देवघर (झारखंड) – 14 से 19 नवंबर, 2025 की अवधि में पावन धरती बैद्यनाथ धाम में आयोजित हो रही शिवमहापुराण कथा में देश-भर से साधु-संत और श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति की उम्मीद है। कथा के मुख्य वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने प्रेसवार्ता में बताया कि इस पावन स्थल पर पहला मौका है जब उन्होंने कथा वाचन का सौभाग्य प्राप्त किया है, जो उनके लिए अत्यंत गर्व का विषय है।

“यह हमारे लिए बेहद गरिमापूर्ण अवसर है कि मैं बैद्यनाथ धाम की पवित्र भूमि पर पहला कथा वाचन कर रहा हूँ,” पंडित मिश्रा ने कहा। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में देश के विभिन्न हिस्सों से — छोटी तहसील एवं बड़े शहर दोनों से — साधु-संत, धार्मिक समूह एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे।
कथा स्थल के लिए उन्होंने कुछ विशेष निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि महिलाएं कृपया सोना, चांदी या डायमंड के जेवर पहनकर न आएं, ताकि सुरक्षा या असुविधा का कोई मामला न बने। वृद्ध, बीमार या लाचार लोग यदि कथास्थल पर उपस्थित नहीं हो सकते तो वे घर से ही लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से कथा-श्रवण कर सकते हैं।
युवाओं के प्रति भी उनका सन्देश था स्पष्ट: “नशे से दूर रहें, अपने माता-पिता की सेवा करें तथा सनातन धर्म की मूल भावना से जुड़ें।” उन्होंने आगे कहा कि इस कथा का मूल उद्देश्य समाज में भक्ति, संस्कार एवं नैतिकता का प्रसार करना है, ताकि लोग शिवभक्ति एवं मानवता के मार्ग पर अग्रसर हों।
कथा-अयोजन की रूपरेखा भी पंडित मिश्रा ने साझा की। 14 नवंबर की शुरुआत होगी, इसके बाद प्रतिदिन कथा वाचन व धार्मिक अनुष्ठान होंगे। “हर दिन सुबह एवं शाम दोनों सेशन होंगे, जिसमें हम शिव-कथा का प्रस्तुतिकरण करेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि आयोजन स्थल पर सेवा-व्यवस्था सुगठित की गई है, श्रद्धालुओं के आवागमन, भोजन एवं बिंदु-नियंत्रण के लिए समुचित प्रबंध हैं।
बैद्यनाथ धाम की पवित्रता पर प्रकाश डालते हुए पंडित मिश्रा ने कहा कि यह स्थान ही अपने-आप में श्रद्धा एवं तर्पण का केंद्र है। यहाँ कथा का आयोजन इसलिए विशेष है क्योंकि इसे सकारात्मक समाज-परिवर्तन एवं आध्यात्मिक जागृति के अवसर के रूप में देखा जा रहा है। कथा के माध्यम से उन्होंने बताया कि “हम केवल धार्मिक कथाएं नहीं पढ़ा रहे, बल्कि जीवन-मूल्यों, नैतिकता व मानवतामूलक संदेशों को पवित्र शब्दों में साझा कर रहे हैं।”
उन्होंने विशेष रूप से कहा कि “कथा का लाभ तभी होगा जब उसके भाव को श्रद्धा-भाव से आत्मसात किया जाए।” इसलिए उन्होंने अनुरोध किया कि भक्तगण आयोजन के दौरान अनुशासन बनाए रखें, मोबाइल फोन व अन्य उपकरणों का उपयोग संयमित करें, तथा कथा स्थल पर सामूहिक भक्ति-भाव बनाए रखें।
साधु-संतों की उपस्थिति पर उन्होंने कहा कि “देशभर से पधारे साधु-संत हमारे माध्यम से शिवभक्ति एवं समाज-सद्भावना का संदेश ले जाएंगे। उनका आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन इस आयोजन को और भी प्रभावी बनाएगा।” उन्होंने यह भी उम्मीद व्यक्त की कि युवा एवं नवयुवतियां अधिक सक्रिय हों तथा कथा-समय में जुड़कर सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बनें।
कथा आयोजन के अंत में पंडित मिश्रा ने एक सन्देश छोड़ा: “भक्ति केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि वह जीवन-शैली है जिसमें हम दूसरों की सेवा करें, अपने माता-पिता एवं बुजुर्गों का आदर करें, तथा अपने आसपास के समाज में प्रेम व सहयोग का वातावरण बनाएं।” उन्होंने कहा कि इसी भाव के साथ यह कथा सफल होगी और पवित्र धाम की भूमि पर इसका प्रभाव समाज-स्तर पर दिखाई देगा।
यह आयोजन धूप-दीप, आरती-भजन, शिव-प्रार्थना एवं लाइव प्रसारण के साथ धूमधाम से मनाया जाना है। आयोजन स्थल तथा लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से भाग लेने वाले भक्तगण अपने-अपने घरों से भी धर्मभक्ति में सहभागी बन सकते हैं।
जैसे-जैसे 14 नवंबर की शुरुआत करीब आ रही है, आयोजन को लेकर भक्त-समुदाय एवं आयोजकों में उत्साह है। इस कथा का उद्देश्य केवल सुनने का नहीं, बल्कि सुनकर जीने का है—यह संदेश पंडित मिश्रा ने बार बार दोहराया। वे उम्मीद करते हैं कि इस शिवमहापुराण कथा से ना केवल मंदिर-प्रांगण भक्ति से गूंजेगा, बल्कि समाज में संस्कार, नैतिकता और मानवता के स्वर उठेंगे।
आयोजन संक्षिप्त विवरण
स्थान: बैद्यनाथ धाम, देवघर (झारखंड)
तिथि: 14 से 19 नवंबर, 2025
कथावाचक: पंडित प्रदीप मिश्रा
मुख्य उद्देश्य: शिवभक्ति, संस्कार एवं समाज-मानवता का संदेश
विशेष निर्देश: महिलाएं जेवरहल्के पहनें, बीमार/वृद्ध लोग घर से लाइव देखें, युवा–नशा-मुक्त जीवन जिएँ
इस भव्य कथा आयोजन का शुभारंभ भक्तिमय व मंगलमय वातावरण में होगा, जिसमें शामिल होने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आध्यात्मिक एवं सामाजिक रूप से लाभ की अनुभूति होगी।
