
धनबाद/बाघमारा।
झारखंड की राजनीति और कोयलांचल की जमीन से जुड़ी विस्थापन की समस्या एक बार फिर चर्चा में है। बाघमारा विधानसभा क्षेत्र की विधायक अंबा प्रसाद बुधवार को बाघमारा प्रखंड के रामकनाली क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और साफ कहा कि “विस्थापन सबसे बड़ा मुद्दा है और सरकार को इसका स्थायी समाधान निकालना होगा।”
विस्थापितों की व्यथा सुन भावुक हुईं विधायक
रामकनाली इलाके में लंबे समय से खनन कंपनियों और विस्थापित परिवारों के बीच जमीन व रोजगार को लेकर विवाद चल रहा है। निरीक्षण के दौरान महिलाओं ने विधायक को अपनी समस्याओं से अवगत कराया। ग्रामीणों ने बताया कि खनन कार्य के कारण उनका घर-आंगन उजड़ रहा है, खेत बर्बाद हो रहे हैं और रोजगार की गारंटी भी नहीं है।
अंबा प्रसाद ने कहा कि विस्थापन की समस्या केवल जमीन छोड़ने का मामला नहीं है, बल्कि यह आजीविका, शिक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान से भी जुड़ा मुद्दा है।
कोयलांचल में पुराना है विस्थापन का दर्द
धनबाद और आसपास के कोयलांचल इलाकों में दशकों से कोयला खनन हो रहा है। बीसीसीएल और अन्य कंपनियों के खनन प्रोजेक्ट के कारण हजारों परिवारों को बार-बार विस्थापित होना पड़ा है।
कई गांव पूरी तरह खदानों में समा चुके हैं।
लोग बार-बार अपनी जड़ों से उखड़ रहे हैं।
पुनर्वास कॉलोनियों में न तो मूलभूत सुविधाएं हैं और न ही स्थायी रोजगार।
विधायक ने अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट
रामकनाली निरीक्षण के बाद विधायक अंबा प्रसाद ने प्रशासनिक अधिकारियों से विस्थापित परिवारों की सूची, पुनर्वास योजना और रोजगार की स्थिति की रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया जाएगा और मुख्यमंत्री से विशेष पैकेज की मांग की जाएगी।
ग्रामीणों की मुख्य समस्याएं
निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों ने कई अहम शिकायतें रखीं—
1. खनन कंपनियां जमीन का अधिग्रहण तो कर लेती हैं लेकिन रोजगार का वादा पूरा नहीं करतीं।
2. पुनर्वास स्थल पर न तो पेयजल, न स्कूल और न ही स्वास्थ्य केंद्र उपलब्ध हैं।
3. मुआवजा राशि पर्याप्त नहीं है और जो दी जाती है, वह समय पर नहीं मिलती।
4. पर्यावरणीय प्रदूषण और धूल-धुआं स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रहा है।
अंबा प्रसाद का आश्वासन
विधायक ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि उनकी लड़ाई वे सरकार और सदन दोनों जगह लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि विकास कार्य जरूर होने चाहिए, लेकिन विकास की कीमत पर किसी की जिंदगी और भविष्य को बर्बाद नहीं किया जा सकता।
राजनीतिक संदर्भ
बाघमारा इलाका हमेशा से विस्थापन और खनन विवादों के कारण राजनीतिक सरगर्मी का केंद्र रहा है। यहां के मतदाता नेताओं से केवल सड़क और बिजली नहीं, बल्कि पुनर्वास और रोजगार की गारंटी चाहते हैं। अंबा प्रसाद का यह दौरा आगामी चुनावों से पहले उनके लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
समाधान की जरूरत
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर कंपनियों और सरकार ने मिलकर ठोस नीति नहीं बनाई, तो आने वाले वर्षों में बाघमारा समेत पूरे धनबाद में विस्थापन और सामाजिक असंतोष की स्थिति और गहरी हो सकती है।
कंपनियों को पारदर्शी पुनर्वास नीति अपनानी होगी।
विस्थापितों को स्थायी नौकरी, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं मिलनी चाहिए।
पर्यावरणीय संरक्षण और खदानों की सुरक्षा पर भी ध्यान देना जरूरी है।
रामकनाली का निरीक्षण कर विधायक अंबा प्रसाद ने जिस तरह से विस्थापन को बड़ा मुद्दा बताया, उसने इस समस्या को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। यह देखना होगा कि आने वाले समय में राज्य सरकार और खनन कंपनियां इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाती हैं। फिलहाल विस्थापित परिवारों को उम्मीद है कि उनकी आवाज सत्ता के गलियारे तक पहुंचेगी और उन्हें न्याय मिलेगा।