
धनबाद के बाघमारा क्षेत्र में हाल ही में हुए खान हादसे ने पूरे इलाके को हिला दिया है। इस हादसे में कई मजदूरों की जान चली गई और कई घायल हो गए। घटना ने एक बार फिर अवैध माइनिंग के मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “अवैध माइनिंग अब बंद होनी चाहिए, क्योंकि यह केवल खनिज संपदा की लूट नहीं, बल्कि आम लोगों की जान से खिलवाड़ है।”
हादसे की पृष्ठभूमि
बाघमारा क्षेत्र कोयला खनन के लिए जाना जाता है। यहां लंबे समय से अवैध कोयला खनन (Illegal Mining) का सिलसिला जारी है। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, हादसा उस समय हुआ जब अवैध खदान में अचानक धंसान (Mine Collapse) हो गया। अंदर काम कर रहे मजदूर दब गए और बचाव कार्य शुरू होने तक कई लोगों की मौत हो चुकी थी।
घटना स्थल: धनबाद जिला, बाघमारा प्रखंड
मृतकों की संख्या (अनुमानित): आधिकारिक पुष्टि शेष
कारण: अवैध माइनिंग और सुरक्षा मानकों की अनदेखी
प्रशासनिक लापरवाही: खनन विभाग और पुलिस की चुप्पी सवालों के घेरे में
बाबूलाल मरांडी का बयान
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने घटना की निंदा करते हुए राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा:
> “झारखंड में अवैध खनन उद्योग का रूप ले चुका है। सरकार की नाक के नीचे यह धंधा चलता है और जब हादसा होता है तो कुछ मुआवजा देकर मामला रफा-दफा कर दिया जाता है। अब समय आ गया है कि अवैध माइनिंग को पूरी तरह बंद किया जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।”
अवैध खनन से होने वाला नुकसान
1. जानमाल की हानि: हर साल सैकड़ों मजदूर अवैध खनन में अपनी जान गंवाते हैं।
2. पर्यावरणीय नुकसान: जंगल कटते हैं, जमीन धंसती है और जल स्रोत प्रदूषित होते हैं।
3. राजस्व की हानि: सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान होता है।
4. स्थानीय असुरक्षा: खदानों में गैंग और माफिया का दबदबा बढ़ता है।
सरकार की जिम्मेदारी
विशेषज्ञों के अनुसार, अवैध माइनिंग पर लगाम लगाने के लिए केवल छापेमारी पर्याप्त नहीं है। इसके लिए मजबूत कानूनी ढांचा, नियमित निरीक्षण और स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही तय करनी होगी।
सरकार को चाहिए कि:
सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन कराए।
अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई हो।
मृतक मजदूरों के परिवारों को उचित मुआवजा और रोजगार दिया जाए।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
हादसे के बाद बाघमारा के लोगों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन को अवैध खनन की शिकायत दी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। लोगों ने सीबीआई जांच की मांग भी उठाई है।
धनबाद के बाघमारा में हुए खान हादसे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि अवैध माइनिंग झारखंड की सबसे बड़ी समस्या है। बाबूलाल मरांडी का बयान इस मुद्दे को राजनीतिक और सामाजिक बहस के केंद्र में ले आया है। अब सवाल यह है कि क्या सरकार इस हादसे से सबक लेकर ठोस कदम उठाएगी या फिर कुछ दिनों बाद यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?