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Cyclone Ditva Impact: कई राज्यों में अगले 48 घंटों तक मौसम रहेगा बिगड़ा। दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उत्तरी श्रीलंका के तट के पास सक्रिय हुआ चक्रवाती तूफान दित्वा तेजी से मजबूत हो रहा है। मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि तूफान के प्रभाव से 30 नवंबर से 1 दिसंबर तक दक्षिण भारत के कई राज्यों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, रायलसीमा और तेलंगाना पर इसका गहरा असर पड़ेगा, जबकि केरल और माहे में भी मौसम खराब हो सकता है।
तूफान दित्वा का प्रभाव: किन राज्यों में सबसे ज्यादा असर?
IMD के अनुसार, चक्रवाती तूफान दित्वा के कारण दक्षिण भारत के कई हिस्सों में बारिश का दौर तेज हो गया है और अगले दो दिनों तक इसका असर और बढ़ेगा।
30 नवंबर: तटीय तमिलनाडु में बहुत ज्यादा भारी बारिश की आशंका, कुछ इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश भी।

1 दिसंबर तक: तटीय आंध्र प्रदेश, यनम और रायलसीमा में भारी से बहुत भारी बारिश के मजबूत संकेत।
1 दिसंबर: तेलंगाना में भी तेज बारिश होने का अनुमान।
29 नवंबर: केरल और माहे में भारी बारिश का पूर्वानुमान पहले ही जारी किया जा चुका है।
मौसम विभाग का कहना है कि तूफान बंगाल की खाड़ी से गुजरते हुए मजबूत अवदाब में बदल चुका है, जिससे आसपास के तटीय इलाकों में भारी बादल और तेज हवाएं सक्रिय हो गई हैं।
उत्तर भारत में ठंड बढ़ेगी, गिरेगा पारा
जहां दक्षिण भारत बारिश से परेशान रहेगा, वहीं उत्तर भारत में ठंड बढ़ने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार:
अगले 3 दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम यूपी) में न्यूनतम तापमान 2–4 डिग्री तक गिर सकता है।
इसके बाद मौसम सामान्य हो जाएगा, यानी तापमान में विशेष बदलाव नहीं होगा।
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में तापमान फिलहाल सामान्य रहने की संभावना है, लेकिन 3 दिनों के बाद वहां भी रात का तापमान 2–3 डिग्री तक कम हो सकता है।
तेज हवाओं और साफ आसमान के चलते आने वाले दिनों में सुबह और देर शाम की ठंड बढ़ जाएगी।
समुद्र में बढ़ा खतरा, मछुआरों को चेतावनी
IMD ने तटीय इलाकों में समुद्र में ऊंची लहरों और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है।
मछुआरों को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम और तमिलनाडु–आंध्र के तटीय इलाकों में समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
समुद्र पूरी तरह उथल-पुथल में रहेगा, इसलिए अगले 48–72 घंटों तक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
दक्षिण भारत में स्कूल-कॉलेज बंद होने की संभावना
कुछ तटीय जिलों में प्रशासन ने पहले ही राहत दलों को तैयार रहने को कहा है। भारी बारिश की आशंका को देखते हुए कई जिलों में स्कूल–कॉलेज बंद किए जा सकते हैं। बिजली कटौती, पेड़ों के गिरने और जलजमाव की भी आशंका जताई गई है।
