
दरभंगा: बिहार में एक बार फिर विजिलेंस टीम (Vigilance Bureau) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकारी इंजीनियरों के ठिकानों पर छापेमारी की है। ताजा मामला दरभंगा जिले का है, जहां बिजली विभाग और भवन निर्माण विभाग के दो इंजीनियरों के घरों और दफ्तरों पर बुधवार तड़के एक साथ छापे मारे गए। इस कार्रवाई में टीम को करोड़ों की अवैध संपत्ति, लग्जरी वाहनों और महंगी जमीनों के दस्तावेज मिले हैं।
कार्रवाई सुबह-सुबह शुरू, कई ठिकानों पर एक साथ छापा
जानकारी के अनुसार, विजिलेंस की टीम ने सुबह करीब 6 बजे दरभंगा शहर के विभिन्न इलाकों में छापेमारी शुरू की। जिन अधिकारियों के यहां छापा पड़ा, उनमें भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता (Executive Engineer) और बिजली विभाग के सहायक अभियंता (Assistant Engineer) शामिल हैं। दोनों के ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की गई ताकि किसी को जानकारी न मिल सके और सबूत नष्ट न किए जा सकें।
विजिलेंस के अधिकारियों ने बताया कि इन इंजीनियरों पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप हैं। पिछले कई महीनों से टीम उनकी आर्थिक गतिविधियों की निगरानी कर रही थी। सबूत मिलने के बाद पटना मुख्यालय से आदेश जारी किया गया और बुधवार सुबह तड़के दरभंगा टीम को कार्रवाई के लिए भेजा गया।
लाखों की नकदी और सोना बरामद
छापेमारी के दौरान टीम ने घरों से लाखों रुपये नकद, सोने के आभूषण, महंगे मोबाइल और लग्जरी कारों के कागजात बरामद किए हैं। इसके अलावा कई जमीनों के रजिस्ट्री दस्तावेज, प्लॉट की रसीदें और बैंक पासबुक भी मिली हैं, जिनसे करोड़ों रुपये के निवेश की जानकारी सामने आई है।
सूत्रों के मुताबिक, सिर्फ एक इंजीनियर के पास से 1.5 किलो सोना, लगभग ₹10 लाख नकद और कई बैंकों के लॉकर की जानकारी मिली है। वहीं दूसरे अधिकारी के घर से दो चारपहिया और तीन दोपहिया वाहन मिले हैं, जिनकी कीमत लाखों में है।
आलीशान मकान और जीवनशैली पर भी सवाल
विजिलेंस टीम ने जब दरभंगा शहर के मोतीझील इलाके में एक इंजीनियर का घर खंगाला, तो वहां की आलीशान जीवनशैली देखकर अधिकारी भी हैरान रह गए। घर में इंटीरियर डिजाइनिंग, एसी से सुसज्जित कई कमरे और आधुनिक किचन बने हुए थे। टीम को शक है कि इस मकान का निर्माण भी सरकारी ठेकों से कमाए गए अवैध पैसों से किया गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि संबंधित इंजीनियर पिछले कुछ वर्षों से सरकारी सेवा में हैं, लेकिन उनकी जीवनशैली एक बड़े कारोबारी जैसी है। कई बार लोगों ने इस पर सवाल उठाए, लेकिन अब विजिलेंस की कार्रवाई के बाद सारी हकीकत सामने आने लगी है।
विजिलेंस ने किया मामला दर्ज
विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच जारी है। शुरुआती जांच में पाया गया है कि दोनों अधिकारियों की घोषित आय के मुकाबले संपत्ति कई गुना ज्यादा है। विजिलेंस ने इस संबंध में Preliminary Enquiry (PE) दर्ज कर ली है। आने वाले दिनों में जब्त संपत्ति की वैधता की जांच की जाएगी और दोनों अधिकारियों से पूछताछ भी की जाएगी।
टीम ने बताया कि छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेजों का विश्लेषण किया जा रहा है। यदि अवैध कमाई के और सबूत मिलते हैं तो FIR दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पटना मुख्यालय से मिली थी सूचना
जानकारी के अनुसार, यह पूरी कार्रवाई पटना विजिलेंस मुख्यालय के निर्देश पर की गई। गुप्त सूचना मिली थी कि दरभंगा में कुछ इंजीनियर पिछले कई सालों से ठेकों में हेराफेरी कर करोड़ों की संपत्ति जुटा चुके हैं। इसके बाद एक विशेष टीम बनाई गई, जिसने कई दिनों तक गुप्त जांच की और फिर कार्रवाई का समय तय किया।
छापेमारी में दरभंगा के अलावा मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर के विजिलेंस अधिकारियों ने भी सहयोग किया। सुरक्षा कारणों से टीम में स्थानीय पुलिसकर्मियों को शामिल नहीं किया गया था।
आम जनता में चर्चा, कार्रवाई को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं
दरभंगा में इस कार्रवाई की खबर फैलते ही पूरे शहर में चर्चा का माहौल बन गया। आम लोगों का कहना है कि सरकारी अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और आम जनता का पैसा गलत तरीके से खर्च हो रहा है। कई लोगों ने विजिलेंस की कार्रवाई का स्वागत किया और कहा कि ऐसी छापेमारियां नियमित रूप से होनी चाहिए।
वहीं कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि जब तक आरोप साबित नहीं हो जाते, किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। विजिलेंस को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
बिहार में लगातार सख्ती
बता दें कि बिहार में हाल के दिनों में विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पिछले तीन महीनों में राज्यभर में 20 से अधिक सरकारी अधिकारियों पर छापेमारी की जा चुकी है। इनमें कई इंजीनियर, कार्यपालक अभियंता, बीडीओ, और सरकारी डॉक्टर शामिल हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी हाल ही में भ्रष्टाचार के मामलों पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि “भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।” इसी क्रम में दरभंगा की यह छापेमारी राज्य सरकार के शून्य सहिष्णुता (Zero Tolerance) नीति का हिस्सा मानी जा रही है।
विजिलेंस की टीम अब बरामद दस्तावेजों और बैंक खातों की जांच करेगी। अधिकारियों से पूछताछ के बाद यदि यह साबित होता है कि संपत्ति अवैध आय से अर्जित की गई है, तो इन संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है। साथ ही, आरोपियों को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई भी शुरू होगी।
विजिलेंस की इस कार्रवाई से दरभंगा समेत पूरे बिहार में हड़कंप मच गया है। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि जांच में आगे क्या निकलकर आता है — क्या ये अधिकारी सच में भ्रष्टाचार के जाल में फंसे हैं या फिर कहानी में कुछ और भी है।
दरभंगा की यह विजिलेंस छापेमारी एक बार फिर से बिहार में फैले सरकारी भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े करती है। करोड़ों की संपत्ति और आलिशान जीवनशैली इस बात का संकेत हैं कि सरकारी विभागों में पारदर्शिता अभी भी एक बड़ी चुनौती है। अब देखना यह होगा कि जांच आगे क्या रूप लेती है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।