
ठंड लगना, तेज बुखार, सांस लेने में परेशानी और खांसी—ये सभी निमोनिया के मुख्य लक्षण हैं। जब किसी व्यक्ति को निमोनिया होता है, तो शरीर बहुत कमजोर हो जाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में कई लोग यह सोचते हैं कि क्या इस समय नहाना सही है या इससे तबीयत और बिगड़ सकती है। बहुत से लोग इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि बुखार या निमोनिया के दौरान स्नान करना सुरक्षित है या नहीं। आइए जानते हैं कि विशेषज्ञ इस विषय में क्या कहते हैं।
निमोनिया में नहाने को लेकर आम धारणा
भारत में अक्सर माना जाता है कि निमोनिया या बुखार में नहाना नुकसानदायक होता है, क्योंकि इससे ठंड बढ़ सकती है और फेफड़ों पर दबाव बढ़ जाता है। कई लोग मरीज को कई दिनों तक न नहाने की सलाह देते हैं। लेकिन यह हमेशा सही नहीं है।
डॉक्टरों की राय क्या कहती है
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, निमोनिया के दौरान नहाना पूरी तरह मना नहीं है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि मरीज की स्थिति कैसी है। अगर बुखार बहुत तेज है, शरीर में कंपकंपी हो रही है या सांस लेने में कठिनाई है, तो नहाने से बचना चाहिए। इससे शरीर का तापमान अचानक कम हो सकता है और स्थिति और खराब हो सकती है।
अगर बुखार नियंत्रित है, डॉक्टर ने अनुमति दी है और शरीर में ऊर्जा है, तो गुनगुने पानी से हल्का स्नान किया जा सकता है। इससे शरीर में स्वच्छता बनी रहती है और संक्रमण का खतरा भी कम होता है।
कैसे नहाएं निमोनिया के दौरान
बहुत ठंडे या बहुत गर्म पानी का उपयोग न करें, केवल गुनगुना पानी ही लें।
स्नान के बाद तुरंत बाल और शरीर सुखा लें ताकि शरीर ठंडा न पड़े।
नहाने के बाद आराम करें और ठंडी हवा से बचें।
लंबे समय तक बाथरूम में न रहें।
अगर शरीर में कमजोरी है तो किसी की सहायता से स्नान करें या सिर्फ तौलिए से शरीर पोंछ लें।
नहाने के फायदे (यदि शरीर की स्थिति ठीक हो)
शरीर में जमा पसीना और गंदगी साफ होती है।
संक्रमण फैलने का खतरा कम होता है।
मन और शरीर दोनों को हल्कापन महसूस होता है।
रक्त संचार में सुधार होता है।
किन स्थितियों में बिल्कुल न नहाएं
अगर तेज बुखार या ठंड लग रही हो।
सांस लेने में परेशानी हो रही हो।
डॉक्टर ने मना किया हो।
शरीर बहुत कमजोर हो या बेहोशी की स्थिति हो।
निमोनिया के दौरान नहाना पूरी तरह से मना नहीं है, लेकिन यह आपके स्वास्थ्य की स्थिति और डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है। गुनगुने पानी से हल्का स्नान शरीर को ताजगी दे सकता है, लेकिन यदि बुखार अधिक है या ठंड लग रही है, तो कुछ दिनों तक सिर्फ शरीर पोंछना ही बेहतर होता है।
यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। निमोनिया या किसी भी गंभीर बीमारी में नहाने या किसी घरेलू उपाय को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। बिना सलाह के कोई निर्णय लेना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।