देवघर जिले के जसीडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत जगमनीया गांव से एक हृदयविदारक और भयावह घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को दहला कर रख दिया। दहेज की कुप्रथा एक बार फिर एक मासूम जीवन पर भारी पड़ गई। मृतका की पहचान मृतिका तनुजा खातून, पति शापजुल अंसारी निवासी जगमनीया के रूप में की गई है। तनुजा की शादी पिछले साल दिसंबर 2024 में हुई थी। शादी को एक साल भी पूरा नहीं हुआ था और विवाहिता के हाथों की मेहंदी का रंग भी पूरी तरह नहीं छूटा था कि उस पर अत्याचारों का सिलसिला शुरू हो गया और अंततः उसकी जान चली गई।

दहेज की मांग बना मौत की वजह: मायके पक्ष का आरोप
मायके पक्ष के अनुसार, शादी के कुछ ही दिनों बाद से तनुजा को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। परिवार का कहना है कि ससुराल पक्ष की ओर से मोटरसाइकिल, नकदी और अन्य सामान की मांग लगातार बढ़ती गई। मायके वालों ने कई बार समझाने की कोशिश की, यहां तक कि गांव में पंचायत भी बैठी, लेकिन ससुराल पक्ष का रवैया नहीं बदला।
परिजनों ने बताया कि तनुजा कई बार फोन पर रोते हुए अपनी पीड़ा बताती थी। उसने कहा था कि अगर दहेज पूरा नहीं हुआ तो उसकी जान को खतरा है। लेकिन कोई यह नहीं समझ पाया कि खतरा इतना बड़ा रूप ले लेगा।
संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, गांव में तनाव
मंगलवार रात तनुजा की मौत की खबर गांव में आग की तरह फैल गई। ग्रामीणों के अनुसार, घटना संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है और ससुराल पक्ष ने इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की। लेकिन मायके पक्ष का आरोप है कि यह एक सोची-समझी हत्या है, जिसमें पूरे परिवार की संलिप्तता है।
मृतका के मायके पक्ष के लोगों ने बताया कि उन्हें फोन कर सूचना नहीं दी गई, बल्कि गांव के अन्य लोगों से घटना की जानकारी मिली। जब वे पहुंचे तो तनुजा का शव आंगन में पड़ा था और ससुराल वाले घटनास्थल से गायब थे। यह स्थिति मामले को और भी गंभीर बनाती है।
घटना की सूचना पर पुलिस की कार्रवाई
जसीडीह थाना पुलिस सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची और पूरे मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु देवघर सदर अस्पताल भेज दिया है। थाना प्रभारी ने बताया कि मृतका के भाई की लिखित शिकायत पर पति शापजुल अंसारी समेत ससुराल पक्ष के कई सदस्यों के खिलाफ दहेज हत्या, हत्या की साजिश, और महिला उत्पीड़न की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
पुलिस टीम ने आरोपी पति और अन्य परिजनों की तलाश शुरू कर दी है। कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की वास्तविक पुष्टि हो पाएगी।
परिजनों में मातम, गांव में आक्रोश
घटना के बाद मृतका के मायके में कोहराम मच गया है। मृतका की मां-बाप और भाई-बहन का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार का कहना है कि तनुजा एक खुशमिजाज और शांत स्वभाव की लड़की थी। वह हमेशा घर की इज्जत और ससुराल वालों की सेवा में लगी रहती थी।
गांव में स्थानीय महिलाओं ने दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं समाज के लिए शर्मनाक हैं। ग्रामीणों ने आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की है।
दहेज प्रथा पर उठ रहे सवाल
यह घटना एक बार फिर सवाल खड़े करती है कि दहेज की कुप्रथा कब समाप्त होगी? कानून सख्त होने के बावजूद दहेज के लिए महिलाओं को प्रताड़ित किए जाने और उनकी हत्या की घटनाएं रुक नहीं रही हैं।
भारत में प्रत्येक वर्ष हजारों महिलाओं की मौत दहेज हत्या के रूप में दर्ज होती है, लेकिन सामाजिक कुरीतियों और लालच के कारण यह काला अध्याय खत्म नहीं हो पा रहा।
सामाजिक संगठनों ने उठाई बड़ी मांग
देवघर जिले के कई सामाजिक संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। संगठनों का कहना है कि ऐसे मामलों में त्वरित न्याय होना चाहिए ताकि समाज में दहेज के खिलाफ कड़ा संदेश जाए।
महिला संगठन की सदस्यों ने कहा कि तनुजा की मौत सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि समाज पर उठाया गया एक बड़ा सवाल है। यदि आरोपी को कड़ी सजा मिलती है तो यह आने वाले समय में ऐसी घटनाओं को रोकने में सहायक साबित होगा।
पूरे मामले की गहन जांच जारी
जसीडीह पुलिस ने कहा है कि इस मामले की जांच तेज गति से की जा रही है और यदि यह दहेज हत्या साबित होती है तो दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। जांच टीम ससुराल पक्ष के सभी सदस्यों के बयान, घटनास्थल की स्थिति, पड़ोसियों की गवाही और मोबाइल कॉल रिकॉर्ड समेत अन्य प्रमाणों को खंगाल रही है।
जगमनीया गांव की यह घटना समाज की उस कड़वी हकीकत को उजागर करती है, जहां दहेज की वजह से एक विवाहिता की जिंदगी छिन गई। जिस घर में खुशियां होनी चाहिए थीं, वहां मातम छा गया। अब सबकी नजरें पुलिस की जांच और न्यायिक प्रक्रिया पर टिकी है।
