
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसदों से एक अहम सवाल पूछा – “आप अपने क्षेत्र में स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए क्या कर रहे हैं?”। पीएम का यह सवाल केवल सांसदों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए आत्मनिर्भर भारत और ‘वोकल फॉर लोकल’ की दिशा में एक प्रेरणा है।
बैठक में पीएम मोदी ने सांसदों को स्पष्ट संदेश दिया कि देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और वैश्विक स्तर पर भारत की पहचान मजबूत करने के लिए जरूरी है कि लोग विदेशी वस्तुओं के बजाय स्थानीय और स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करें।
स्वदेशी पर पीएम का जोर
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत केवल एक नारा नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का संकल्प है। उन्होंने सांसदों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करें और उन्हें बताएं कि स्वदेशी वस्तुएं खरीदने से न केवल स्थानीय कारीगरों और किसानों को लाभ होता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है।
पीएम ने सांसदों को निर्देश दिया कि वे त्योहारों, सामाजिक कार्यक्रमों और स्थानीय मेलों में स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि यदि सांसद खुद उदाहरण पेश करेंगे तो जनता भी उनका अनुसरण करेगी।

‘वोकल फॉर लोकल’ और रोजगार सृजन

‘वोकल फॉर लोकल’ और रोजगार सृजन
पीएम मोदी ने सांसदों को यह भी याद दिलाया कि जब लोग भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता देते हैं तो इससे छोटे उद्योगों, महिला स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण कारीगरों को बड़ा सहारा मिलता है। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का रास्ता मिलता है।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में देख रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल, फार्मा, कृषि और स्टार्टअप के क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में जरुरी है कि लोग अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं।
बीजेपी सांसदों की भूमिका
बैठक में मौजूद सांसदों ने पीएम के संदेश को गंभीरता से लिया और आश्वासन दिया कि वे अपने क्षेत्र में स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाएंगे। कई सांसदों ने बताया कि वे पहले से ही हस्तशिल्प, हथकरघा और किसानों के उत्पादों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
सांसदों को यह भी कहा गया कि वे सोशल मीडिया और जनसभाओं में स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग करें। उदाहरण के तौर पर, जिस जिले या क्षेत्र में कोई विशेष कृषि उपज या हस्तशिल्प प्रसिद्ध है, वहां के सांसद उस उत्पाद को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में मदद करें।
स्वदेशी और अर्थव्यवस्था
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि यदि भारत का हर नागरिक अपनी आय का केवल 10% हिस्सा भी स्वदेशी उत्पादों पर खर्च करे तो करोड़ों रुपये का कारोबार स्थानीय स्तर पर बढ़ सकता है। इससे न केवल आयात पर निर्भरता घटेगी, बल्कि भारतीय रुपये की मजबूती भी बढ़ेगी।
स्वदेशी अपनाने से MSME सेक्टर को सबसे अधिक फायदा होगा। यह वही सेक्टर है जो देश में सबसे ज्यादा रोजगार देता है।

जनता की भागीदारी ही कुंजी

जनता की भागीदारी ही कुंजी
पीएम मोदी ने सांसदों से कहा कि स्वदेशी आंदोलन केवल सरकार या सांसदों से नहीं चलेगा, इसके लिए जनता की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने अपील की कि लोग ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर भी भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दें।
त्योहारों के समय स्थानीय बाजारों से खरीदारी करना ही असली आत्मनिर्भरता है। पीएम ने यह भी कहा कि “देश की असली ताकत उसके गांव और कस्बों में है। जब वहां का हर उत्पाद हमारे घरों तक पहुंचेगा, तभी आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा होगा।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सांसदों से यह सवाल – “आप स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए क्या कर रहे हैं?” – केवल एक औपचारिक चर्चा नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा है। यह देश के हर नागरिक से जुड़ा प्रश्न है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान और ‘वोकल फॉर लोकल’ तभी सफल होगा जब समाज का हर वर्ग इसमें भाग ले। सांसदों की भूमिका इसमें अहम है क्योंकि वे जनता और सरकार के बीच की कड़ी हैं।
आज भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, और अगर देशवासी स्वदेशी उत्पादों को अपनाते हैं तो भारत दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में और भी मजबूती से आगे बढ़ेगा।