
पटना। बिहार की राजनीति में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे सरकार और विपक्ष दोनों ही जनता को साधने में जुट गए हैं। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने राज्य की महिलाओं को सुरक्षित, सुलभ और किफायती परिवहन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 80 नई पिंक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
महिलाओं के लिए समर्पित पिंक बस सेवा
बिहार में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को ध्यान में रखते हुए पिंक बस सेवा शुरू की गई है। इन बसों को खासतौर पर महिला यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है। बसों में सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन, जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम और महिला कंडक्टर की सुविधा दी गई है।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार हमेशा से महिलाओं की भागीदारी और सुरक्षा को लेकर गंभीर रही है। ‘आरक्षण से लेकर रोजगार तक और शिक्षा से लेकर सुरक्षा तक, बिहार की महिलाएं अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।’
किन जिलों में चलेंगी ये बसें?
राज्य सरकार ने फिलहाल इन 80 पिंक बसों को पटना, गया, दरभंगा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया और सहरसा जैसे प्रमुख जिलों में चलाने का निर्णय लिया है। बाद में इसे अन्य जिलों तक भी विस्तार देने की योजना है।
बस सेवा का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है, ताकि वे शिक्षा, नौकरी और व्यवसाय के लिए आसानी से यात्रा कर सकें।
चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विधानसभा चुनाव से पहले यह कदम महिलाओं और युवा मतदाताओं को साधने के लिहाज से नीतीश कुमार का मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है। बिहार में महिला मतदाताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है और वे चुनावी समीकरणों में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं।
हाल ही में हुए आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में महिला वोटिंग प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा है। ऐसे में महिलाओं के लिए यह बस सेवा सीधे तौर पर उन्हें आकर्षित कर सकती है।
सुरक्षा पर विशेष जोर
इन बसों में सुरक्षा के लिए महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की जाएगी। साथ ही, रात्रिकालीन समय में इन बसों को केवल महिला यात्रियों के लिए ही सुरक्षित रखा जाएगा। इससे महिलाओं को देर रात यात्रा करने में भी डर नहीं रहेगा।
नीतीश कुमार ने कहा कि ‘बिहार की बेटियां अब बिना डर और संकोच के अपने सपनों को पूरा कर सकेंगी। परिवहन में उनकी सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है।’
विपक्ष का तंज
वहीं, विपक्ष ने इस योजना को चुनावी राजनीति से जोड़कर देखा है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि यह योजना केवल चुनावी लाभ लेने के लिए लागू की गई है। उनका कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा केवल बस सेवा से नहीं बल्कि कानून-व्यवस्था में सुधार से सुनिश्चित होगी।
इसके बावजूद आम जनता और खासतौर पर महिला संगठनों ने इस पहल का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी और वे शिक्षा व नौकरी के अवसरों का लाभ उठा सकेंगी।
बिहार में महिलाओं की बदलती तस्वीर
गौरतलब है कि नीतीश सरकार ने पहले भी महिलाओं के लिए कई योजनाएं लागू की हैं।
मुख्यमंत्री साइकिल योजना – जिससे लाखों लड़कियों को स्कूल जाने का अवसर मिला।
पढ़ी लिखी बेटियां – बढ़ी बेटियां योजना – जिसके तहत उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित किया गया।
महिला आरक्षण योजना – पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50% आरक्षण।
इन योजनाओं की वजह से बिहार की महिलाओं की शिक्षा और रोजगार में भागीदारी लगातार बढ़ी है।
आर्थिक लाभ भी
इस नई बस सेवा से न सिर्फ महिलाओं को फायदा होगा बल्कि परिवहन निगम की आय में भी बढ़ोतरी होगी। साथ ही, महिला चालकों और कंडक्टरों की नियुक्ति से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
नीतीश कुमार का यह फैसला बिहार चुनाव से पहले महिलाओं के लिए एक बड़ा तोहफा माना जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह योजना कितनी कारगर साबित होती है और महिलाओं को कितना लाभ पहुंचाती है। लेकिन इतना तय है कि ‘पिंक बस सेवा’ ने चुनावी माहौल में नई गर्मी ला दी है।