
पितृ पक्ष का समय हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान अपने पूर्वजों को तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध विधि के माध्यम से श्रद्धांजलि दी जाती है। पितृ पक्ष 18 सितंबर 2025 तक चलने वाला है और हर तिथि के अनुसार श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। इसी क्रम में आज चतुर्थी श्राद्ध है, जिसे लेकर लोगों के मन में अक्सर भ्रम रहता है कि यह 10 सितंबर को होगा या 11 सितंबर को। आइए जानते हैं सही तिथि, शुभ मुहूर्त और विधि।
चतुर्थी श्राद्ध 2025 की तिथि और मुहूर्त
ज्योतिष पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 9 सितंबर की रात 10 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर 10 सितंबर की रात 9 बजकर 15 मिनट तक रहेगी। ऐसे में चतुर्थी श्राद्ध का आयोजन 10 सितंबर 2025, बुधवार को किया जाएगा।
श्राद्ध तिथि: 10 सितंबर 2025 (बुधवार)
तिथि का समय: 9 सितंबर रात 10:45 बजे से 10 सितंबर रात 9:15 बजे तक
श्राद्ध मुहूर्त: दोपहर 11:45 बजे से 2:15 बजे तक (कुतुप काल) तथा दोपहर 2:15 बजे से 4:45 बजे तक (रौद्र काल)
श्राद्ध की विधि
चतुर्थी श्राद्ध की परंपरा में प्रातः स्नान कर पितरों का ध्यान किया जाता है। ब्राह्मणों को भोजन कराने के साथ तर्पण और पिंडदान किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है।
1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें
2. पूर्वजों का ध्यान कर संकल्प लें
3. कुश, तिल और जल से तर्पण करें
4. जौ, चावल और तिल से पिंडदान करें
5. ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिणा दें
6. अंत में परिवार के साथ भोजन ग्रहण करें
चतुर्थी श्राद्ध का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि श्राद्ध के इस दिन पितर धरती पर आते हैं और अपने वंशजों के तर्पण से तृप्त होते हैं। विशेष रूप से जिन लोगों के परिवार में किसी की मृत्यु भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुई है, उनके लिए इस दिन श्राद्ध करना अनिवार्य माना जाता है। इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
चतुर्थी श्राद्ध 2025 का आयोजन 10 सितंबर को ही किया जाएगा। इस दिन श्रद्धापूर्वक श्राद्ध विधि करने से पितरों की कृपा मिलती है और जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।