
झारखंड सरकार ने राज्यवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अब राज्यभर में ‘अबुआ मेडिकल स्टोर’ (Abua Medical Store) खोले जाएंगे, जहां गरीब और जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी। इस पहल से स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद है और लाखों लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
योजना की पृष्ठभूमि
स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और महंगी दवाओं के बोझ से गरीब वर्ग लंबे समय से परेशान रहा है। झारखंड जैसे खनन प्रधान और पिछड़े राज्यों में आर्थिक असमानता काफी अधिक है। ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में लोग अक्सर दवाइयों के अभाव में गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं।
इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने ‘अबुआ मेडिकल स्टोर योजना’ की शुरुआत की है।
योजना का उद्देश्य
गरीबों को मुफ्त और समय पर दवा उपलब्ध कराना।
महंगी दवाओं से आम जनता को राहत देना।
ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान बनाना।
झारखंड को दवा आत्मनिर्भर राज्य बनान
कहां-कहां खुलेंगे अबुआ मेडिकल स्टोर?
झारखंड सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले में पहले चरण में ये स्टोर खोले जाएंगे। धीरे-धीरे इन्हें प्रखंड स्तर और पंचायत स्तर तक विस्तारित किया जाएगा।
जिला अस्पतालों में अनिवार्य रूप से स्टोर स्थापित होंगे।
मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में भी इनकी शुरुआत होगी।
भविष्य में हर बड़े ब्लॉक में एक-एक स्टोर खोलने की योजना है।
गरीबों को कैसे मिलेगी मुफ्त दवा?
मरीज को सरकारी अस्पताल से जारी प्रिस्क्रिप्शन (पर्ची) दिखाना होगा।
पंजीकृत गरीब परिवार, जिनके पास राशन कार्ड, आय प्रमाण पत्र या स्वास्थ्य योजना कार्ड है, वे भी इसका लाभ ले पाएंगे।
स्टोर में मौजूद कर्मचारी मरीज की पात्रता की जांच करने के बाद दवा देंगे।
किन दवाओं की होगी उपलब्धता?
‘अबुआ मेडिकल स्टोर’ में निम्नलिखित दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी –
1. बुखार, सिरदर्द, खांसी-जुकाम की दवाएं।
2. डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की नियमित दवाएं।
3. एंटीबायोटिक दवाइयां।
4. महिला एवं बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी दवाइयां।
5. जीवनरक्षक दवाइयां (आवश्यकतानुसार)।
लोगों की प्रतिक्रिया
ग्रामीणों और शहरवासियों में इस योजना को लेकर काफी उत्साह है।
रांची निवासी अनिता देवी का कहना है, “अस्पताल से दवा मिल जाती है लेकिन अक्सर बाजार से खरीदनी पड़ती है। अबुआ मेडिकल स्टोर से हमें बहुत राहत मिलेगी।”
धनबाद के रामलाल महतो ने कहा, “हम गरीब लोग अक्सर दवा खरीदने से डरते हैं, अब सरकार ने हमारी बड़ी समस्या हल कर दी।”
अनुमानित लाभार्थी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में करीब 35% आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करती है। ऐसे में यह योजना प्रत्यक्ष रूप से लाखों परिवारों को फायदा पहुंचाएगी।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले 2 सालों में 50 लाख से अधिक लोग ‘अबुआ मेडिकल स्टोर’ योजना से लाभान्वित होंगे।
योजना की खास बातें
सभी दवाइयां जेनेरिक दवा के रूप में उपलब्ध होंगी।
मरीजों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।
हर स्टोर में प्रशिक्षित फार्मासिस्ट तैनात रहेंगे।
स्टोर का संचालन डिजिटल सिस्टम से होगा ताकि दवा वितरण और स्टॉक मैनेजमेंट पारदर्शी रहे।
भविष्य की योजना
झारखंड सरकार केवल दवाओं तक सीमित नहीं रहना चाहती।
आने वाले समय में डायग्नोस्टिक टेस्ट (जांच) भी सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने की योजना है।
मेडिकल स्टोर को राज्य की ‘मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना’ से भी जोड़ा जाएगा।
सरकार का लक्ष्य है कि 2026 तक हर ब्लॉक मुख्यालय में अबुआ मेडिकल स्टोर खोला जाए।
झारखंड में शुरू हुई ‘अबुआ मेडिकल स्टोर योजना’ स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। इससे गरीब और जरूरतमंद मरीजों को महंगी दवाइयों से राहत मिलेगी और स्वास्थ्य सेवाओं पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा।