
रांची: झारखंड की राजधानी रांची में ट्रैफिक जाम की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में तीन नए फ्लाईओवर परियोजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को समय पर काम पूरा करने के निर्देश दिए। इन फ्लाईओवरों के बन जाने से न केवल ट्रैफिक का दबाव कम होगा, बल्कि शहरवासियों को सुगम यातायात का अनुभव मिलेगा।
कहां बनेंगे ये तीन फ्लाईओवर?
राज्य सरकार ने इन फ्लाईओवरों को शहर के सबसे व्यस्त और जामग्रस्त इलाकों में बनाने का निर्णय लिया है।
1. कचहरी चौक फ्लाईओवर: रांची के सबसे व्यस्ततम चौराहों में से एक, जहां रोजाना हजारों गाड़ियों का दबाव रहता है।
2. सुबहवाला चौक से बिरसा चौक तक फ्लाईओवर: एयरपोर्ट जाने वाले रास्ते को सुगम बनाने के लिए यह फ्लाईओवर महत्वपूर्ण साबित होगा।
3. अल्बर्ट एक्का चौक से कचहरी रोड कनेक्टिंग फ्लाईओवर: यह मार्ग शहर के केंद्र को जोड़ता है और पीक आवर्स में भारी ट्रैफिक का सामना करता है।
फ्लाईओवर निर्माण का उद्देश्य
ट्रैफिक जाम से निजात: इन फ्लाईओवरों के बनने के बाद शहर में घंटों लगने वाला ट्रैफिक जाम कम होगा।
समय की बचत: ऑफिस जाने वाले कर्मचारियों, छात्रों और आम लोगों को सुगमता मिलेगी।
प्रदूषण में कमी: वाहनों के लंबे समय तक खड़े रहने से होने वाले प्रदूषण को भी कम करने में मदद मिलेगी।
आर्थिक विकास को बढ़ावा: बेहतर सड़क परिवहन से व्यापारिक गतिविधियां भी तेज होंगी।
सीएम हेमंत सोरेन की समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शहरी विकास विभाग और सड़क निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर तीनों परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि रांचीवासियों को लंबे समय से जाम की समस्या झेलनी पड़ रही है और अब उन्हें राहत देने का समय आ गया है। सीएम ने निर्देश दिया कि सभी फ्लाईओवर निर्धारित समय सीमा के भीतर और गुणवत्ता मानकों के अनुसार पूरे किए जाएं।
परियोजना की लागत और समयसीमा
इन तीनों फ्लाईओवरों के निर्माण में लगभग 1200 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। कार्यदायी संस्था को 24 से 30 महीनों की समयसीमा दी गई है। पहले चरण में भूमि अधिग्रहण और सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो चुका है।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
रांची के लोगों में इस परियोजना को लेकर उत्साह है। दैनिक जाम से परेशान लोग इसे शहर के लिए बड़ी राहत मान रहे हैं। स्थानीय व्यापारी संघ ने भी इस कदम का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे व्यवसाय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
पर्यावरणीय प्रभाव और आधुनिक तकनीक
परियोजना में पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए आधुनिक निर्माण तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। शोर और धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विशेष उपाय किए जाएंगे। साथ ही, फ्लाईओवर के नीचे हरित पट्टी (ग्रीन बेल्ट) और स्मार्ट लाइटिंग की भी योजना है।

सरकार की प्रतिबद्धता

सरकार की प्रतिबद्धता
राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि निर्माण कार्य के दौरान शहर के आम जनजीवन को न्यूनतम रूप से प्रभावित करने की कोशिश की जाएगी। वैकल्पिक मार्ग और ट्रैफिक डायवर्जन की भी योजना तैयार की जा रही है।