
जमशेदपुर
जमशेदपुर में दुर्गा पूजा की तैयारियों के बीच उस समय अफरा-तफरी का माहौल बन गया जब बाजार कमेटी के सदस्यों के बीच पुरानी रंजिश को लेकर कहासुनी शुरू हुई और देखते ही देखते मामला हिंसक झड़प में बदल गया। घटना में तलवारबाजी तक हो गई, जिससे कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात को काबू में किया और कई लोगों को हिरासत में लिया।
घटना कैसे हुई?
दुर्गा पूजा बाजार कमेटी की मीटिंग के दौरान किसी पुराने विवाद को लेकर दो गुटों में कहासुनी शुरू हुई। चंद मिनटों में स्थिति बेकाबू हो गई और हाथापाई के बाद तलवारें निकल आईं। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस विवाद की जड़ में बाजार की सजावट और फंड मैनेजमेंट से जुड़े आरोप-प्रत्यारोप हैं।
कितने लोग घायल हुए?
प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, इस झड़प में 5 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जबकि 8-10 लोगों को हल्की चोटें आई हैं। घायलों में बाजार कमेटी के प्रमुख सदस्य और उनके समर्थक शामिल बताए जा रहे हैं। सभी को टाटा मेन हॉस्पिटल और एमजीएम अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को अलग किया। इलाके में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों में दहशत
तलवारबाजी की घटना से स्थानीय दुकानदार और आम लोग सहम गए हैं। बाजार क्षेत्र में कई घंटों तक दुकानें बंद रहीं और लोग अपने घरों में दुबके रहे। दुर्गा पूजा की तैयारियों में जुटे व्यापारियों को अब सुरक्षा की चिंता सता रही है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
घटना के बाद स्थानीय नेताओं ने पुलिस प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी दलों ने कहा है कि प्रशासन की लापरवाही और बाजार समिति के भीतर लंबे समय से चल रही गुटबाजी इस हिंसा की मुख्य वजह है।
दुर्गा पूजा समितियों पर असर
दुर्गा पूजा पूर्वी भारत का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है और जमशेदपुर में हर साल भव्य आयोजन होते हैं। इस बार की हिंसा ने बाजार की तैयारियों को प्रभावित कर दिया है। कई कमेटी सदस्य अब सुरक्षा के मद्देनजर पूजा कार्यक्रमों में बदलाव पर विचार कर रहे हैं।
पुलिस ने क्या चेतावनी दी?
पुलिस ने साफ कहा है कि कोई भी व्यक्ति कानून को हाथ में न ले। सभी समितियों को विवाद सुलझाने के लिए शांति समिति की बैठक में भाग लेने का आदेश दिया गया है। दोषियों पर गैर-जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।
स्थानीय निवासियों की राय
बाजार क्षेत्र के कई लोगों का कहना है कि इस तरह की हिंसा से त्योहार का माहौल खराब होता है। व्यापारियों का कहना है कि अगर प्रशासन समय रहते हस्तक्षेप करता, तो स्थिति इस हद तक नहीं बिगड़ती।
जमशेदपुर की यह घटना एक चेतावनी है कि धार्मिक आयोजनों में राजनीति और निजी हितों को जगह मिलने से समाज का माहौल बिगड़ सकता है। प्रशासन और जनता दोनों को मिलकर ऐसे विवादों को रोकने की जरूरत है, ताकि त्योहारों की खुशियां सुरक्षित रह सकें।