नई दिल्ली/पुट्टपर्थी। श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह का यह वर्ष पूरे देश के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। बुधवार को आयोजित विशेष कार्यक्रम में बॉलीवुड की विश्व प्रसिद्ध अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई संक्षिप्त लेकिन महत्वपूर्ण मुलाकात चर्चा का मुख्य विषय बन गई। समारोह का माहौल आध्यात्मिक ऊर्जा, शांति और मानव कल्याण के संदेशों से भरा हुआ था, जहां हजारों भक्त और देश के कई विशिष्ट अतिथि शामिल हुए।

कार्यक्रम के मुख्य सत्र में ऐश्वर्या राय ने सत्य साईं बाबा की शिक्षाओं को आधुनिक समाज की आवश्यकता बताते हुए कहा कि दुनिया अनेक विभाजनों में बंटी दिखती है, लेकिन साईं बाबा का संदेश हमेशा व्यापक मानवता को जोड़ने वाला रहा है। उन्होंने कहा—
“सिर्फ एक ही जाति है, वो है मानवता की जाति। केवल एक ही धर्म है, वो है प्यार का धर्म।”
उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुआ और इसे लोगों ने साईं बाबा के मूल सिद्धांतों के सटीक प्रतिनिधित्व के रूप में सराहा।
पीएम मोदी से ऐश्वर्या राय की खास बातचीत
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सत्य साईं बाबा के जीवन और विचारों को याद करते हुए कहा कि उनका योगदान केवल आध्यात्मिक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहा, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा के क्षेत्र में भी उनका प्रभाव अद्वितीय है। यहीं मंच पर ऐश्वर्या राय और पीएम मोदी का सामना हुआ, जहां दोनों ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया और कुछ क्षणों की मुलाकात हुई। सूत्रों के मुताबिक, बातचीत का विषय सत्य साईं बाबा की शिक्षाओं, समाज सेवा और भारत की सांस्कृतिक विरासत पर केंद्रित रहा।
बताया जाता है कि पीएम मोदी ने ऐश्वर्या राय द्वारा वर्षों से किए जा रहे सामाजिक कार्यों की भी सराहना की। वहीं ऐश्वर्या ने प्रधानमंत्री को देश में चल रहे सांस्कृतिक-आध्यात्मिक अभियानों के लिए धन्यवाद दिया। दोनों की यह मुलाकात पूरी तरह सौहार्दपूर्ण और औपचारिक रही, लेकिन समारोह के माहौल में इसने विशेष आकर्षण का केंद्र बनकर सुर्खियां बटोरीं।
श्री सत्य साईं बाबा जन्म शताब्दी समारोह: भव्यता और आध्यात्मिकता का संगम
जन्म शताब्दी वर्ष का यह समारोह दक्षिण भारत के पुट्टपर्थी में आयोजित किया गया, जहां सत्य साईं बाबा ने अपना जीवन मानवता की सेवा में लगाया। समारोह में देश-विदेश के संत, विद्वान, राजनीतिक हस्तियां और फिल्म जगत के कई लोग शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत मंत्रोच्चार, वेद पाठ और विशाल सेवा परियोजनाओं के उद्घाटन से हुई। स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए कई नई घोषणाएँ की गईं। विशेष रूप से महिलाओं और गरीब तबके के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने की पहल को काफी सराहा गया।
इस अवसर पर सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट ने बताया कि आने वाले वर्षों में और अधिक सेवा केंद्र खोले जाएंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके। समारोह के दौरान कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी हुईं, जिनमें भारत के विभिन्न राज्यों की परंपराओं की झलक देखने को मिली।
ऐश्वर्या राय की उपस्थिति रही खास
फिल्म जगत में अपनी खूबसूरती और अदाकारी के लिए मशहूर ऐश्वर्या राय अक्सर आध्यात्मिक कार्यक्रमों में कम दिखाई देती हैं। लेकिन सत्य साईं बाबा से उनका जुड़ाव पुराना बताया जाता है। ऐश्वर्या ने अपने संबोधन में कहा कि साईं बाबा ने हमेशा ‘निस्वार्थ सेवा’ और ‘निःस्वार्थ प्रेम’ को मानव जीवन का मूल मंत्र बताया।
उन्होंने कहा—
“आज की दुनिया में अगर हम इन दो बातों को अपनाएं तो समाज में मौजूद अधिकतर समस्याएं खुद-ब-खुद समाप्त हो सकती हैं।”
उनके इस संदेश ने उपस्थित लोगों को गहराई से प्रभावित किया। कई लोग उनके माता-पिता के साथ जुड़े पुराने आध्यात्मिक संबंधों की भी चर्चा करते नजर आए।
समारोह में सुरक्षा और प्रबंधन बेहद मजबूत
चूंकि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री, राज्य के प्रमुख नेता और अन्य विशिष्ट अतिथि मौजूद थे, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रखी गई। कार्यक्रम स्थल के आसपास हजारों पुलिसकर्मी तैनात किए गए। ड्रोन सर्विलांस, सीसीटीवी और विशेष सुरक्षा दस्तों ने पूरे परिसर की निगरानी की।
प्रबंधन की व्यवस्था इतनी सुचारू थी कि हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी के बावजूद कहीं भी भीड़भाड़ या अव्यवस्था नहीं दिखी। भोजन, पेयजल और चिकित्सा सुविधाएँ भी उत्कृष्ट रूप से उपलब्ध कराई गईं।
सोशल मीडिया पर ऐश्वर्या–मोदी मुलाकात के चर्चे
जैसे ही ऐश्वर्या राय और पीएम मोदी की मुलाकात की तस्वीरें सामने आईं, इंटरनेट पर चर्चा तेज हो गई। लोगों ने इस मुलाकात को ‘ग्रेस और नेतृत्व का संगम’ बताया। कुछ प्रशंसकों ने इसे सकारात्मक आध्यात्मिक संदेशों के प्रसार के लिहाज से महत्वपूर्ण माना।
साईं बाबा की सार्वभौमिक शिक्षाओं की पुनर्स्थापना
इस पूरे समारोह का मुख्य उद्देश्य साईं बाबा के सार्वभौमिक प्रेम और मानवता के सिद्धांतों को दुनिया तक पहुंचाना था। समारोह ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि उनकी शिक्षाएँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी उनके जीवनकाल में थीं।
