भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, खासकर WhatsApp जैसे मैसेजिंग ऐप्स पर रोज़ाना करोड़ों लोग जानकारी, फोटो, वीडियो और मैसेज शेयर करते हैं। लेकिन इसी बीच सरकार ने एक बार फिर नागरिकों को सख्त चेतावनी जारी की है। सरकार के अनुसार WhatsApp पर की गई कुछ गंभीर गलतियाँ न सिर्फ भारी जुर्माना दिला सकती हैं, बल्कि सीधा जेल भी हो सकता है।

डिजिटल कम्युनिकेशन को सुरक्षित बनाने, फेक न्यूज पर रोक लगाने और साइबर अपराध को नियंत्रित करने के लिए IT Act 2000 और IT Rules 2021 के तहत कई प्रावधान लागू हैं, जिनका पालन हर नागरिक को करना अनिवार्य है।
WhatsApp पर क्या-क्या करना अपराध है? सरकार ने जारी की चेतावनी
सरकार ने साफ कहा है कि सोशल मीडिया पर ‘कुछ भी’ फॉरवर्ड करने का दौर अब खत्म हो चुका है। आप WhatsApp पर जो भी मेसेज भेजते, फॉरवर्ड करते या शेयर करते हैं, उसकी जिम्मेदारी आपकी ही मानी जाएगी।
1. फेक न्यूज या अफवाह फैलाना
यदि कोई व्यक्ति WhatsApp पर फेक न्यूज, भड़काऊ संदेश, अफवाह या समाज में शांति भंग करने वाली सामग्री शेयर करता है, तो उसके खिलाफ IPC की धारा 153A, 295A, 505 और IT Act की धारा 66D के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
इसमें 3 साल तक की जेल और जुर्माना शामिल है।
2. धर्म, जाति या समुदाय को लेकर आपत्तिजनक सामग्री
भारत के कानून में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना बेहद जरूरी माना गया है।
यदि कोई मैसेज या पोस्ट धर्म, जाति या समुदाय को निशाना बनाता है, तो यह धारा 153A और 295A के तहत दंडनीय अपराध है।
अपराध साबित होने पर—
3 से 5 साल की जेल
भारी जुर्माना
3. महिलाओं से संबंधित अश्लील कंटेंट भेजना
महिलाओं के सम्मान से जुड़ी सामग्री पर सरकार शून्य सहनशीलता नीति अपनाती है।
WhatsApp पर अश्लील फोटो/वीडियो भेजना, किसी महिला को अपमानजनक मेसेज करना, मॉर्फ्ड तस्वीर भेजना, या गलत तरीके से किसी महिला की फोटो शेयर करना गंभीर अपराध है।
इसके लिए IT Act Section 67, 67A के तहत—
5 साल तक की जेल
10 लाख रुपये तक का जुर्माना
4. किसी की प्राइवेट फोटो/वीडियो शेयर करना
बहुत से लोग अनजाने में किसी की प्राइवेट फोटो या वीडियो फॉरवर्ड कर देते हैं।
सरकार ने चेतावनी दी है कि किसी भी व्यक्ति की निजी तस्वीरें या वीडियो बिना अनुमति शेयर करना IT Act 66E के तहत अपराध है।
इस पर
3 साल की जेल
2 लाख रुपये तक का जुर्माना
5. ठगी या फ्रॉड मैसेज करना
फर्जी लॉटरी, नौकरी, इनाम, बैंक कॉल, KYC अपडेट जैसे फ्रॉड मैसेज भेजना या शेयर करना IT Act 66D के तहत साइबर फ्रॉड माना जाता है।
इसमें
7 साल तक की जेल
जुर्माना
6. दूसरों की पहचान का गलत इस्तेमाल
यदि कोई व्यक्ति व्हाट्सऐप पर किसी दूसरे के फोटो, नाम या पहचान का इस्तेमाल करके अकाउंट बनाता है या मैसेज भेजता है, तो यह इम्पर्सनेशन (Impersonation) कहलाता है।
IT Act 66C के तहत
3 साल की जेल
जुर्माना
WhatsApp ग्रुप एडमिन की बड़ी जिम्मेदारी!
सरकार ने स्पष्ट किया है कि WhatsApp ग्रुप में गलत मैसेज फैलाने की जिम्मेदारी सिर्फ भेजने वाले की नहीं, बल्कि ग्रुप एडमिन की भी होती है।
यदि किसी ग्रुप में नफरत फैलाने वाला कंटेंट फॉरवर्ड होता है और एडमिन उसे हटाने या रोकने में विफल रहता है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
ग्रुप एडमिन पर कार्रवाई
चेतावनी
FIR
जेल तक की सजा
आपके एक फॉरवर्ड से बदल सकती है जिंदगी
सरकार ने कहा है कि ‘‘सोशल मीडिया पर फॉरवर्ड करने से पहले सोचें, क्योंकि आपका एक मेसेज आपको जेल तक पहुंचा सकता है।’’
सरकार की ओर से 3 प्रमुख निर्देश:
1. किसी भी मैसेज को बिना जांचे फॉरवर्ड न करें।
2. संदिग्ध लिंक, फोटो, वीडियो से दूरी बनाएं।
3. किसी भी अवैध, आपत्तिजनक या संवेदनशील कंटेंट को तुरंत डिलीट करें।
क्या है सरकार का मकसद?
सरकार का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सुरक्षित डिजिटल वातावरण प्रदान करना है। WhatsApp जैसे प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना और साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे थे, जिसके चलते कड़े नियम लागू किए गए।
सरकार चाहती है कि
सोशल मीडिया का दुरुपयोग न हो
फेक न्यूज पर रोक लगे
महिलाओं की सुरक्षा बढ़े
साइबर फ्रॉड कम हों
क्या करें और क्या न करें?
तथ्यात्मक, जिम्मेदार और सत्यापित जानकारी ही शेयर करें
संदिग्ध लिंक न खोलें
साइबर अपराध की जानकारी तुरंत पुलिस को दें
ग्रुप एडमिन अनुशासन बनाए रखें
न करें
अफवाह, भड़काऊ या हिंसक मैसेज न भेजें
किसी की निजी फोटो/वीडियो शेयर न करें
महिलाओं के खिलाफ कोई भी अपमानजनक कंटेंट न भेजें
बिना जानकारी वाले मैसेज फॉरवर्ड न करें
WhatsApp अब सिर्फ चैट ऐप नहीं बल्कि डिजिटल साक्ष्य का एक बड़ा स्रोत बन चुका है। सरकार ने साफ कर दिया है कि ‘‘सोशल मीडिया की आज़ादी का मतलब कानून तोड़ने की आज़ादी नहीं है’’।
इसलिए हर नागरिक को डिजिटल जिम्मेदारी निभानी होगी।
एक गलत मैसेज आपकी पूरी जिंदगी को कानूनी मुसीबत में डाल सकता है।
