
पटना: बिहार की राजधानी पटना के लोगों का वर्षों पुराना सपना आज आखिरकार साकार हो गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का शुभारंभ कर दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह परियोजना न सिर्फ राजधानी के यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि पटना के विकास को नई रफ्तार देगी।
शुभारंभ समारोह राजेंद्र नगर स्टेशन से आयोजित किया गया, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उपमुख्यमंत्री, कई मंत्री, सांसद और अधिकारी मौजूद थे। उद्घाटन के बाद नीतीश कुमार ने खुद मेट्रो की पहली यात्रा की और यात्रियों से बातचीत की।
पटना मेट्रो का सपना हुआ साकार
पटना मेट्रो परियोजना की घोषणा करीब एक दशक पहले हुई थी, लेकिन तकनीकी, प्रशासनिक और वित्तीय अड़चनों के कारण काम में देरी होती रही। अब जब इसका पहला चरण पूरा हो गया है, तो राजधानीवासियों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।
पहले चरण में मेट्रो की दो प्रमुख लाइनें तैयार की गई हैं —
1. पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर (East-West Corridor): दानापुर से पटना रेलवे स्टेशन तक।
2. उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर (North-South Corridor): बैली रोड से पटना एयरपोर्ट तक।
इन दोनों लाइनों को भविष्य में जोड़ने की योजना है, ताकि पूरे शहर में मेट्रो का नेटवर्क मजबूत और सुविधाजनक हो सके।
प्रोजेक्ट की लागत और तकनीकी विवरण
पटना मेट्रो परियोजना की कुल लागत लगभग 13,500 करोड़ रुपये है। इसमें जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) ने वित्तीय सहयोग दिया है। परियोजना का काम दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) की निगरानी में किया गया है।
हर मेट्रो ट्रेन में अत्याधुनिक सुरक्षा सिस्टम, CCTV कैमरे, ऑटोमेटिक दरवाजे और महिला सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, स्टेशनों को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया गया है, ताकि हर वर्ग का यात्री आसानी से यात्रा कर सके।
यात्रियों के लिए राहत: कम समय में तेज सफर
पटना मेट्रो के शुरू होने से लोगों की सबसे बड़ी परेशानी — ट्रैफिक जाम — काफी हद तक कम होगी। जहां पहले राजेंद्र नगर से बैली रोड पहुंचने में 45 मिनट से ज्यादा लगते थे, वहीं अब यह सफर सिर्फ 15 मिनट में पूरा हो सकेगा।
मेट्रो ट्रेनें हर 5 मिनट के अंतराल पर चलेंगी। शुरुआती किराया 10 रुपये से 40 रुपये तक रखा गया है, ताकि आम जनता आसानी से इसका उपयोग कर सके।
पर्यावरण के अनुकूल परियोजना
पटना मेट्रो पूरी तरह से पर्यावरण अनुकूल परिवहन प्रणाली है। इसमें इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जिससे प्रदूषण में भारी कमी आएगी। स्टेशन और डिपो में सोलर पैनल लगाए गए हैं, जो ऊर्जा की खपत को घटाने में मदद करेंगे।
नीतीश कुमार ने कहा कि, “पटना मेट्रो न सिर्फ लोगों की यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि यह ग्रीन बिहार मिशन का भी अहम हिस्सा है। इससे वायु प्रदूषण कम होगा और राजधानी स्वच्छ बनेगी।”
सीएम नीतीश कुमार का संबोधन
शुभारंभ समारोह के दौरान नीतीश कुमार ने कहा,
> “पटना मेट्रो सिर्फ एक परिवहन परियोजना नहीं, बल्कि बिहार के विकास का प्रतीक है। अब हमें यह सुनिश्चित करना है कि मेट्रो सेवा सुचारू रूप से चले और जनता को अधिकतम लाभ मिले।”
उन्होंने यह भी बताया कि मेट्रो सेवा को धीरे-धीरे शहर के अन्य इलाकों — जैसे कंकड़बाग, बोरिंग रोड, बाईपास और फुलवारीशरीफ — तक विस्तार दिया जाएगा।
स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों की खुशी
मेट्रो उद्घाटन के बाद पूरे पटना में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला। दुकानदारों, छात्रों और कामकाजी लोगों ने कहा कि मेट्रो से उनका समय और पैसा दोनों बचेगा।
राजीव रंजन, जो दैनिक रूप से गांधी मैदान से बेली रोड तक यात्रा करते हैं, कहते हैं,
> “पहले रोजाना जाम में एक घंटा लगता था। अब मेट्रो की वजह से मेरा सफर आसान हो गया है।”
भविष्य की योजना: पटना से बोधगया तक मेट्रो कनेक्टिविटी
बिहार सरकार की योजना है कि आने वाले वर्षों में पटना मेट्रो को बोधगया और गया से जोड़ा जाए। इसके अलावा, मेट्रो नेटवर्क को राजधानी परियोजना के तहत दूसरे शहरों जैसे मुजफ्फरपुर और दरभंगा तक भी विस्तारित करने की योजना है।
पटना मेट्रो के फायदे एक नजर में
ट्रैफिक जाम से राहत
प्रदूषण में कमी
समय और ईंधन की बचत
आधुनिक और सुरक्षित यात्रा
रोजगार के नए अवसर
पटना की अर्थव्यवस्था को नई दिशा
पटना मेट्रो का शुभारंभ बिहार के बुनियादी ढांचे में एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल राजधानी के यातायात को व्यवस्थित करेगा, बल्कि प्रदेश की छवि को भी नई पहचान देगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह पहल बिहार को आधुनिकता की दिशा में एक और कदम आगे ले गई है।