श्रीलंका में भारी तबाही मचाने के बाद विनाशकारी चक्रवाती तूफान ‘दितवाह’ (Ditvah Cyclone) अब भारत के तटीय इलाकों की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों में अगले 48 घंटों के दौरान अधिकतम 100 किमी/घंटा तक की रफ्तार वाली तेज़ हवाओं, भारी से अति भारी वर्षा और समुद्र में ऊंची लहरों का अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग के अनुसार यह तूफान अगले कुछ घंटों में और सशक्त होकर ‘सीवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म’ का रूप ले सकता है, जिससे इसके प्रभाव और अधिक खतरनाक हो सकते हैं।

श्रीलंका में भारी तबाही के बाद भारत की ओर रुख
तूफान दितवाह ने श्रीलंका के दक्षिण और पूर्वी हिस्सों में प्रचंड बारिश, तेज़ हवाओं और तटीय इलाकों में जलभराव जैसे हालात पैदा किए। दर्जनों घर क्षतिग्रस्त हुए, कई इलाकों में पेड़ और बिजली के पोल गिरने से जनजीवन ठप हो गया।
विशेषज्ञों के अनुसार यह तूफान समुद्र के ऊपर से ऊर्जा लेकर और ताकतवर हो चुका है, जिसके चलते भारत के तटीय जिलों में इसका असर गंभीर हो सकता है।
तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में रेड और ऑरेंज अलर्ट
IMD ने अगले 24–48 घंटे के लिए तटीय क्षेत्रों में विभिन्न स्तरों के अलर्ट जारी किए हैं—
1. तमिलनाडु
चेंगलपट्टू, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम, नागपट्टिनम, पुडुकोट्टई और कुड्डालोर जिलों में भारी से अति भारी वर्षा का अनुमान।
70–100 किमी/घंटा तक की तेज़ हवाएं चल सकती हैं।
समुद्र में 8 से 12 फीट तक ऊंची लहरों की चेतावनी।
मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत।
2. पुडुचेरी
लगातार भारी बारिश का अलर्ट।
हवाओं की रफ्तार 60–80 किमी/घंटा तक जा सकती है।
पर्यटन स्थलों और समुद्री तटों पर सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ाए गए।
3. आंध्र प्रदेश
नेल्लोर, प्रकाशम और पूर्वी गोदावरी जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान।
कुछ इलाकों में फ्लैश फ्लड और जलभराव की आशंका।
प्रशासन ने राहत दलों को हाई-अलर्ट पर रखा है।
स्कूल-कॉलेज बंद, मछुआरों पर प्रतिबंध
चक्रवात के खतरे को देखते हुए कई तटीय जिलों में प्रशासन ने एहतियात के तौर पर स्कूल और कॉलेज बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
कई स्थानों पर समुद्र किनारे बैरिकेडिंग लगाई गई है और लोगों को बीच पर न जाने की अपील की गई है।
मछुआरों को अगले तीन दिनों तक समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी गई है, क्योंकि समुद्र में लहरों की ऊंचाई और धार दोनों बेहद खतरनाक हो सकती हैं।
एनडीआरएफ और SDRF की टीमें तैनात
चक्रवात के संभावित प्रभाव को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने व्यापक तैयारी की है।
एनडीआरएफ की 20 से अधिक टीमों को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है।
राज्य आपदा राहत दल (SDRF) को भी तैयार रखा गया है।
तटीय जिलों में कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए गए हैं।
अस्पतालों, परिवहन और बिजली विभाग को भी हाई-अलर्ट पर रखा गया है।
IMD ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि तूफान के जमीन से टकराने की स्थिति में भारी पेड़ गिरना, बिजली आपूर्ति बाधित होना, सड़कों पर जलभराव और घरों की छतें उड़ने जैसे हालात बन सकते हैं।
तूफान की वर्तमान स्थिति – क्या कहता है IMD?
दितवाह इस समय बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम और मध्य हिस्सों में सक्रिय है।
अगले 12–18 घंटों में तूफान उत्तर-पश्चिम की दिशा में आगे बढ़ते हुए और गहराता जाएगा।
यह संभावना है कि 48 घंटों के अंदर यह तमिलनाडु–आंध्र तट के करीब पहुंचेगा।
भूमि से टकराने के बाद इसकी रफ्तार कम हो सकती है, लेकिन बारिश का प्रभाव लंबे समय तक रहेगा।
IMD के वैज्ञानिकों के अनुसार इस तूफान की दिशा और गति में हर छह घंटे में बदलाव संभव है, इसलिए प्रशासनिक सजगता बेहद ज़रूरी है।
केंद्र की अपील – सतर्क रहें, अफवाहों पर ध्यान न दें
भारत सरकार और राज्य सरकारों ने लोगों से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक चेतावनियों पर भरोसा करें और अफवाहों से दूर रहें।
तटीय क्षेत्रों के लोगों को जरूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के लिए राहत केंद्र तैयार हैं।
तूफान ‘दितवाह’ क्यों है खतरनाक?
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार:
यह तूफान समुद्र के गर्म तापमान के कारण तेजी से शक्ति प्राप्त कर रहा है।
हवा की रफ्तार में अचानक बढ़ोतरी से इससे तटीय संरचनाओं को भारी नुकसान हो सकता है।
बंगाल की खाड़ी में बनने वाले चक्रवात अचानक दिशा बदलने में सक्षम होते हैं, जिससे अनुमान लगाना मुश्किल होता है।
आगे क्या होगा?
अगर ‘दितवाह’ अगले 24 घंटों में ‘सीवियर साइक्लोन’ में बदलता है, तो:
तटीय इलाकों में पेड़ और बिजली खंभे गिर सकते हैं।
समुद्र का जल स्तर बढ़ने से तटीय गांवों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
परिवहन व्यवस्था बाधित होगी, उड़ानों और ट्रेनों पर असर पड़ सकता है।
ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती के लंबा चलने के आसार हैं।
अगले 48 घंटे तूफान के लिए सबसे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
