
फैक्ट्री में अचानक मचा हड़कंप
रांची के इरबा इलाके में शुक्रवार की सुबह एक बड़ी घटना सामने आई। यहां स्थित एक केमिकल फैक्ट्री में अचानक आग लग गई। आग लगते ही पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई और काले धुएं का गुबार आसमान तक दिखाई देने लगा। स्थानीय लोगों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस और दमकल विभाग को दी। देखते ही देखते इलाके में लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।
मौके पर पहुंचीं दमकल की कई गाड़ियां
सूचना मिलते ही दमकल विभाग की 6 से अधिक गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू की। आग इतनी भीषण थी कि आसपास के घरों और दुकानों तक इसकी लपटें महसूस की जा रही थीं। दमकलकर्मी लगातार पानी की बौछार कर आग को नियंत्रित करने का प्रयास करते रहे।
आग लगने के संभावित कारण
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, फैक्ट्री में ज्वलनशील रसायनों (chemical) का भंडारण किया गया था। शुरुआती आशंका है कि शॉर्ट सर्किट या किसी रसायन की चिंगारी से यह आग भड़की। हालांकि, सटीक कारण का पता लगाने के लिए पुलिस और फॉरेंसिक टीम जांच में जुटी हुई है।
फैक्ट्री कर्मचारियों की जान पर बनी आफत
आग लगने के समय फैक्ट्री में दर्जनों कर्मचारी काम कर रहे थे। आग लगते ही कर्मचारी बाहर भागे और कई लोग धुएं के कारण बेहोश हो गए। राहत की बात यह रही कि अधिकतर कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। दमकलकर्मियों और स्थानीय लोगों की मदद से कई लोगों की जान बचाई गई।
स्थानीय निवासियों में दहशत
आग लगने के कारण आसपास के घरों में भी दहशत फैल गई। कई परिवार घर छोड़कर बाहर निकल आए। लोग इस आशंका में थे कि कहीं आग फैलकर उनके घरों को न अपनी चपेट में ले ले। चूंकि फैक्ट्री में रसायन मौजूद थे, इसलिए धमाके होने की भी आशंका जताई जा रही थी।
प्रशासन ने संभाला मोर्चा
घटना की जानकारी मिलते ही रांची प्रशासन और पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। फैक्ट्री के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई ताकि आम लोग पास न आ सकें। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल दमकल विभाग पूरी कोशिश कर रहा है कि आग को सीमित दायरे में रोका जा सके।
करोड़ों का नुकसान
आग से फैक्ट्री में रखे कच्चे माल, तैयार उत्पाद और मशीनें जलकर खाक हो गईं। प्राथमिक अनुमान है कि इस हादसे में करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। फैक्ट्री मालिक ने भी स्वीकार किया कि इतनी बड़ी आग से उनका बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है।
जांच कमेटी का गठन
झारखंड सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। फैक्ट्री में आग लगने की वजहों की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है। सरकार ने यह भी कहा है कि यदि फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई है, तो जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फैक्ट्री सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना के बाद फैक्ट्री सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। इलाके के लोगों का कहना है कि फैक्ट्री में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं थे। कई लोगों ने आरोप लगाया कि फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी की गई थी। यदि फैक्ट्री में उचित अग्निशमन यंत्र और सुरक्षा उपाय मौजूद होते, तो शायद आग को फैलने से पहले ही नियंत्रित किया जा सकता था।
पिछले हादसों की याद ताजा
यह पहली बार नहीं है जब रांची या झारखंड में किसी फैक्ट्री में आग लगी हो। इससे पहले भी कई बार फैक्ट्रियों और गोदामों में आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हर बार प्रशासन जांच की बात करता है लेकिन कुछ समय बाद मामले ठंडे पड़ जाते हैं।
इलाके में फैली दुर्गंध
आग लगने के बाद केमिकल जलने से इलाके में तेज दुर्गंध फैल गई। आसपास के लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनने और घरों में खिड़कियां बंद रखने की सलाह दी है। स्वास्थ्य विभाग ने भी मेडिकल टीम को मौके पर अलर्ट पर रखा।
प्रत्यक्षदर्शियों ने सुनाई आपबीती
स्थानीय निवासी राजेश कुमार ने बताया, “सुबह अचानक जोरदार धमाके जैसी आवाज आई। जब हम बाहर निकले तो फैक्ट्री से धुआं और आग की लपटें उठती दिखीं। लोग भागने लगे और चारों ओर हाहाकार मच गया।” वहीं एक अन्य महिला ने बताया कि उनके घर की दीवारें भी आग की गर्मी से तपने लगी थीं।
दमकल कर्मियों की जद्दोजहद
आग बुझाने का काम कई घंटों तक चला। दमकल कर्मियों ने बारी-बारी से पानी की बौछार की। कुछ समय के लिए आग पर काबू पाया गया लेकिन फिर से फैक्ट्री के दूसरे हिस्से में लपटें उठने लगीं। आखिरकार करीब 8 घंटे की मशक्कत के बाद आग को नियंत्रित किया जा सका।
मुख्यमंत्री ने जताई चिंता
झारखंड के मुख्यमंत्री ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई और प्रशासन को सख्त निर्देश दिए कि आग बुझाने और राहत कार्य में कोई ढिलाई न बरती जाए। उन्होंने कहा कि पीड़ित कर्मचारियों और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद दी जाएगी।
विशेषज्ञों की चेतावनी
रसायन विशेषज्ञों का कहना है कि केमिकल फैक्ट्रियों में आग लगना बेहद खतरनाक होता है क्योंकि कई रसायन जहरीली गैस छोड़ते हैं। यदि समय रहते आग पर काबू न पाया जाए तो यह बड़े पैमाने पर जनहानि का कारण बन सकती है। इसलिए फैक्ट्रियों में नियमित सेफ्टी ऑडिट और प्रशिक्षण अनिवार्य होना चाहिए।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें
घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए। लोग प्रशासन से सवाल कर रहे हैं कि आखिर क्यों सुरक्षा नियमों की अनदेखी की जाती है। कई लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि ऐसी फैक्ट्रियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।
भविष्य के लिए सबक
इरबा फैक्ट्री में लगी आग ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि औद्योगिक क्षेत्रों में फायर सेफ्टी मानकों का पालन करना कितना जरूरी है। यदि समय पर सुरक्षा उपकरण और चेतावनी अलार्म मौजूद होते, तो इस आगजनी को शायद बड़े नुकसान से बचाया जा सकता था।
रांची के इरबा इलाके में लगी केमिकल फैक्ट्री की आग ने लोगों को डरा दिया है और प्रशासन को सोचने पर मजबूर कर दिया है। दमकल विभाग की तत्परता और स्थानीय लोगों की मदद से बड़ी जनहानि टल गई, लेकिन करोड़ों की संपत्ति खाक हो गई। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार और प्रशासन इस घटना से क्या सबक लेते हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाते हैं।