
नई दिल्ली ! पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान समेत पूरे उत्तर भारत में भारी बारिश और बाढ़ का तांडव जारी है। मौसम विभाग ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार तक के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और मैदानी इलाकों में जलभराव की स्थिति को और भयावह बना दिया है।
पहाड़ी राज्यों में हालात बेकाबू
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ा दिया है। कई जगह सड़कें धंस गईं और पुल बह गए। शिमला, मंडी, किन्नौर और कुल्लू में भूस्खलन की वजह से सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। वहीं चंबा और कांगड़ा जिलों में बाढ़ का पानी गांवों तक घुस गया है। प्रशासन ने राहत-बचाव कार्य तेज कर दिया है, लेकिन हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं।
पंजाब-हरियाणा में बाढ़ का कहर
पंजाब में सतलुज और ब्यास नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। फगवाड़ा, कपूरथला, जालंधर और फिरोजपुर जैसे जिलों में खेत पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं और हजारों लोग सुरक्षित ठिकानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। हरियाणा में भी यमुनानगर और करनाल में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे खतरा और गहरा गया है।
राजस्थान में हालात बिगड़े
राजस्थान के कोटा, झालावाड़ और बारां जिलों में भारी बारिश के चलते चंबल नदी उफान पर है। नदी का पानी गांवों और कस्बों में घुस गया है। प्रशासन ने कई इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकाला है। जयपुर, भीलवाड़ा और उदयपुर में भी बारिश से सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त है।
दिल्ली-एनसीआर और यूपी में अलर्ट
दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में पानी भर गया है। कई पुलों पर ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा है। एनसीआर के गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम में लगातार हो रही बारिश से जलजमाव की समस्या बढ़ गई है।
उत्तर प्रदेश में सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर और लखीमपुर खीरी जैसे जिलों में भारी बारिश ने ग्रामीण इलाकों को प्रभावित किया है। गंगा, घाघरा और शारदा जैसी नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं।
बिहार में नदियां उफान पर
बिहार के कई जिलों में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा और मुजफ्फरपुर में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। कोसी और गंडक नदियों ने आसपास के गांवों को डूबो दिया है। हजारों लोग सुरक्षित ठिकानों पर जाने को मजबूर हो चुके हैं।
जानमाल का भारी नुकसान
मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद लोग अब भी प्रभावित इलाकों में फंसे हुए हैं। पिछले 48 घंटों में हिमाचल, उत्तराखंड और पंजाब से करीब 50 मौतों की खबर सामने आई है। वहीं सैकड़ों लोग घायल हुए हैं और कई अब भी लापता हैं। हजारों मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और करोड़ों की संपत्ति बाढ़ की भेंट चढ़ चुकी है।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों तक भारी बारिश की संभावना जताई है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के कई जिलों में ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी किया गया है। विभाग ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
सरकार और प्रशासन की तैयारी
केंद्र सरकार और राज्य सरकारें लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत-बचाव कार्यों में जुटी हैं। कई जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर लगाए गए हैं जहां भोजन, पानी और दवाइयों की व्यवस्था की गई है।
लोगों से अपील
विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय लोगों को खास सतर्क रहने की जरूरत है। नदियों के किनारे और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए। बारिश के समय बिजली के खंभों और पेड़ों के पास जाने से बचना चाहिए।
उत्तर भारत फिलहाल बाढ़ और भारी बारिश की मार झेल रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक हर जगह जनजीवन अस्त-व्यस्त है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें लगातार राहत कार्यों में जुटी हैं, लेकिन हालात सामान्य होने में अभी वक्त लगेगा।