
देवघर। झारखंड — दीपावली और दशहरा पर्व को देखते हुए जिला प्रशासन ने शहर में पटाखा बिक्री के लिए विशेष व्यवस्था की घोषणा की है। उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देशानुसार अनुमंडल पदाधिकारी सह अनुमंडल दंडाधिकारी देवघर रवि कुमार द्वारा शिवलोक परिसर में 17 अक्टूबर से 20 अक्टूबर 2025 तक पटाखा बिक्री की अनुमति दी गई है।
प्रशासन ने सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कहा है कि इस अवधि में सभी स्थायी और अस्थायी पटाखा दुकानें केवल शिवलोक परिसर के निर्धारित कंपाउंड के भीतर ही संचालित होंगी। शहरी क्षेत्र में अत्यधिक भीड़भाड़ और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की संभावना को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
अनुमति पत्र में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सभी पटाखा व्यवसायियों को अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) के लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा। बिना अनुज्ञप्ति के पटाखा बेचते पाए जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र पटाखा बिक्री के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आतिशबाजी सामग्री को हमेशा अज्वलनशील (non-flammable) और सुरक्षित सामग्री से बने शेड में रखा जाएगा। अस्थायी दुकानें एक-दूसरे से कम से कम तीन मीटर की दूरी पर लगेंगी और किसी संरक्षित स्थल से पाँच मीटर की दूरी पर रहनी चाहिए।
साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि कोई भी दुकान दूसरी दुकान के आमने-सामने नहीं होगी, ताकि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में आग फैलने का खतरा न्यूनतम रहे।
प्रकाश व्यवस्था के लिए प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी दुकान में लैम्प, गैस लैम्प या खुली बिजली की बत्तियों का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा। यदि बिजली की लाइट का उपयोग करना आवश्यक हो, तो उसे दीवार या छत पर मजबूती से फिट करना होगा। इसके अतिरिक्त, सभी दुकानों के लिए एक मास्टर स्विच लाइन होगी, जिससे आपात स्थिति में सभी दुकानों की बिजली एक साथ बंद की जा सके।
सुरक्षा मानकों को और पुख्ता करने के लिए यह भी आदेश दिया गया है कि हर मास्टर स्विच के साथ फ्यूज या सर्किट ब्रेकर लगाया जाएगा, जिससे किसी भी प्रकार के शॉर्ट सर्किट की स्थिति में विद्युत प्रवाह स्वतः बंद हो जाए।
प्रत्येक दुकान में पानी और बालू की बाल्टी तथा फायर एक्सटिंग्विशर (अग्निशामक यंत्र) रखना अनिवार्य किया गया है, ताकि आग लगने की स्थिति में तुरंत नियंत्रण पाया जा सके।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी दुकान से 50 मीटर की दूरी के भीतर आतिशबाजी या पटाखा फोड़ना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। इसका उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रोड, फुटपाथ या किसी सार्वजनिक स्थान पर पटाखा बेचना भी पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। यदि कोई व्यक्ति या व्यवसायी आम रास्ते या सड़क पर पटाखा बेचते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
आदेश में यह भी उल्लेख है कि सभी पटाखा अनुज्ञप्तिधारी को The Explosives Rules का पूर्ण पालन करना अनिवार्य होगा। किसी भी प्रकार की चूक को गंभीर माना जाएगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने साफ किया है कि इस आदेश के तहत जारी अनुमति अस्थायी है, और किसी भी परिस्थिति में अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा इसे निरस्त किया जा सकता है।
देवघर प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे निर्धारित नियमों का पालन करें और सुरक्षित तरीके से दीपावली का त्योहार मनाएं। प्रशासन का यह कदम सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से सराहनीय माना जा रहा है।
स्थानीय पुलिस बल को भी इस दौरान विशेष रूप से तैनात किया जाएगा ताकि भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में निगरानी रखी जा सके। वहीं, नगर परिषद और अग्निशमन विभाग को भी अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है।
अनुमंडल कार्यालय के अनुसार, शिवलोक परिसर में इस बार सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, और हर प्रवेश द्वार पर फायर ब्रिगेड टीम की मौजूदगी सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही हर दुकान को उनके व्यवसायिक नाम और अनुज्ञप्ति संख्या के साथ प्रदर्शित करना होगा।
सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने भी प्रशासन के इस निर्णय का स्वागत किया है। लोगों का कहना है कि यह कदम शहर में सुरक्षा और अनुशासन दोनों को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगा।
प्रशासन ने कहा है कि पटाखा विक्रेताओं को अपने स्तर से सुरक्षा के सभी प्रबंध करने होंगे और किसी भी स्थिति में नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। दीपावली पर्व के दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था आने वाले वर्षों के लिए भी एक आदर्श उदाहरण बन सकती है।