
दशहरा 2025 का पर्व पूरे देश में बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। यह दिन बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक माना जाता है। विजयादशमी का त्योहार नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर जीवन में सकारात्मकता लाने का संदेश देता है। शास्त्रों के अनुसार दशहरे का दिन नए कार्यों की शुरुआत और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत उत्तम होता है। यही कारण है कि इस दिन यदि कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो परिवार में सुख-समृद्धि आती है, करियर में उन्नति होती है और जीवन की अनेक परेशानियां समाप्त हो जाती हैं। आइए जानते हैं दशहरे के दिन किए जाने वाले कुछ चमत्कारी उपायों के बारे में।
1. माता दुर्गा की आराधना
दशहरे के दिन माता दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करें और उन्हें लाल फूल अर्पित करें। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पारिवारिक कलह समाप्त होती है।
2. शमी वृक्ष की पूजा
शमी का वृक्ष दशहरे पर अत्यंत पूजनीय माना जाता है। इस दिन शमी के वृक्ष की पूजा करने से शत्रु बाधा दूर होती है और जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।
3. हनुमान जी की उपासना
दशहरे के दिन बजरंगबली की पूजा और सुंदरकांड का पाठ करने से साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। साथ ही करियर से जुड़ी रुकावटें दूर होती हैं।
4. रावण दहन के समय प्रार्थना
जब रावण दहन किया जाए तो उस समय अपने भीतर की नकारात्मक आदतों और बुरी प्रवृत्तियों को त्यागने का संकल्प लें। यह उपाय जीवन में प्रगति के नए अवसर लाता है।
5. गरीब और जरूरतमंदों की मदद
दशहरे के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को भोजन और वस्त्र दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यह उपाय न केवल आपके लिए शुभ है बल्कि पारिवारिक जीवन में भी स्थिरता और खुशहाली लाता है।
6. धन लाभ के लिए उपाय
दशहरे की शाम को घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान करें। ऐसा करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और धन लाभ के योग बनते हैं।
दशहरा केवल एक त्योहार नहीं बल्कि आत्म-शुद्धि और नए आरंभ का प्रतीक है। इस दिन किए गए धार्मिक और आध्यात्मिक उपाय जीवन को सकारात्मक दिशा देते हैं। जो भी व्यक्ति इस दिन श्रद्धा और विश्वास के साथ इन उपायों को करता है, उसके जीवन में सौभाग्य, सफलता और खुशहाली का संचार होता है।
यहां बताए गए उपाय प्रचलित मान्यताओं और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित हैं। इनका उद्देश्य केवल धार्मिक और सांस्कृतिक जानकारी देना है। किसी भी उपाय को करने से पहले अपनी आस्था और परिस्थितियों के अनुसार विचार अवश्य करें।