
Deoghar News:
मैट्रिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त 143 बच्चों को किया गया सम्मानित
मैट्रिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त 143 बच्चों को किया गया सम्मानित
देवघर। शिक्षा के क्षेत्र में लगातार हो रहे सुधार और प्रयासों का नतीजा है कि आज देवघर जिले का पीएम श्री उत्क्रमित उच्च विद्यालय महेशमारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रतीक बन चुका है। बुधवार को विद्यालय प्रबंधन की ओर से करियर काउंसलिंग सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि डॉ. सुनील खवाड़े मौजूद रहे।
समारोह की शुरुआत छात्राओं द्वारा पारंपरिक तिलक लगाकर मुख्य अतिथि का स्वागत करने से हुई। वरिष्ठ शिक्षिका रागिनी झा ने हरियाली का प्रतीक पौधा भेंट कर डॉ. सुनील का सम्मान किया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर उत्साह और उमंग से भरा नजर आया, जहां बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, शिक्षक और अभिभावक उपस्थित थे।
स्कूल भवन और खेल मैदान को लेकर आश्वासन
अपने संबोधन में डॉ. सुनील खवाड़े ने विद्यालय के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि विद्यालय भवन को ऊंचा करने और खेल मैदान का विस्तार करने की दिशा में शीघ्र पहल की जाएगी। साथ ही छात्राओं के खेल प्रशिक्षण पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यहां की बच्चियों को राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी प्रशिक्षण देंगी, जिससे उन्हें जिला और राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा।
सांसद डॉ. निशिकांत दुबे का विशेष योगदान
समारोह के दौरान डॉ. सुनील खवाड़े ने गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि महेशमारा विद्यालय को उच्च विद्यालय का दर्जा दिलाने का श्रेय सांसद निशिकांत दुबे को जाता है। छात्राओं की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए उनके आग्रह पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने मात्र 15 दिनों के भीतर विद्यालय को उच्च विद्यालय का दर्जा प्रदान किया था। इस ऐतिहासिक पहल से क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षा का नया मार्ग मिला।
शिक्षकों को भी किया गया सम्मानित
कार्यक्रम में बतौर विशेष अतिथि अन्य विद्यालयों से आए शिक्षक – डॉ. विजय शंकर, कैलाश झा और अवधेश सिंह – को भी पौधा भेंटकर सम्मानित किया गया। विद्यालय के प्रधानाध्यापक विजय शंकर ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि महेशमारा विद्यालय की सफलता पूरे इलाके के लिए प्रेरणा है।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का परिणाम – 143 बच्चे प्रथम श्रेणी में सफल
महेशमारा विद्यालय की पहचान सिर्फ नामांकन तक सीमित नहीं रही, बल्कि यहां की शैक्षणिक उपलब्धियां भी उल्लेखनीय हैं। गरीब और पिछड़े तबके के बच्चों के नामांकन पर जोर देने वाले इस विद्यालय में इस साल मैट्रिक परीक्षा में 143 छात्र-छात्राओं ने प्रथम श्रेणी से सफलता प्राप्त की। यह उपलब्धि बताती है कि शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षकों की मेहनत किस स्तर पर है।
समारोह के दौरान उपस्थित शिक्षकों और अतिथियों ने विद्यालय प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि डॉ. सुनील खवाड़े की देखरेख में यहां के बच्चों को पढ़ाई और अन्य सुविधाओं की किसी प्रकार की कमी नहीं होती। यही कारण है कि विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था पूरे जिले के लिए एक मॉडल बन चुकी है।
बच्चों के भविष्य के लिए करियर काउंसलिंग
समारोह का मुख्य उद्देश्य सिर्फ सम्मान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन करना भी रहा। करियर काउंसलिंग सत्र में विशेषज्ञों ने छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में अवसरों की जानकारी दी और सही दिशा चुनने के लिए प्रेरित किया। बच्चों ने उत्साहपूर्वक सवाल पूछे और करियर विकल्पों पर चर्चा की।
शिक्षा और समाज का संतुलित विकास
इस अवसर पर अतिथियों ने कहा कि शिक्षा केवल परीक्षा पास करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह चरित्र निर्माण और सामाजिक विकास का आधार है। महेशमारा विद्यालय इस दिशा में एक सफल प्रयोग साबित हो रहा है।
स्थानीय लोगों की खुशी
ग्रामीण और अभिभावक भी इस आयोजन में बड़ी संख्या में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सांसद डॉ. निशिकांत दुबे और डॉ. सुनील खवाड़े के प्रयासों से विद्यालय का स्तर लगातार बढ़ रहा है। ग्रामीणों का मानना है कि अब उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।
महेशमारा स्थित पीएम श्री उत्क्रमित उच्च विद्यालय का यह कार्यक्रम सिर्फ सम्मान समारोह नहीं था, बल्कि यह एक संदेश था कि शिक्षा और संस्कार के बल पर समाज को बदला जा सकता है। सांसद डॉ. निशिकांत दुबे के प्रयास, विद्यालय प्रबंधन की मेहनत और डॉ. सुनील खवाड़े की सक्रियता ने यह साबित कर दिया है कि सही दिशा में उठाए गए कदम बच्चों के भविष्य को संवार सकते हैं।