
पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार दौरे के दौरान जनता को संबोधित करते हुए भावुक अंदाज में कहा, “भाई को खुशी तब होती है, जब बहन खुशहाल होती है। बिहार में आपके दो भाई, नरेंद्र और नीतीश, आपकी समृद्धि और खुशहाली के लिए काम कर रहे हैं।”
उनका यह बयान न सिर्फ राजनीति बल्कि समाज और संस्कृति से जुड़ी गहरी सोच को दर्शाता है। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी का यह संदेश सीधे जनता की भावनाओं को छूता है।
पीएम मोदी का संबोधन और बहन-बिहार की तुलना
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में बिहार को अपनी बहन की तरह संबोधित करते हुए कहा कि जैसे भाई अपनी बहन की रक्षा और सुख-समृद्धि के लिए प्रयास करता है, वैसे ही वह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिलकर बिहार के विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “बिहार की धरती पर आज नए सपनों की नींव रखी जा रही है। हम चाहते हैं कि यहां की युवा शक्ति को बेहतर शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें। बहनों और माताओं की सुरक्षा और सम्मान हमारी प्राथमिकता है।”
बिहार में चल रही प्रमुख विकास योजनाएँ
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कई योजनाओं का जिक्र किया जिनका सीधा असर बिहार की जनता पर पड़ रहा है—
1. बुनियादी ढांचे का विकास (Infrastructure):
सड़क, पुल और हाईवे निर्माण से गांव-गांव को जोड़ा जा रहा है। गंगा पर नए पुल और फोर लेन हाईवे से व्यापार और आवाजाही आसान होगी।
2. शिक्षा और रोजगार:
नए मेडिकल कॉलेज, IIT-पटना जैसे संस्थानों का विस्तार और स्किल डेवलपमेंट सेंटर युवाओं को नए अवसर दे रहे हैं।
3. महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण:
उज्ज्वला योजना, जनधन योजना और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा रहा है।
4. किसानों के लिए योजनाएँ:
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से बिहार के लाखों किसानों को हर साल आर्थिक मदद मिल रही है।
5. स्वास्थ्य सुविधाएँ:
पटना एम्स और देवघर एम्स जैसी स्वास्थ्य सुविधाएँ बिहार और झारखंड के मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही हैं।
राजनीतिक संदेश और रणनीति
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान कि “दो भाई मिलकर काम कर रहे हैं”—साफ तौर पर 2025 विधानसभा चुनाव से जुड़ा संदेश है।
नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की जोड़ी को जनता के सामने “विकास के दो भाई” के रूप में पेश किया जा रहा है।
इससे विपक्ष पर भी दबाव बढ़ेगा, क्योंकि जनता की नज़र अब ठोस काम और योजनाओं पर है।
जनता की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद जनता में उत्साह देखा गया।
महिलाएँ पीएम मोदी की इस बात से काफी प्रभावित दिखीं कि “भाई तभी खुश है जब बहन खुशहाल है।”
युवाओं ने रोजगार और शिक्षा पर ध्यान देने की बात का स्वागत किया।
किसानों ने उम्मीद जताई कि आगे भी कृषि योजनाएँ और मज़बूत होंगी।
चुनावी असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि—
पीएम मोदी का यह भावनात्मक संदेश चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा है।
इससे महिला वोटरों पर सकारात्मक असर होगा।
नीतीश और मोदी की जोड़ी को “स्थिरता और विकास” का प्रतीक बनाकर प्रस्तुत किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान कि “भाई को खुशी तब होती है, जब बहन खुशहाल होती है” बिहार की जनता के साथ भावनात्मक जुड़ाव बनाने की कोशिश है।
यह न सिर्फ विकास योजनाओं का वादा है, बल्कि सामाजिक संदेश भी है कि बिहार की बहनें और बेटियाँ खुशहाल होंगी, तभी राज्य प्रगति करेगा।