
रांची: झारखंड की राजनीति में हड़कंप मच गया है जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली। इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है। धमकी मिलने के बाद राज्य की राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और विपक्ष ने सरकार से मंत्री की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।
धमकी का पूरा मामला:
प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को यह धमकी फोन कॉल और ईमेल दोनों माध्यम से दी गई है। धमकी देने वाले ने मंत्री को गंभीर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है। इससे पहले भी इरफान अंसारी को कई बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी है, लेकिन इस बार धमकी का स्वर और भी अधिक गंभीर बताया जा रहा है।
मंत्री ने तुरंत इसकी सूचना राज्य पुलिस मुख्यालय को दी। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया और धमकी की स्रोत का पता लगाने के लिए साइबर सेल को लगाया गया है।
मंत्री इरफान अंसारी का बयान:
इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “मुझे झारखंड के विकास और जनता के स्वास्थ्य सुधार के लिए कार्य करने से रोकने के लिए लगातार धमकाया जा रहा है। मैं डरने वाला नहीं हूं। कानून अपना काम करेगा और दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी।”
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर:
धमकी मिलने के बाद रांची पुलिस, राज्य खुफिया विभाग (SID) और साइबर सेल ने संयुक्त रूप से जांच शुरू कर दी है। मंत्री के आवास और यात्रा मार्ग पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राज्य सरकार ने भी मंत्री को ‘Z श्रेणी’ की सुरक्षा उपलब्ध कराने पर विचार शुरू कर दिया है।
विपक्ष और जनता की प्रतिक्रिया:
विपक्षी दलों ने इसे राज्य की कानून-व्यवस्था की नाकामी बताया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य में लगातार मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को धमकी मिलना गंभीर चिंता का विषय है। वहीं, जनता के बीच भी इस घटना को लेकर आक्रोश है और लोग सोशल मीडिया पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
धमकी के संभावित कारण:
सूत्रों के मुताबिक, हाल के दिनों में स्वास्थ्य मंत्री ने कई भ्रष्टाचार मामलों पर कार्रवाई की है और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कड़े कदम उठाए हैं। माना जा रहा है कि इसी वजह से कुछ असामाजिक तत्व मंत्री के खिलाफ सक्रिय हो गए हैं।
पहले भी मिल चुकी हैं धमकियां:
डॉ. इरफान अंसारी को यह पहली बार धमकी नहीं मिली है। पिछले वर्ष भी उन्हें दो बार धमकी भरे पत्र और कॉल आए थे। हालांकि, अब तक किसी भी मामले में आरोपियों को सजा नहीं मिली है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ये धमकी देने वाले कौन हैं और क्यों उन्हें पकड़ने में प्रशासन विफल हो रहा है।

जनता की सुरक्षा पर भी सवाल:

जनता की सुरक्षा पर भी सवाल:
जब राज्य के मंत्री सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता की सुरक्षा का क्या होगा? यह सवाल अब पूरे झारखंड में चर्चा का विषय बन चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक इस तरह की घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं।
सरकार ने क्या कदम उठाए?
राज्य सरकार ने फिलहाल जांच तेज कर दी है। गृह विभाग ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सतर्क रहने के आदेश दिए हैं। मंत्री के घर, कार्यालय और सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्री को मिली यह धमकी न केवल एक व्यक्ति की सुरक्षा का मामला है, बल्कि यह झारखंड की कानून-व्यवस्था और राजनीतिक स्थिरता से भी जुड़ा हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों को चाहिए कि वे इस मामले में जल्द से जल्द दोषियों को पकड़ें और कड़ी कार्रवाई करें ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हरकत करने से पहले सौ बार सोचे।