
बिहार में नीतीश कुमार कैबिनेट की हालिया बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं, जिनका सीधा असर राज्य की आम जनता, महिलाओं, बच्चों और बेरोजगार युवाओं पर पड़ेगा। इनमें सबसे प्रमुख निर्णय आंगनबाड़ी सेविकाओं व सहायिकाओं के मानदेय में बढ़ोतरी और 3303 नई सरकारी भर्तियों को मंजूरी देना है। इसके साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं पर भी मुहर लगी। यह कदम राज्य में महिला सशक्तिकरण, पोषण सुधार और रोजगार सृजन की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय अब ₹9,000
बिहार सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के लंबे समय से चल रहे मानदेय बढ़ाने की मांग को स्वीकार कर लिया है। पहले इनका मानदेय ₹6,500 से ₹7,500 के बीच था, जिसे अब बढ़ाकर अधिकतम ₹9,000 कर दिया गया है।
इसका फायदा किसे होगा?
सेविकाएं एवं सहायिकाएं – राज्यभर में लगभग 2 लाख से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इसका लाभ मिलेगा।
महिला सशक्तिकरण को बल – इस फैसले से महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और उनकी भूमिका समाज में और प्रभावशाली बनेगी।
ग्रामीण विकास में योगदान – ग्रामीण व पिछड़े इलाकों में पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं और बेहतर होंगी।

मानदेय वृद्धि का प्रभाव

मानदेय वृद्धि का प्रभाव
आर्थिक आत्मनिर्भरता में वृद्धि
सेवा गुणवत्ता में सुधार
कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा
बच्चों के पोषण व शिक्षा कार्यक्रमों में मजबूत
3303 नई सरकारी भर्तियों को मंजूरी
बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे बिहार के युवाओं के लिए यह बड़ा तोहफा है। कैबिनेट ने कुल 3303 पदों पर नई भर्ती को मंजूरी दी है।
किन विभागों में होगी भर्ती?
शिक्षा विभाग
स्वास्थ्य विभाग
महिला एवं बाल विकास विभाग
सामाजिक कल्याण विभाग
इससे क्या लाभ होगा?
युवाओं को रोजगार के नए अवसर
सरकारी सेवाओं की कार्यक्षमता बढ़ेगी
ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार
राज्य में आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी
नीतीश कैबिनेट के अन्य बड़े फैसले
कैबिनेट की बैठक में सिर्फ मानदेय वृद्धि और भर्ती ही नहीं, बल्कि कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए, जैसे:
1. महिला सशक्तिकरण योजनाओं का विस्तार
महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए विशेष वित्तीय पैकेज।
ग्रामीण महिला उद्यमियों के लिए कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा।
2. बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य पर जोर
आंगनबाड़ी केंद्रों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
पोषण आहार की गुणवत्ता जांच के लिए विशेष टीम का गठन।
3. शिक्षा क्षेत्र में सुधार योजनाएं
स्कूलों में डिजिटल लर्निंग टूल्स उपलब्ध कराना।
शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम को और प्रभावी बनाना।
4. ग्रामीण विकास परियोजनाएं
सड़कों, आंगनबाड़ी भवनों और स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण।
पेयजल और स्वच्छता मिशन के लिए अतिरिक्त बजट आवंटन।
यह कदम क्यों अहम है?
बिहार लंबे समय से बेरोजगारी, पलायन, और स्वास्थ्य-शिक्षा से जुड़े मुद्दों से जूझता रहा है। आंगनबाड़ी सेविकाओं के मानदेय में बढ़ोतरी और नई भर्तियों से:
राज्य में रोजगार का दायरा बढ़ेगा।
पोषण व स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी।
ग्रामीण व शहरी विकास में तेजी आएगी।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने इस फैसले का स्वागत तो किया, लेकिन इसे चुनावी रणनीति से जोड़ते हुए कहा कि सरकार को स्थायी समाधान की दिशा में काम करना चाहिए। विपक्ष का कहना है कि केवल मानदेय बढ़ाने से समस्या हल नहीं होगी, बल्कि समय पर भुगतान और सेविकाओं के स्थायीकरण पर भी काम होना चाहिए।
नीतीश कुमार कैबिनेट के इन फैसलों से जहां आंगनबाड़ी सेविकाओं को आर्थिक राहत मिलेगी, वहीं बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी के अवसर प्राप्त होंगे। यह कदम महिला सशक्तिकरण, बाल विकास और ग्रामीण उन्नति की दिशा में सकारात्मक प्रभाव डालेगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि इन योजनाओं को जमीनी स्तर पर कितनी तेजी और पारदर्शिता से लागू किया जाता है।