
श्रद्धांजलि सभा में उमड़ा जनसैलाब
साहिबगंज, झारखंड।
झारखंड की राजनीति के भीष्म पितामह और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक गुरुजी शिबू सोरेन की याद में साहिबगंज में भव्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर राज्य भर से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे और गुरुजी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
श्रद्धांजलि सभा में झारखंड के विभिन्न जिलों से आए कार्यकर्ता, समर्थक और आम जनता की भारी भीड़ देखने को मिली। सभा स्थल पर “गुरुजी अमर रहें”, “झारखंड की शान शिबू सोरेन” जैसे नारों से पूरा इलाका गूंज उठा।
कई दिग्गज नेताओं की मौजूदगी
इस श्रद्धांजलि सभा में न केवल झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता बल्कि अन्य राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए।
सभा में मौजूद प्रमुख नेताओं में –
झारखंड के मुख्यमंत्री,
कई पूर्व मंत्री,
सांसद और विधायक,
विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल रहे।
नेताओं ने अपने संबोधन में गुरुजी शिबू सोरेन के योगदान को याद किया और झारखंड राज्य के निर्माण में उनकी अहम भूमिका पर प्रकाश डाला।
शिबू सोरेन का राजनीतिक और सामाजिक सफर
शिबू सोरेन को झारखंड की पहचान और आदिवासी अस्मिता का प्रतीक माना जाता है।
उन्होंने 1970 और 80 के दशक में संथाल परगना में आदिवासी आंदोलन को नई दिशा दी।
“झारखंड मुक्ति मोर्चा” की नींव रखकर उन्होंने आदिवासियों, दलितों और वंचित वर्ग की आवाज को बुलंद किया।
तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने राज्य की राजनीति को नई राह दिखाई।
केंद्र में कोयला मंत्री के तौर पर भी वे अपनी साफ-सुथरी छवि और जनहितैषी कार्यों के लिए याद किए जाते हैं।

श्रद्धांजलि सभा का भावुक माहौल

श्रद्धांजलि सभा का भावुक माहौल
सभा के दौरान कई नेताओं की आंखें नम हो गईं। वक्ताओं ने कहा कि –
गुरुजी का जीवन संघर्ष और प्रेरणा से भरा हुआ था।
उन्होंने हमेशा गरीब, किसान और मजदूरों की आवाज उठाई।
झारखंड के निर्माण के लिए उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
सभा में मौजूद लोगों ने संकल्प लिया कि गुरुजी के सपनों का झारखंड बनाने के लिए सभी एकजुट होकर काम करेंगे।
सामाजिक संगठनों की भूमिका
श्रद्धांजलि सभा में सिर्फ राजनीतिक हस्तियां ही नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। स्थानीय कलाकारों ने पारंपरिक संथाली नृत्य और गीत प्रस्तुत कर गुरुजी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सभा स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
श्रद्धांजलि सभा में उमड़ी भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की थी। पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की गई और ट्रैफिक व्यवस्था को भी दुरुस्त रखा गया ताकि आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
श्रद्धांजलि सभा से जुड़े प्रमुख संदेश
1. गुरुजी शिबू सोरेन का योगदान अमिट – नेताओं ने कहा कि गुरुजी ने झारखंड की आत्मा को जीवंत रखा।
2. युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा – उन्हें संघर्ष, साहस और नेतृत्व का उदाहरण बताया गया।
3. राजनीतिक एकजुटता का संदेश – इस सभा ने साबित किया कि गुरुजी सभी दलों के लिए सम्माननीय व्यक्तित्व रहे।
श्रद्धांजलि सभा की खास झलकियां
सभा स्थल पर विशाल पंडाल और LED स्क्रीन लगाई गई थी ताकि हर कोई कार्यक्रम देख सके।
कार्यकर्ताओं ने गुरुजी के जीवन से जुड़ी तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाई।
जगह-जगह मुफ्त भोजन और पानी की व्यवस्था की गई।
साहिबगंज में आयोजित यह श्रद्धांजलि सभा केवल एक राजनीतिक आयोजन नहीं थी, बल्कि झारखंड के इतिहास और पहचान के महानायक गुरुजी शिबू सोरेन को याद करने का अवसर थी। सभा ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि गुरुजी केवल एक नेता नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा और संघर्ष के प्रतीक हैं।