
देवघर। देवघर सदर अस्पताल में पारा मेडिकल प्रशिक्षण उपरांत अनिवार्य बॉन्ड सेवा पर कार्यरत करीब 20 कर्मी पिछले कई महीनों से बकाया मानदेय के भुगतान को लेकर परेशान हैं। मार्च 2025 से इन कर्मियों को उनका दस हजार मासिक मानदेय नहीं मिला है। इसी समस्या को लेकर सोमवार को ये सभी पारा मेडिकल कर्मी रांची पहुंचे और स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात कर अपनी पीड़ा बताई।
मानदेय भुगतान को लेकर भुखमरी की स्थिति
पारा मेडिकल कर्मियों ने बताया कि उन्हें एक वर्ष के बॉन्ड सेवा के लिए दस हजार रुपए मासिक मानदेय पर नियुक्त किया गया था। लेकिन मार्च 2025 से अब तक मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। कई कर्मियों की सेवा समाप्त हो चुकी है, फिर भी उन्हें मेहनताना नहीं मिला। ऐसे में उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है और वे भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं।
सचिव से की सीधी मुलाकात
देवघर जिले के इन कर्मियों ने सामूहिक रूप से राजधानी रांची पहुंचकर स्वास्थ्य सचिव से अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि जब तक मानदेय का भुगतान नहीं होगा, तब तक उनका गुजारा मुश्किल है। सचिव से मुलाकात कर उन्होंने जल्द भुगतान की मांग रखी।
सचिव ने दिया आश्वासन
स्वास्थ्य सचिव ने प्रतिनिधिमंडल की समस्याओं को गंभीरता से सुना और कहा कि मानदेय भुगतान की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। सचिव ने एक सप्ताह के अंदर लंबित भुगतान जारी करने का आश्वासन दिया।
कौन-कौन पहुंचे रांची
मानदेय की मांग को लेकर सचिव से मिलने वालों में बसंती मुर्मू, कृष्ण कुमार, शैलेश कुमार, अजित कुमार महतो, राहुल किस्कू, पिंकी कुमारी, कांति हांसदा, अर्जुन मरीक, रंजन कुमार, चंदन महथा सहित अन्य पारा मेडिकल कर्मी मौजूद थे।
देवघर जिले के हालात
देवघर जिले में करीब 20 पारा मेडिकल कर्मियों को अनिवार्य बॉन्ड सेवा पर नियुक्त किया गया था। लेकिन मानदेय का आवंटन समय पर नहीं होने की वजह से उन्हें महीनों से बकाया राशि का इंतजार करना पड़ रहा है। इससे न केवल उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ी है बल्कि पढ़ाई कर स्वास्थ्य सेवा में योगदान देने का उनका उत्साह भी प्रभावित हुआ है।
कर्मियों की मांग
कर्मियों ने साफ कहा है कि उनकी बकाया राशि का तत्काल भुगतान होना चाहिए। साथ ही भविष्य में ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए सरकार को समय पर मानदेय देने की व्यवस्था करनी चाहिए।
जनता की प्रतिक्रिया
सदर अस्पताल आने वाले मरीजों का कहना है कि पारा मेडिकल कर्मी स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं। अगर इन्हें समय पर मानदेय नहीं मिलेगा तो स्वास्थ्य व्यवस्था पर असर पड़ेगा।
पारा मेडिकल प्रशिक्षण के बाद अनिवार्य बॉन्ड सेवा करने वाले कर्मियों ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है। सचिव से मिले आश्वासन के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि एक सप्ताह में उनकी बकाया राशि का भुगतान हो जाएगा।