बॉलीवुड के कपूर परिवार को लेकर एक बड़ी और भावनात्मक खबर सामने आई है। हिंदी सिनेमा के शोमैन कहे जाने वाले राज कपूर का पुश्तैनी बंगला आखिरकार 100 करोड़ रुपए में बेच दिया गया। यह वही बंगला है जिसे कपूर परिवार ने दशकों तक अपने दिल से संभालकर रखा था। जहां राज कपूर ने अपने बचपन के दिन बिताए, जहां उनके पिता पृथ्वीराज कपूर की यादें बसी हैं, वही बंगला अब किसी और के पास चला गया है। सवाल उठ रहा है—इतनी विरासत और भावनाओं से भरे घर को बेचने की आखिर क्या मजबूरी थी?

राज कपूर का वह कॉटेज—जहां इतिहास लिखा गया
राज कपूर का यह प्रतिष्ठित घर सिर्फ एक प्रॉपर्टी नहीं था, बल्कि भारतीय सिनेमा के एक पूरे युग की पहचान माना जाता था। हरी-भरी जगहों से घिरा हुआ यह कॉटेज कपूर परिवार की पीढ़ियों की कहानियों का गवाह रहा। यही वह स्थान था जहां कई बड़े पारिवारिक फैसले हुए, जहां शोमैन ने अपनी फिल्मों की तमाम कहानियों की नींव रखी।
कई बार रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और करिश्मा-करीना भी अपने इंटरव्यू में बता चुके हैं कि यह घर उनके परिवार की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि इस घर को बेचना परिवार के लिए आसान फैसला नहीं था।
क्यों बेचनी पड़ी यह विरासत? सामने आई असली वजह
सूत्रों व कपूर परिवार के करीबियों के अनुसार, इस पुश्तैनी बंगले को बेचने के पीछे कई बड़ी वजहें हैं—
1. कानूनी उलझनें और मेंटेनेंस का भारी खर्च
इस कॉटेज पर कई सालों से कानूनी विवाद चल रहे थे। पिछले वर्षों में इसके रखरखाव, सुरक्षा और कानूनी लड़ाई का खर्च करोड़ों तक पहुँच गया था।
कपूर परिवार ने कोशिश की कि किसी तरह इसे संभालकर रखा जाए, लेकिन खर्च बढ़ता ही गया।
2. परिवार के सदस्यों का अलग-अलग शहरों में रहना
समय के साथ कपूर परिवार मुंबई और विदेशों में बस चुका है।
ऐसे में इतने बड़े पुश्तैनी घर को संभालना और मेंटेन करना मुश्किल हो गया था।
घर कई सालों तक खाली ही पड़ा रहा और इसे संरक्षित रखने के लिए विशाल खर्च होता था।
3. व्यावसायिक क्षेत्र में बदलती भूमि नीति
बंगला जिस क्षेत्र में स्थित है, वह अब तेजी से विकसित होता बिजनेस जोन बन गया है।
कानूनों में बदलाव के बाद इस संपत्ति को रखना परिवार के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया था।
4. विरासत कर और संपत्ति विवाद की संभावना
सूत्रों के अनुसार, भविष्य में परिवार की अगली पीढ़ियों के बीच इसे लेकर विवाद बढ़ सकता था।
इसी से बचने के लिए परिवार ने इसे बेचने का निर्णय लिया।
100 करोड़ की भारी-भरकम डील—किसने खरीदा यह बंगला?
जानकारी के अनुसार, यह बंगला रियल एस्टेट डेवलपर्स की एक बड़ी कंपनी ने खरीदा है।
इनका प्लान है कि इस ऐतिहासिक जगह पर एक आधुनिक प्रोजेक्ट विकसित किया जाए, हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि प्रोजेक्ट कैसा होगा।
फिल्म इंडस्ट्री के कई लोग इस फैसले से भावुक हैं।
कई वरिष्ठ कलाकारों का मानना है कि यह बंगला सिनेमा की विरासत था जिसे संरक्षित किया जाना चाहिए था।
कपूर परिवार की भावनाएं—‘दिल से लिया गया फैसला’
कपूर परिवार की ओर से यह साफ किया गया है कि—
“यह फैसला दर्द के साथ लिया गया है। लेकिन परिस्थितियां ऐसी थीं कि हमें अपनी भावनाओं से ऊपर उठकर व्यावहारिक होना पड़ा।”
रणधीर कपूर ने भी एक मुलाकात में कहा था कि यह घर उनकी आत्मा से जुड़ा हुआ है, पर बदलते समय और परिस्थितियों में कभी-कभी ऐसे निर्णय लेने पड़ते हैं जो मन को स्वीकार नहीं होते।
फिल्म इंडस्ट्री में चर्चा—क्या एक युग का अंत हो गया?
राज कपूर का बंगला सिर्फ उनका नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा का धरोहर था।
यहां कई शूटिंग्स हुईं, यहां से कई फिल्मों की कहानियां निकलीं और यही वह स्थान था जहां राज कपूर का ‘स्टूडियो कल्चर’ विकसित हुआ था।
कई सिनेमाप्रेमी सोशल मीडिया पर कह रहे हैं कि यह बिक्री बॉलीवुड की विरासत का एक हिस्सा खो जाने जैसा है।
क्या सरकार या फिल्म इंडस्ट्री इसे बचा सकती थी?
कई लोगों का सुझाव है कि सरकार या किसी फिल्म संस्थान को इस बंगले को म्यूज़ियम बना देना चाहिए था, जैसे
पृथ्वीराज कपूर थिएटर
राज कपूर स्टूडियो
राज कपूर म्यूज़ियम
लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
परिवार के अनुसार, कानूनी और आर्थिक कारणों के चलते यह विकल्प व्यावहारिक नहीं था।
भावनाओं से ऊपर मजबूरी भारी
राज कपूर का यह बंगला सिर्फ दीवारें और छत नहीं था।
यह उन यादों का घर था जिन्होंने भारतीय सिनेमा को दिशा दी।
लेकिन समय के साथ परिस्थितियां बदल जाती हैं और कभी-कभी परिवार की मजबूरी विरासत से भी बड़ी हो जाती है।
