देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो (IndiGo) इन दिनों संकट के दौर से गुजर रही है। बीते 24 घंटों में इंडिगो की 100 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि 200 से ज्यादा उड़ानें घंटों की देरी का सामना करती रहीं। इससे देशभर के एयरपोर्ट्स पर हजारों यात्री फंसे रहे। सोशल मीडिया पर शिकायतों की बाढ़ आ गई, जिसके बाद विमानन नियामक संस्था DGCA ने कड़ा रूख अपनाते हुए इंडिगो के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया है।

DGCA ने एयरलाइन से पूछा है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में उड़ानें क्यों रद्द हुईं, और भविष्य में ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पायलट यूनियन ने भी एयरलाइन से पायलटों की कमी, कार्य-घंटों और फैटीग रिस्क मैनेजमेंट (Fatigue Risk Management System) को गंभीरता से लेने की अपील की है।
यात्रियों की परेशानी: एयरपोर्ट्स पर लंबी कतारें और अफरा-तफरी
दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता एयरपोर्ट पर सुबह से ही यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिली।
कई यात्री समय पर विमान न मिलने के कारण कनेक्टिंग फ्लाइट मिस कर गए।
कुछ यात्रियों को 6 से 10 घंटे तक देरी झेलनी पड़ी।
कई लोगों के टिकट कैंसल हुए, लेकिन उन्हें रिफंड और रीशेड்யूलिंग में दिक्कतें आईं।
सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए, जिनमें यात्री एयरलाइन स्टाफ से बहस करते दिखे। कुछ पैसेंजर्स ने दावा किया कि उन्हें देरी की जानकारी लास्ट मिनट पर दी गई।
पायलटों की कमी और ओवरवर्किंग बड़ा कारण?
इंडिगो के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, हाल के महीनों में पायलटों की पर्याप्त उपलब्धता का संकट सामने आया है।
पायलट एसोसिएशन का कहना है कि—
कई पायलट लगातार अधिक घंटे उड़ान भर रहे हैं।
थकान (Fatigue) बढ़ने से सुरक्षा जोखिम भी बढ़ता है।
एयरलाइन को पायलट स्टाफिंग प्लान पर पुनर्विचार करना चाहिए।
पायलट संघ ने DGCA से भी अनुरोध किया है कि वह एयरलाइन को Fatigue Risk Management System (FRMS) को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए बाध्य करे, जिससे फ्लाइट ऑपरेशंस सुरक्षित ढंग से चलाए जा सकें।
DGCA का कड़ा रूख: मांगें जवाब और सुधार योजना
DGCA के अधिकारियों के मुताबिक, इंडिगो की उड़ानों में हो रही रद्दीकरण और देरी को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
DGCA ने इंडिगो से इन बिंदुओं पर जवाब देने को कहा है—
1. अचानक इतनी बड़ी संख्या में उड़ानें क्यों रद्द की गईं?
2. क्या पायलटों की कमी या थकान इसका कारण है?
3. क्या एयरलाइन ने कंटीजेंसी प्लान तैयार किया था?
4. यात्रियों को हुई असुविधा के लिए क्या क्षतिपूर्ति की जाएगी?
5. भविष्य में ऐसी अव्यवस्था रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
सूत्रों के अनुसार, DGCA एयरलाइन पर दंडात्मक कार्रवाई भी कर सकता है, यदि लापरवाही सिद्ध होती है।
इंडिगो का सफाई बयान—“ऑपरेशनल री-एडजस्टमेंट” बताया कारण
इंडिगो ने बयान जारी कर कहा कि उड़ानें ऑपरेशनल एडजस्टमेंट के कारण रद्द की गईं।
एयरलाइन ने दावा किया कि—
कुछ रूटों पर मांग बढ़ने के कारण बॉम्बार्डियर और एयरबस एयरक्राफ्ट को पुनः तैनात करना पड़ा।
क्रू प्रबंधन में अस्थायी बदलाव हुए।
हालांकि कई विशेषज्ञ इससे सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि लगातार हो रही देरी और रद्दीकरण केवल ऑपरेशनल री-एडजस्टमेंट से नहीं, बल्कि बड़े स्तर की स्टाफिंग और प्लानिंग समस्या की ओर इशारा करते हैं।
यात्रियों के लिए राहत के कदम—क्या करेगा इंडिगो?
स्थिति को देखते हुए इंडिगो ने यात्रियों को राहत देने के लिए कुछ कदमों की घोषणा की है—
प्रभावित यात्रियों को फुल रिफंड या फ्री रीशेड्यूलिंग की सुविधा।
एयरपोर्ट्स पर अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती।
ग्राहकों को SMS और ईमेल द्वारा देरी की जानकारी।
हालांकि यात्रियों का कहना है कि इन उपायों के बावजूद कई लोग अभी भी समय पर समाधान नहीं पा रहे हैं।
इंडिगो की ब्रांड इमेज पर असर?
देश की प्रमुख एयरलाइन होने के बावजूद इंडिगो पिछले कुछ महीनों से लगातार—
तकनीकी समस्या,
फ्लाइट कैंसिलेशन,
क्रू स्टाफ की कमी
—जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है।
ऐसे में उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इंडिगो तेजी से सुधार नहीं करता, तो इसकी ब्रांड विश्वसनीयता पर गंभीर असर पड़ सकता है।
क्या आगे भी उड़ानों पर पड़ेगा असर?
ऐसे संकेत हैं कि आने वाले कुछ दिनों तक इंडिगो की उड़ानों पर हल्के-फुल्के व्यवधान जारी रह सकते हैं, क्योंकि DGCA की जांच और पायलट शेड्यूलिंग में बदलाव समय ले सकते हैं।
यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि—
एयरपोर्ट आने से पहले फ्लाइट स्टेटस चेक कर लें।
वैकल्पिक यात्रा विकल्पों पर ध्यान दें।
अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के लिए अतिरिक्त समय रखें।
इंडिगो के हालिया उड़ान संकट ने यह साफ कर दिया है कि भारत के तेजी से बढ़ते एविएशन सेक्टर में मानव संसाधन, सुरक्षा और ऑपरेशनल प्लानिंग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। DGCA की सख्ती के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि एयरलाइन जल्द सुधारात्मक कदम उठाएगी और यात्रियों की परेशानियां कम होंगी।
