
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी 121 विधानसभा सीटों पर EVM (Electronic Voting Machine) और VVPAT (Voter Verifiable Paper Audit Trail) मशीनों का आवंटन कर दिया है। चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक, पहले चरण के मतदान वाले जिलों में सुरक्षा बलों की तैनाती और लॉजिस्टिक व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है ताकि मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से हो सके।
EVM और VVPAT की तैयारी पूरी
निर्वाचन आयोग ने बताया कि सभी 121 सीटों के लिए पर्याप्त संख्या में EVM और VVPAT मशीनें भेजी जा चुकी हैं। इसके साथ ही मशीनों की फर्स्ट लेवल चेकिंग (FLC) पूरी कर ली गई है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में रिजर्व मशीनें भी रखी गई हैं ताकि किसी तकनीकी खराबी की स्थिति में तुरंत बदलाव किया जा सके।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने कहा कि इस बार चुनाव आयोग ने विशेष निगरानी तंत्र तैयार किया है, जिसमें हर जिले में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। मतदान केंद्रों पर CCTV कैमरे लगाए जाएंगे और वेबकास्टिंग के जरिए लाइव मॉनिटरिंग की जाएगी।
पहले चरण में 121 सीटों पर होगा मतदान
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कुल 243 सीटों पर मतदान होना है, जिसमें पहले चरण में 121 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। पहले चरण में मुख्य रूप से सीमांचल, मगध और दक्षिण बिहार के जिले शामिल हैं। इनमें गया, औरंगाबाद, नवादा, नालंदा, भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार और अररिया जैसे जिले प्रमुख हैं।
इन क्षेत्रों में जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दे चुनावी गणित को प्रभावित कर सकते हैं। विकास कार्यों, बेरोजगारी, बिजली-पानी की समस्या और स्थानीय नेताओं की लोकप्रियता यहां के प्रमुख चुनावी मुद्दे बन गए हैं।
NDA और महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर संशय
जहां एक ओर चुनाव आयोग ने पूरी तैयारी कर ली है, वहीं दूसरी ओर NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है।
NDA खेमे में बीजेपी और जेडीयू के बीच कई सीटों पर सहमति नहीं बन पाई है। सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू 115 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है जबकि बीजेपी 125 सीटों पर दावा ठोक रही है। वहीं लोजपा (रामविलास) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा जैसी सहयोगी पार्टियां भी अपने हिस्से की सीटों पर जोर दे रही हैं।
महागठबंधन की बात करें तो राजद और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर खींचतान जारी है। राजद 150 से ज्यादा सीटों पर दावा ठोक रही है, जबकि कांग्रेस 50 से अधिक सीटों की मांग पर अड़ी हुई है। CPI-ML और CPI के साथ भी सीटों पर बातचीत जारी है।
राजनीतिक गतिविधियों में तेजी
पटना से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक बैठकों का दौर जारी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने चुनावी रणनीति पर चर्चा के लिए पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई। वहीं बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से भी उम्मीदवार चयन को लेकर समीक्षा बैठक हुई।
महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव लगातार जनसभाएं कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में कहा कि “बिहार के लोग बदलाव चाहते हैं और इस बार जनता रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों पर वोट देगी।”
सुरक्षा और संवेदनशील सीटों पर फोकस
चुनाव आयोग ने पहले चरण की 121 सीटों में से करीब 45 सीटों को संवेदनशील घोषित किया है। इन क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी। राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों को मिलाकर करीब 70 हजार जवानों को ड्यूटी पर लगाया जाएगा।
मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है ताकि भीड़ नियंत्रण और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। महिला मतदाताओं की सुविधा के लिए ‘पिंक बूथ’ भी बनाए जा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भी निगरानी
इस बार चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं और अफवाहों को रोकने के लिए विशेष निगरानी टीम बनाई है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, और एक्स (ट्विटर) पर चुनाव से संबंधित कंटेंट की मॉनिटरिंग की जाएगी।
CEO ने कहा कि किसी भी तरह की भ्रामक पोस्ट या नफरत फैलाने वाले संदेश पर सख्त कार्रवाई होगी।
मतदान कर्मियों की ट्रेनिंग और परिवहन व्यवस्था
पहले चरण के मतदान के लिए करीब 80,000 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है। इन कर्मियों को EVM और VVPAT के संचालन की विस्तृत ट्रेनिंग दी जा रही है। मतदान कर्मियों के लिए परिवहन व्यवस्था, आवास और भोजन की व्यवस्था भी की जा चुकी है।
अंतिम चरण की ओर बढ़ता बिहार चुनाव
बिहार में पहले चरण का मतदान संपन्न होने के बाद बाकी दो चरणों की तैयारियां शुरू होंगी। निर्वाचन आयोग ने संकेत दिए हैं कि नवंबर के पहले सप्ताह तक सभी चरणों का मतदान पूरा कर लिया जाएगा और परिणाम नवंबर के मध्य तक घोषित किए जा सकते हैं।
बिहार चुनाव 2025 का पहला चरण अब पूरी तरह तैयार है। EVM और VVPAT मशीनों की डिप्लॉयमेंट से लेकर सुरक्षा इंतजामों तक सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। हालांकि राजनीतिक मोर्चे पर सीट शेयरिंग का मुद्दा अभी सुलझ नहीं पाया है, जो दोनों प्रमुख गठबंधनों के लिए चुनौती बन गया है।
अब देखना यह होगा कि पहले चरण की वोटिंग में जनता किसे मौका देती है — NDA का विकास मॉडल या महागठबंधन का परिवर्तन नारा।