
नई दिल्ली/पटना:बिहार में लंबे इंतजार के बाद आखिरकार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि राज्य में दो चरणों में मतदान होगा।
पहले चरण का मतदान 6 नवंबर 2025 को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर 2025 को कराया जाएगा। नतीजों की घोषणा 14 नवंबर को की जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस बार बिहार में 243 विधानसभा सीटों पर लगभग 8 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें से लगभग 3.8 करोड़ महिलाएं और 2 लाख से अधिक पहली बार वोट डालने वाले युवा मतदाता शामिल हैं।
पहले फेज में इन जिलों में होगी वोटिंग
पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को बिहार के दक्षिण और मध्य हिस्सों के जिलों में होगा। इसमें पटना, गया, नालंदा, औरंगाबाद, जहानाबाद, नवादा, भोजपुर, बक्सर, कैमूर और रोहतास जैसे प्रमुख जिले शामिल हैं।
इस चरण में लगभग 120 विधानसभा सीटों पर मतदान कराया जाएगा।
चुनाव आयोग ने बताया कि पहले चरण में सुरक्षा व्यवस्था के लिए केंद्र से अतिरिक्त कंपनियां मांगी गई हैं, ताकि किसी भी तरह की हिंसा या गड़बड़ी को रोका जा सके।
दूसरे फेज में उत्तर बिहार के जिलों में मतदान
दूसरा चरण 11 नवंबर को आयोजित किया जाएगा, जिसमें सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सिवान, छपरा, गोपालगंज, समस्तीपुर, बेगूसराय और कटिहार जैसे जिले शामिल हैं।
इसमें 123 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि दोनों चरणों के बाद मतगणना 14 नवंबर को होगी और उसी दिन नई सरकार के गठन का रास्ता साफ होगा।
चुनाव आचार संहिता लागू
चुनाव तारीखों के ऐलान के साथ ही बिहार में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। अब राज्य सरकार कोई नई नीति, योजना या वित्तीय घोषणा नहीं कर सकेगी।
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे आचार संहिता का पालन करें और चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी प्रकार की भड़काऊ भाषा या साम्प्रदायिक टिप्पणी से बचें।
नीतीश कुमार बनाम विपक्ष — मुकाबला दिलचस्प
बिहार विधानसभा चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प होने वाला है।
एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए गठबंधन के साथ फिर से सत्ता में लौटने की कोशिश करेंगे, वहीं दूसरी ओर राजद (तेजस्वी यादव), कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां मिलकर महागठबंधन के रूप में सत्ता परिवर्तन का दावा कर रही हैं।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बार युवा वोटर और महिला मतदाता चुनाव के परिणाम में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
चुनाव आयोग की घोषणा — पारदर्शिता और तकनीक पर जोर
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस बार चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए EVM और VVPAT मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
साथ ही, मतदाताओं की सुविधा के लिए ‘वोटर हेल्पलाइन ऐप’ और ऑनलाइन वोटर स्लिप डाउनलोड सुविधा भी दी गई है।
चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान केंद्रों पर CCTV निगरानी, वेबकास्टिंग और डिजिटल मॉनिटरिंग टीम की तैनाती होगी ताकि किसी भी अनियमितता पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
कैश और शराब वितरण पर सख्ती
आयोग ने साफ कहा है कि चुनाव के दौरान कैश, शराब और उपहार वितरण पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
इसके लिए इनकम टैक्स विभाग, पुलिस और एक्साइज टीमों को मिलाकर संयुक्त मॉनिटरिंग सेल बनाई गई है।
आयोग के अनुसार अब तक 1500 करोड़ रुपये से अधिक नकदी और शराब जब्त की जा चुकी है।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सभी राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रिया दी।
जेडीयू नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा — “हम विकास और सुशासन के एजेंडे पर चुनाव लड़ेंगे। जनता पर हमें पूरा भरोसा है।”
वहीं, तेजस्वी यादव ने कहा — “बिहार के लोग बदलाव चाहते हैं। यह चुनाव रोजगार बनाम जुमलेबाजी का होगा।”
चुनाव प्रचार में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका
इस बार के चुनाव में सोशल मीडिया अहम भूमिका निभाने जा रहा है।
सभी पार्टियों ने अपने डिजिटल वार रूम तैयार कर लिए हैं और फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर), यूट्यूब और व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए प्रचार शुरू कर दिया है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार का चुनाव न सिर्फ सड़कों पर बल्कि मोबाइल स्क्रीन पर भी लड़ा जाएगा।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का आगाज हो चुका है। अब देखना यह होगा कि 6 और 11 नवंबर को जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है।
क्या नीतीश कुमार एक बार फिर सत्ता में वापसी करेंगे, या तेजस्वी यादव जनता का भरोसा जीतकर मुख्यमंत्री बनेंगे — इसका फैसला जनता के वोट से तय होगा।