
नई दिल्ली। (हेल्थ डेस्क)
फैटी लिवर आजकल एक आम स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, लेकिन इसके बारे में फैली गलत धारणाएं यानी मिथ (Myths) लोगों के लिए और भी खतरनाक साबित हो सकती हैं। एम्स (AIIMS) और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के डॉक्टरों के अनुसार, फैटी लिवर से जुड़ी कई भ्रांतियां न केवल लोगों को गुमराह करती हैं, बल्कि समय पर सही इलाज और जीवनशैली सुधार में भी बाधा डालती हैं।
फैटी लिवर क्या है?
फैटी लिवर तब होता है जब लीवर की कोशिकाओं में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है। यह दो प्रकार का होता है:
1. नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) – शराब का सेवन न करने वाले लोगों में भी हो सकता है।
2. अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (AFLD) – अत्यधिक शराब सेवन करने वालों में विकसित होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 25% आबादी किसी न किसी रूप में फैटी लिवर से प्रभावित है।
फैटी लिवर से जुड़े 3 बड़े मिथ और उनकी सच्चाई
मिथ 1: फैटी लिवर सिर्फ शराब पीने वालों को होता है
बहुत से लोग मानते हैं कि फैटी लिवर सिर्फ उन लोगों में विकसित होता है जो अत्यधिक शराब का सेवन करते हैं।
सच्चाई:
एम्स और हार्वर्ड के डॉक्टरों के अनुसार, फैटी लिवर शराब न पीने वालों में भी हो सकता है। मोटापा, मधुमेह, खराब डाइट, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और उच्च कोलेस्ट्रॉल इसके मुख्य कारण हैं।
मिथ 2: फैटी लिवर कोई गंभीर बीमारी नहीं है, खुद ठीक हो जाएगा
लोग अक्सर सोचते हैं कि फैटी लिवर कोई बड़ी समस्या नहीं है और यह बिना इलाज के भी ठीक हो सकता है।
अगर शुरुआती चरण में इसका इलाज न किया जाए तो यह नॉन-अल्कोहॉलिक स्टेटोहेपेटाइटिस (NASH), सिरोसिस या लीवर कैंसर तक पहुंच सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, जीवनशैली में सुधार और समय पर इलाज से इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।
मिथ 3: फैटी लिवर का इलाज सिर्फ दवाओं से संभव है
कई लोग मानते हैं कि दवाएं ही फैटी लिवर का एकमात्र समाधान हैं।
विशेषज्ञ कहते हैं कि दवाएं केवल सहायक भूमिका निभाती हैं। फैटी लिवर को ठीक करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम है—वजन कम करना, संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना और शराब व जंक फूड से परहेज करना।
फैटी लिवर के लक्षण
पेट में भारीपन
थकान और कमजोरी
उल्टी या मतली
पेट के दाहिने हिस्से में दर्द
बिना वजह वजन बढ़ना
कई बार शुरुआती चरण में कोई लक्षण नहीं होते, इसलिए डॉक्टर नियमित जांच की सलाह देते हैं।
फैटी लिवर से बचाव के उपाय
1. संतुलित आहार लें: हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त भोजन शामिल करें।
2. शराब से परहेज करें: अगर आप अल्कोहॉलिक फैटी लिवर के शिकार हैं तो तुरंत शराब छोड़ें।
3. वजन नियंत्रित रखें: शरीर का अतिरिक्त वजन कम करें।
4. नियमित व्यायाम करें: रोजाना 30-45 मिनट वॉक या योग करें।
5. नियमित हेल्थ चेकअप कराएं: खासकर यदि आप डायबिटीज या मोटापे से ग्रसित हैं।
एम्स और हार्वर्ड डॉक्टरों की सलाह
एम्स के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट्स का कहना है कि फैटी लिवर की पहचान होने पर घबराने की जरूरत नहीं, बल्कि तुरंत जीवनशैली में बदलाव करें। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिपोर्ट के अनुसार, वजन में 7-10% की कमी करने से फैटी लिवर के शुरुआती चरण को उलटा जा सकता है।
फैटी लिवर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है, लेकिन इससे बचाव और उपचार संभव है। सबसे जरूरी है कि आप गलत धारणाओं पर विश्वास न करें और विशेषज्ञ की सलाह लें। समय पर जांच और सही जीवनशैली अपनाने से आप इस बीमारी को जड़ से खत्म कर सकते हैं।