उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु और माता योगमाया की आराधना करने से जीवन में सौभाग्य, धन-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। वर्ष 2025 में उत्पन्ना एकादशी को लेकर अक्सर लोगों में भ्रम रहता है कि यह 15 नवंबर को मनाई जाएगी या 16 नवंबर को। पंचांग के अनुसार, इस बार उत्पन्ना एकादशी 15 नवंबर 2025 (शनिवार) को पड़ रही है। इस पावन तिथि पर व्रत, पूजन और दान-पुण्य का विशेष महत्व माना गया है।

उत्पन्ना एकादशी का व्रत मन, शरीर और सांसारिक जीवन को संतुलित करने वाला माना जाता है। कहा जाता है कि इसे श्रद्धा और नियम से करने पर कारोबार, नौकरी, धन और पारिवारिक जीवन में सकारात्मक तरक्की देखने को मिलती है। आइए विस्तार से जानें इस पावन दिन की तिथि, पूजा-विधि और उन विशेष उपायों के बारे में जिनसे जीवन में सफलता और समृद्धि का मार्ग खुल सकता है।
उत्पन्ना एकादशी 2025: सही तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि वर्ष 2025 में 15 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्योदय से लेकर पूरे दिन एकादशी व्रत का पालन शुभ माना गया है। व्रतकर्ता प्रातः स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करें और निर्जला या फलाहार व्रत रखें।
उत्पन्ना एकादशी का धार्मिक महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस तिथि पर माता योगमाया का प्राकट्य हुआ था। इसलिए इसे योगमाया जयंती भी कहा जाता है। विष्णु भक्तों के लिए यह विशेष फलदायी मानी जाती है। इस दिन किए गए जप, तप और दान का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। माना जाता है कि इस व्रत से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में नई प्रगति के रास्ते बनते हैं।
पूजा-विधि: कैसे करें उत्पन्ना एकादशी का व्रत
उत्पन्ना एकादशी का व्रत नियम, संयम और पवित्रता के साथ किया जाता है। पूजा-विधि इस प्रकार है:
सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु और माता योगमाया की आराधना करें
तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं
भगवान विष्णु को पीले फूल, पीली वस्तुएं और पंचामृत अर्पित करें
विष्णुसहस्रनाम या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें
दिनभर व्रत रखें, फलाहार या जल ग्रहण कर सकते हैं
शाम को पुनः आरती करें और पूजा का समापन करें
इस व्रत को विधि-विधान से करने पर मनोवांछित फल प्राप्त होने का विश्वास है।
उत्पन्ना एकादशी के विशेष उपाय: व्यवसाय और धन वृद्धि के लिए शुभ
1. विष्णु मंत्र का 108 बार जप करें
इस दिन ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और कार्यों में गति आती है।
2. पीली वस्तुओं का दान करें
पीला वस्त्र, हल्दी, चना दाल, गुड़ जैसी वस्तुओं का दान करने से धन-लाभ और कारोबार में वृद्धि का योग बनता है।
3. लक्ष्मी-नारायण की आराधना
शाम के समय ग्यारह दीपक जलाकर लक्ष्मी-नारायण की पूजा करने से आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं और सफलता के मार्ग खुलते हैं।
4. घर में तुलसी के पास दीपक जलाएं
तुलसी के पास दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और स्वास्थ्य-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
5. जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन करवाएं
एकादशी के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को भोजन कराने से पुण्य मिलता है और जीवन में अटके कार्य सरल होने लगते हैं।
उत्पन्ना एकादशी 2025 न सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका पालन जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत करने से धन, सुख, सौभाग्य और तरक्की के अवसर प्राप्त होते हैं। यह दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने और अपनी आध्यात्मिक साधना को मजबूत करने का उत्तम अवसर माना जाता है।
यह लेख धार्मिक मान्यताओं और पौराणिक कथाओं पर आधारित है। किसी भी धार्मिक विधि या उपाय को अपनाने से पहले स्थानीय आचार्य या विद्वानों से सलाह अवश्य लें।
