
रांची। झारखंड सरकार ने पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल करते हुए 30 आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है। इस व्यापक प्रशासनिक reshuffle के तहत राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता से एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) का अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया गया है। सरकार के इस कदम को राज्य की कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक ढांचे को और मजबूत बनाने की कवायद माना जा रहा है।
DGP अनुराग गुप्ता से वापस लिए गए अहम प्रभार
मुख्य रूप से राज्य पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता से ACB और CID का प्रभार हटा दिया गया है। यह जिम्मेदारी अब अलग अधिकारियों को सौंपी गई है ताकि कार्यक्षमता में सुधार हो सके और भ्रष्टाचार-नियंत्रण तथा आपराधिक मामलों की जांच में तेजी लाई जा सके।
प्रिया दुबे बनीं ACB की नई ADG
सरकार ने प्रिया दुबे को एसीबी की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में उच्च स्तर पर निगरानी और कार्रवाई की कमान दी गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि उनके नेतृत्व में एसीबी और अधिक सक्रिय भूमिका निभाएगी।
प्रशांत सिंह को मिला DG मुख्यालय का प्रभार
वहीं, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रशांत सिंह को डीजी मुख्यालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। यह जिम्मेदारी बेहद अहम मानी जाती है क्योंकि मुख्यालय राज्य की पुलिस व्यवस्था का nerve center है।
क्यों किया गया IPS अफसरों का बड़ा तबादला?
झारखंड सरकार के इस फैसले को कई दृष्टिकोणों से देखा जा रहा है। एक तरफ इसे कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने की पहल माना जा रहा है, तो दूसरी ओर राजनीतिक समीकरणों को साधने के रूप में भी इसकी चर्चा हो रही है। जानकारों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में पुलिस विभाग को चुस्त-दुरुस्त रखना सरकार की प्राथमिकता है।
30 IPS अधिकारियों की नई जिम्मेदारियां
इस फेरबदल में झारखंड के 30 आईपीएस अधिकारियों को नई जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि सभी नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन जिन अधिकारियों को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है उनमें एसीबी, सीआईडी, मुख्यालय और कई जिलों के एसपी स्तर पर बदलाव शामिल हैं।
अनुराग गुप्ता (DGP, झारखंड) → ACB और CID से मुक्त
प्रशांत सिंह → DG मुख्यालय का अतिरिक्त प्रभार
प्रिया दुबे → ADG, ACB
कई जिलों के SP/SSP बदले गए → ताकि स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक मजबूती लाई जा सके
CID के कामकाज पर रहेगा खास फोकस
CID झारखंड पुलिस का सबसे संवेदनशील विभाग है, जो गंभीर आपराधिक मामलों की जांच करता है। CID के लिए नए नेतृत्व की नियुक्ति से सरकार का मकसद यह है कि लंबित मामलों की तेजी से जांच हो और अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा सके।
चुनावी साल में बड़ा reshuffle
झारखंड में आने वाले महीनों में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू होने वाली हैं। इस लिहाज से पुलिस विभाग में यह बदलाव बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था और निष्पक्षता सबसे बड़ी चुनौती होती है। इसलिए सरकार चाहती है कि प्रशासनिक ढांचा समय रहते मजबूत हो जाए।
पुलिस विभाग में नया उत्साह
IPS अधिकारियों के इस तबादले से विभाग में नई ऊर्जा और जिम्मेदारी का बोध देखने को मिल रहा है। कई जिलों के एसपी स्तर पर किए गए बदलावों से वहां की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी सीधा असर पड़ेगा।
सरकार का संदेश: “Zero Tolerance” नीति
राज्य सरकार का यह कदम साफ संदेश देता है कि भ्रष्टाचार और अपराध पर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एसीबी में प्रिया दुबे की नियुक्ति इसी दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
जनता की उम्मीदें
आम जनता को उम्मीद है कि इस बड़े बदलाव के बाद अपराध नियंत्रण में तेजी आएगी और एसीबी भ्रष्टाचार के मामलों में ज्यादा सख्त कार्रवाई करेगी। साथ ही CID अपराध की जांच में पारदर्शिता और तेजी लाएगी।
झारखंड सरकार द्वारा 30 आईपीएस अधिकारियों का किया गया यह बड़ा तबादला केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि राज्य की कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने और भ्रष्टाचार पर कड़ी लगाम लगाने की दिशा में उठाया गया ठोस कदम है। आने वाले समय में यह बदलाव कितने कारगर साबित होंगे, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल राज्य में इस फैसले की व्यापक चर्चा हो रही है।