नवंबर का महीना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में आने वाली मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन विशेष रूप से उन जातकों के लिए शुभ अवसर लेकर आता है जो इस समय शनि की साढ़े साती या शनि ढैय्या से गुजर रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि जब किसी व्यक्ति की कुंडली में अशुभ प्रभाव में आते हैं, तो जीवन में रुकावटें, आर्थिक नुकसान, मानसिक तनाव और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। लेकिन इस अमावस्या के दिन कुछ विशेष उपाय करने से शनि के कष्टों में कमी आती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगते हैं।
मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व
मार्गशीर्ष मास की अमावस्या तिथि को शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम माना गया है। इस दिन स्नान, दान और ध्यान के साथ शनि देव की उपासना करने से ग्रहों की नकारात्मक स्थिति में सुधार होता है। विशेष रूप से वे लोग जिन्हें वर्तमान में शनि की साढ़े साती या ढैय्या का प्रभाव झेलना पड़ रहा है, उनके लिए यह दिन बेहद फलदायी माना गया है।
शनि साढ़े साती और ढैय्या क्या है
ज्योतिष में शनि साढ़े साती का अर्थ है जब शनि ग्रह किसी व्यक्ति की जन्म राशि से पहले, उस राशि में और उसके बाद की राशि में गोचर करते हैं। यह अवधि लगभग सात वर्ष और छह महीने तक चलती है। इसी प्रकार शनि ढैय्या तब होती है जब शनि किसी व्यक्ति की राशि से चौथे या आठवें स्थान पर रहते हैं। इन अवधियों में जातक को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उचित उपाय करने पर राहत भी मिलती है।

शनि के प्रभाव को शांत करने के उपाय
1. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद पीपल के वृक्ष की पूजा करें और तिल के तेल का दीपक जलाएं।
2. शनि देव के मंदिर जाएं और उन्हें काले तिल, सरसों का तेल तथा नीले फूल अर्पित करें।
3. जरूरतमंद लोगों को काला कपड़ा, उड़द दाल और लोहे के बर्तन दान करें।
4. हनुमान चालीसा का पाठ करें और “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
5. इस दिन किसी गरीब को भोजन कराना और कौवे को दाना देना भी अत्यंत शुभ माना गया है।
शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लाभ
इन उपायों को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने पर शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। कार्यक्षेत्र में आ रही बाधाएं दूर होती हैं, आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। परिवारिक जीवन में सामंजस्य बढ़ता है और व्यक्ति के आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है।
नवंबर की मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन शनि साढ़े साती और ढैय्या से प्रभावित लोगों के लिए राहत और शुभ परिणाम देने वाला साबित हो सकता है। इस दिन किए गए दान, पूजा और सेवा से न केवल शनि के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता के नए द्वार भी खुलते हैं।
इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। NewsBag.in इसकी किसी प्रकार की पुष्टि नहीं करता। किसी भी उपाय को करने से पहले योग्य ज्योतिष या विद्वान की सलाह अवश्य लें।
