार्रवाई
हादसे की खबर मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। सिटी एडीएम ने कहा कि हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं और दोषी पाए जाने पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, नगर निगम ने इलाके में मौजूद अन्य पुरानी हवेलियों और इमारतों का सर्वे शुरू करने की घोषणा की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
शोक में डूबा परिवार और मोहल्ला
इस हादसे के बाद मृतक प्रभात के परिवार में मातम का माहौल है। मोहल्ले के लोग भी गमगीन हैं। लोग बता रहे हैं कि प्रभात बेहद मिलनसार और मददगार इंसान थे। उनकी मासूम बेटी पीहू मोहल्ले की चहेती थी। हादसे की खबर सुनते ही बड़ी संख्या में लोग अस्पताल और घटना स्थल पर जमा हो गए।
नेताओं ने जताया शोक
हादसे की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा और घायलों को मुफ्त इलाज देने की घोषणा की है।
भविष्य के लिए चेतावनी
यह हादसा केवल एक परिवार के लिए त्रासदी नहीं बल्कि पूरे शहर के लिए चेतावनी है। जयपुर में कई पुरानी हवेलियां और इमारतें हैं जो समय-समय पर खतरा पैदा करती रहती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नगर निगम को जल्द ही पुरानी इमारतों का सर्वे कराना चाहिए और असुरक्षित भवनों को गिराने का कदम उठाना चाहिए।
जयपुर का यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही और जर्जर इमारतों की अनदेखी का नतीजा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या इस हादसे के बाद शहर में मौजूद अन्य पुरानी इमारतों को लेकर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा या फिर ऐसी त्रासदियां दोहराई जाती रहेंगी।