
बदलती जीवनशैली और गलत खानपान की वजह से आजकल बच्चों में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसी के साथ हार्ट से जुड़ी बीमारियां भी कम उम्र में ही बच्चों को अपनी चपेट में लेने लगी हैं। पहले जहां हृदय रोग केवल बुजुर्गों में देखने को मिलते थे, अब वहीं 8 से 15 साल के बच्चों में भी हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और मोटापे से जुड़ी समस्याएं सामने आ रही हैं।
बच्चों में हार्ट डिजीज के बढ़ने की मुख्य वजहें
डॉक्टरों के अनुसार बच्चों में हृदय रोग का सबसे बड़ा कारण मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता (Physical Inactivity) है। आधुनिक समय में बच्चे मोबाइल, टीवी और वीडियो गेम में अधिक समय बिताते हैं, जिससे उनकी शारीरिक गतिविधियां बहुत कम हो गई हैं। साथ ही, जंक फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स, चॉकलेट और फ्राइड फूड्स का अधिक सेवन मोटापे को बढ़ा रहा है। ये सभी कारण मिलकर बच्चों के दिल पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं।
मोटापे से बढ़ने वाले खतरे
1. हाई ब्लड प्रेशर
2. बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल लेवल
3. डायबिटीज का खतरा
4. सांस लेने में कठिनाई
5. हृदय की मांसपेशियों पर अतिरिक्त भार
इन समस्याओं के कारण बच्चे कम उम्र में ही थकान, चिड़चिड़ापन और दिल की धड़कन बढ़ने जैसी परेशानियों का सामना करने लगते हैं।
बच्चों का दिल हेल्दी रखने के लिए क्या खिलाएं
डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों की डाइट में ऐसे फूड्स शामिल करने चाहिए जो दिल को मजबूत और शरीर को एक्टिव रखें।
फ्रूट्स और सब्जियां: सेब, केला, संतरा, पालक, गाजर और टमाटर जैसी चीजें फाइबर और विटामिन से भरपूर होती हैं।
होममेड फूड: बच्चों को पैकेज्ड स्नैक्स और फास्ट फूड की जगह घर का बना खाना दें।
होल ग्रेन (Whole Grains): ओट्स, ब्राउन राइस और मल्टीग्रेन रोटी दिल को हेल्दी रखते हैं।
ड्राई फ्रूट्स: बादाम, अखरोट और पिस्ता बच्चों के लिए अच्छे फैट्स का स्रोत हैं।
लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स: दूध और दही दिल और हड्डियों दोनों के लिए फायदेमंद हैं।
पर्याप्त पानी: शरीर से टॉक्सिन्स निकालने और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करने में मदद करता है।
लाइफस्टाइल में लाएं ये बदलाव
1. बच्चों को रोजाना कम से कम 1 घंटे की शारीरिक गतिविधि के लिए प्रोत्साहित करें।
2. मोबाइल और टीवी देखने का समय सीमित करें।
3. उन्हें खेल-कूद या आउटडोर एक्टिविटी में शामिल करें।
4. परिवार के साथ हेल्दी ईटिंग की आदत विकसित करें।
5. समय-समय पर डॉक्टर से हेल्थ चेकअप करवाएं।
डॉक्टर की सलाह
बाल रोग विशेषज्ञों का मानना है कि मोटापा केवल एक लुक से जुड़ी समस्या नहीं है, बल्कि यह शरीर के अंदर गंभीर बीमारियों की जड़ है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों की डाइट और एक्टिविटी दोनों पर ध्यान दें। संतुलित भोजन, पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर होता है।
बच्चों का दिल स्वस्थ रखना आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। यदि बचपन से ही उन्हें सही खानपान और हेल्दी लाइफस्टाइल सिखाई जाए, तो भविष्य में हार्ट डिजीज जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य स्वास्थ्य सुझावों पर आधारित है। किसी भी प्रकार की बीमारी या उपचार से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह लेना अनिवार्य है।