
नई दिल्ली: मौसम विभाग (IMD) ने बड़ी चेतावनी जारी की है। एक शक्तिशाली चक्रवाती तूफान आज रात भारतीय तट से टकराने जा रहा है। यह तूफान बंगाल की खाड़ी से उठकर ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों से टकराएगा। इसका असर झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और असम सहित करीब 8 राज्यों पर पड़ेगा। मौसम विभाग ने रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
तटीय इलाकों में तेज हवाओं का कहर
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक यह चक्रवाती तूफान रात 10 बजे के बाद ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तट से टकराएगा। इस दौरान हवा की गति 110 से 130 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंच सकती है। कई जगहों पर भारी से अति भारी बारिश होगी। समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठेंगी, जिससे मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है।
रेलवे और हवाई सेवाएं प्रभावित
तूफान के असर से कई ट्रेनों का रूट बदला गया है और कुछ रद्द भी कर दी गई हैं। ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में हवाई सेवाओं पर भी असर पड़ने की संभावना है। भुवनेश्वर, कोलकाता और विशाखापट्टनम एयरपोर्ट पर अलर्ट जारी किया गया है।
8 राज्यों में होगा असर
यह तूफान सिर्फ तटीय इलाकों तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ जैसे आंतरिक राज्यों तक इसका असर देखने को मिलेगा।
ओडिशा: कई जिलों में भारी बारिश और तेज हवाएं।
आंध्र प्रदेश: विशाखापट्टनम, श्रीकाकुलम और विजयनगरम सबसे ज्यादा प्रभावित।
पश्चिम बंगाल: कोलकाता सहित दक्षिणी हिस्सों में जलभराव की आशंका।
झारखंड: रांची, जमशेदपुर, धनबाद में तेज हवाओं और भारी बारिश की चेतावनी।
बिहार: भागलपुर, पटना और दरभंगा में बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट।
छत्तीसगढ़: बस्तर और रायपुर में भारी बारिश।
असम और त्रिपुरा: पूर्वोत्तर राज्यों में भी तूफान का असर देखने को मिलेगा।
राहत और बचाव के लिए सरकार अलर्ट
नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की 45 टीमें तैनात की गई हैं। तटीय जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी की है। ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों से हजारों लोगों को शेल्टर होम में शिफ्ट किया जा चुका है।
बिजली और संचार सेवाएं हो सकती हैं प्रभावित
IMD ने आशंका जताई है कि तेज हवाओं के कारण बिजली और संचार सेवाएं ठप हो सकती हैं। पेड़ और बिजली के खंभे गिर सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में पानी भरने से जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।
विशेषज्ञों की चेतावनी
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तूफान बेहद खतरनाक है क्योंकि इसमें नमी और हवा की गति लगातार बढ़ रही है। बंगाल की खाड़ी से उठने वाले तूफान हमेशा ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। अगर यह तूफान और भी तेज हो गया तो अगले 24 घंटों में इसकी श्रेणी “बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान” में बदल सकती है।
क्या करें और क्या न करें?
सरकार और मौसम विभाग ने लोगों के लिए गाइडलाइन जारी की है।
घर से बाहर न निकलें।
बिजली के खंभों और बड़े पेड़ों से दूर रहें।
मोबाइल और जरूरी सामान चार्ज करके रखें।
प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
मछुआरे समुद्र में न जाएं।
ऐतिहासिक संदर्भ
बंगाल की खाड़ी से उठने वाले चक्रवाती तूफान पहले भी तबाही मचा चुके हैं। 1999 का ओडिशा सुपर साइक्लोन और 2020 का अम्फान तूफान आज भी लोगों की यादों में ताजा है। उस वक्त लाखों लोग बेघर हो गए थे। इस बार सरकार पहले से अलर्ट है और हर स्तर पर तैयारी कर रही है।
भारत में हर साल मॉनसून के बाद चक्रवाती तूफानों का खतरा बढ़ जाता है। इस बार जो तूफान आ रहा है, उसका असर सिर्फ तटीय इलाकों तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि आंतरिक राज्यों तक भी पहुंचेगा। ऐसे में लोगों को सावधान रहना बेहद जरूरी है। सरकार और प्रशासन लगातार अलर्ट मोड में है, लेकिन सबसे बड़ी जिम्मेदारी लोगों की है कि वे खुद सतर्क रहें।