
नई दिल्ली।देश की राजनीति में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन आगामी 12 सितंबर 2025 को उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले इस भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और विभिन्न विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे।
राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचना न केवल दक्षिण भारत में भाजपा की राजनीतिक पैठ को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है, बल्कि इसे केंद्र की राजनीति में एनडीए की बढ़ती पकड़ का भी संकेत माना जा रहा है।
कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?
सीपी राधाकृष्णन लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे हैं। वे तमिलनाडु से आते हैं और संगठन में उनकी गहरी पकड़ रही है। साल 2023 में उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया था, जहाँ उन्होंने अपने कार्यकाल में कई अहम फैसले लिए और राज्य सरकार व केंद्र सरकार के बीच समन्वय की भूमिका निभाई।
उनका सादा जीवन, स्पष्ट विचारधारा और संगठनात्मक क्षमता उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाती है। यही कारण है कि भाजपा नेतृत्व ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार माना।
उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए का पलड़ा भारी
हाल ही में संपन्न हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन को एनडीए का समर्थन प्राप्त था। वहीं विपक्ष ने बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन वोटिंग के दौरान कई क्षेत्रीय दलों ने क्रॉस वोटिंग की, जिससे एनडीए का पलड़ा भारी पड़ गया।
इस जीत के बाद यह साफ हो गया कि संसद के दोनों सदनों में एनडीए का प्रभाव अभी भी मजबूत है। खासकर राज्यसभा में उपराष्ट्रपति का अध्यक्ष होना एनडीए को संसदीय बहस और बिल पास कराने में और सहूलियत देगा।

12 सितंबर को होगा शपथ ग्रहण समारोह

12 सितंबर को होगा शपथ ग्रहण समारोह
सूत्रों के मुताबिक, उपराष्ट्रपति पद का शपथ ग्रहण समारोह 12 सितंबर को राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित किया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, सीपी राधाकृष्णन को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी।
समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, विपक्षी नेताओं में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी और विभिन्न दलों के सांसद मौजूद रहेंगे।
दक्षिण भारत में भाजपा की रणनीति
सीपी राधाकृष्णन की नियुक्ति को भाजपा की साउथ इंडिया स्ट्रैटजी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। भाजपा तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में अपना जनाधार बढ़ाना चाहती है। राधाकृष्णन तमिलनाडु से आते हैं, ऐसे में उनका उपराष्ट्रपति पद पर बैठना दक्षिण भारतीय राज्यों में पार्टी की छवि को मजबूती देगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा ने राधाकृष्णन को आगे करके यह संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी केवल हिंदी भाषी राज्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे भारत की राजनीति में उसकी पकड़ है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने भले ही इस चुनाव में हार का सामना किया हो, लेकिन उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करते हुए राधाकृष्णन को बधाई दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि नए उपराष्ट्रपति सदन की मर्यादा बनाए रखेंगे और निष्पक्ष रहेंगे।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी ने कहा कि राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति बनना भारतीय लोकतंत्र की विविधता को दर्शाता है।
जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर सीपी राधाकृष्णन का नाम लगातार ट्रेंड कर रहा है। ट्विटर (अब X) पर #CPRadhakrishnan, #VicePresident और #NDAVictory जैसे हैशटैग लाखों बार इस्तेमाल किए जा चुके हैं। जनता ने उनके सादे स्वभाव और साफ-सुथरी छवि की तारीफ की है।
युवा वर्ग खासतौर पर इस बात से खुश है कि राजनीति में ऐसे नेताओं को भी उच्च पद पर अवसर मिल रहा है जिनकी छवि बेदाग रही है।
उपराष्ट्रपति पद की भूमिका
भारत का उपराष्ट्रपति न केवल देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है बल्कि राज्यसभा का सभापति (Chairman) भी होता है। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है। इस दौरान उनका मुख्य दायित्व सदन को सुचारु रूप से चलाना और सभी सांसदों को निष्पक्ष अवसर देना होता है।
राधाकृष्णन से उम्मीद की जा रही है कि वे अपनी निष्पक्ष और शांत स्वभाव की छवि के साथ संसद की कार्यवाही को बेहतर दिशा देंगे।
12 सितंबर को सीपी राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेना देश की राजनीति में एक नया अध्याय होगा। यह न केवल भाजपा और एनडीए के लिए बड़ी उपलब्धि है बल्कि भारतीय लोकतंत्र की परंपरा को भी मजबूत करता है। अब सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि वे संसद को किस तरह से संचालित करते हैं और राष्ट्रीय राजनीति में किस तरह की भूमिका निभाते हैं।