देवघर ,बाबा बैद्यनाथ की पावन भूमि देवघर में इस वर्ष आध्यात्मिक वातावरण और धार्मिक आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। दैवी संपद् मंडल के तत्वावधान में अतिरुद्र महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का नौ दिवसीय भव्य आयोजन 26 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक निर्धारित किया गया है। यह महोत्सव शहर के रामेश्वर लाल सराफ स्कूल के पीछे मैदान में आयोजित होगा। आयोजन की तैयारियां इन दिनों पूरे उफान पर हैं और पूरा शहर आध्यात्मिक स्वरूप में रंग चुका है।

सद्गुरुदेव के संकल्प पर आधारित विराट आयोजन
यह विराट महायज्ञ परम पूज्य सद्गुरुदेव ब्रह्मलीन परमहंस श्री स्वामी शारदानंद सरस्वती जी महाराज के संकल्प और प्रेरणा पर आधारित है। उनके दिव्य स्मृति को समर्पित इस आयोजन की कमान महामंडलेश्वर श्री स्वामी हरिहरानंद सरस्वती जी महाराज संभाल रहे हैं।
गुरुदेव की इच्छा को पूर्ण करने हेतु उनका संपूर्ण शिष्य परिवार, भक्तगण और देवघर के नागरिक पूरे मनोयोग से तैयारी में जुटे हैं।
आयोजन समिति से जुड़े पदाधिकारियों के अनुसार इस बार महोत्सव का पैमाना पहले से कहीं अधिक बड़ा, भव्य और सुव्यवस्थित रहेगा। हजारों की संख्या में प्रतिदिन भक्तों के पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।
25 नवंबर को भव्य शोभायात्रा निकलेगी—नगर निमंत्रण
मुख्य कार्यक्रम से एक दिन पहले 25 नवंबर को एक भव्य और विशाल शोभायात्रा नगर निमंत्रण के रूप में निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा श्री बैजनाथ धाम गौशाला, झौसागढ़ी से आरंभ होगी।
यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए यज्ञ स्थल तक पहुंचेगी।
इस शोभायात्रा में महामंडलेश्वर श्री हरिहरानंद सरस्वती जी महाराज शाही सवारी में सवार होकर पूरे परिकर के साथ नगरवासियों को यज्ञ में शामिल होने का आमंत्रण देंगे। आयोजन समिति के अनुसार यह शोभायात्रा इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र होगी।
26 नवंबर को कलश यात्रा और अग्नि स्थापना
मुख्य कार्यक्रम 26 नवंबर सुबह 7:30 बजे से आरंभ होगा।
गोपाल कृष्ण मंदिर, डीएवी स्कूल के बगल से विशाल कलश यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें हजारों महिलाएं, भक्त एवं स्थानीय श्रद्धालु भाग लेंगे। कलश यात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए यज्ञ स्थल तक पहुंचेगी।
यज्ञ स्थल पहुंचने के बाद वरुण देव आवाहन, पंचांग पूजन, और अरणी-मंथन के माध्यम से अग्नि प्रज्वलन किया जाएगा। इसी दिव्य अग्नि को मुख्य हवन कुंड एवं अन्य 108 हवन कुंडों में स्थापित किया जाएगा।
इसके साथ ही अतिरुद्र महायज्ञ विधिवत प्रारंभ हो जाएगा। यह धार्मिक अनुष्ठान प्रतिदिन सुबह से शाम तक चलेगा और 4 दिसंबर को पूर्णाहुति के साथ संपन्न होगा।

देशभर से संत, महंत और श्रद्धालुओं का आगमन
आयोजन समिति के अनुसार इस भव्य महोत्सव में देश के विभिन्न प्रांतों से कई महामंडलेश्वर, महंत, व्यास, कथा-वाचक और संत-महात्माओं का आगमन सुनिश्चित हो चुका है। झारखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, बंगाल एवं दक्षिण भारत के अनेक संत इसमें शामिल होंगे।
इसके अलावा देश के अलग-अलग राज्यों से हजारों की संख्या में भक्त और श्रद्धालु देवघर पहुंचेंगे। उनके निवास, भोजन, जल, परिवहन, चिकित्सा और सुरक्षा व्यवस्था के लिए अलग-अलग विभाग बनाए गए हैं, जो पूरी तत्परता के साथ तैयारी कर रहे हैं।
शोभायात्रा में लोक संस्कृति का अद्भुत संगम
नगर निमंत्रण शोभायात्रा इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगी।
इस यात्रा में झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों की लोक संस्कृति को शामिल किया गया है।
छऊ नृत्य,
नगाड़ा-ढोल,
झांझ-मंजीरा,
लोक वाद्य,
भजन मंडली,
सांस्कृतिक झांकी,
आदि के माध्यम से शोभायात्रा को भव्य और रंगारंग बनाने की तैयारी है। आयोजन समिति उम्मीद कर रही है कि इस बार शोभायात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की सहभागिता होगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिली विस्तृत जानकारी
यज्ञ स्थल पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महामंडलेश्वर श्री स्वामी हरिहरानंद सरस्वती जी महाराज ने मीडिया से बातचीत की।
उन्होंने बताया कि अतिरुद्र महायज्ञ का उद्देश्य समाज में शांति, स्वास्थ्य, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का संदेश देना है।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष विनोद सुल्तानिया, महामंत्री रमेश बाजला, एवं संरक्षक डॉ. गिरधारी अग्रवाल ने कार्यक्रम की रूपरेखा, व्यवस्थाओं और तैयारियों के बारे में जानकारी दी।
आयोजन में सक्रिय भूमिका निभा रहे कुमार बाजला, संयोजक प्रेम कुमार सिंघानिया, मुख्य यजमान राजेश सतनालिवाला, प्रचार-प्रसार प्रमुख पंकज कुमार पचेरीवाला सहित आयोजन समिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाओं की व्यवस्था
समिति द्वारा आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशाल भोजनालय, आवासीय कैंप, पेयजल व्यवस्था, साफ-सफाई, लाइटिंग, पार्किंग और सुरक्षा व्यवस्था की गई है। साथ ही चिकित्सा शिविर, स्वयंसेवकों की टीम, और मदद केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
धार्मिक आस्था और आध्यात्मिक वातावरण का होगा संगम
देवघर हमेशा से आध्यात्मिक गतिविधियों का केंद्र रहा है, लेकिन इस बार आयोजित होने वाला अतिरुद्र महायज्ञ पूरे शहर में एक दिव्य ऊर्जा का अनुभव कराएगा। कथा, यज्ञ, भजन-कीर्तन और विशाल संत-समागम के माध्यम से यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय अवसर प्रदान करेगा।
